जरूरी है शरीर की साफ-सफाई Cleanliness of the body is important
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नाखूनों की सफाई
पैर-हाथ की उंगलियों के नाखूनों को नियमित रूप से प्रति दस दिन के उपरांत काटते रहें। अगर हाथों के नाखून लंबे रखने का शौक है तो उन्हें साफ रखें क्योंकि उनमें जमी गंदगी भोजन के साथ पेट में जाती है जो हमारे स्वास्थ्य हेतु बहुत गलत है।
जीभ की सफाई
जीभ की सफाई हमें कई रोगों से बचाती है क्योंकि जो भी हम खाते हैं, जीभ की सहायता से वही हमारे पेट में जाता है। जीभ पर जमी मैल खाने के साथ अंदर जाकर पेट संबंधी रोगों को बढ़ाने में मदद करती है। जीभ को हर प्रात: ब्रश करने के उपरांत जीभी या दातुन से हल्का रगड़ कर साफ करना चाहिए।
दांत और गले की सफाई
- दांतों की सफाई दिन में दो बार अवश्य करनी चाहिए, एक बार प्रात: और एक बार रात्रि के भोजन के उपरांत। वैसे तो डॉक्टर दांतों की सुरक्षा हेतु हर भोजन के बाद दांत साफ करने की सलाह देते हैं। ब्रश नहीं कर सकते तो उंगलियों से रगड़कर कुल्ला हर भोजन के उपरांत अवश्य करना चाहिए ताकि भोजन के अंश दांतों के बीच फंस कर इंफेक्शन या सड़न पैदा न कर सकें।
- प्रतिदिन गर्म पानी में नमक मिलाकर गरारे करने से गले के विभिन्न रोगों से बचाव होता है।
कान की सफाई
10-15 दिन के अंतराल में ईयर बड पर वैसलीन या तेल लगा कर कान की हल्के हाथें से सफाई कर लेनी चाहिए ताकि कान के अंदर जमा मैल साफ हो सके। कानों के पीछे भी नहाते समय उंगलियों से हल्का रगड़ कर साफ रखें। फिर उसे नर्म तौलिए से पोंछ कर सुखा लें।
बालों की सफाई
- कम से कम सप्ताह में दो बार बालों को अवश्य धोएं। अगर बाल तैलीय हैं तो सप्ताह में तीन बार धो सकते हैं। अधिक धूल मिट्टी से गंदे होने पर भी सप्ताह में तीन बार धो सकते हैं।
- शैम्पू से बाल धोने के पश्चात कंडीशनर अवश्य लगाएं ताकि नमी बनी रहे।
- शिकाकाई, आंवले, रीठे के पाउडर से भी बाल धो सकते हैं। बाल नर्म और काले रहेंगे।
- बालों की सफाई के साथ-साथ बालों पर तेल की हल्के हाथों से मालिश सप्ताह में एक बार अवश्य करें।
- उंगलियों के अगले पोरों से बालों को सहलाएं, फिर गति धीरे-धीरे बढ़ा दें। इस प्रक्रि या को 5 से 7 मिनट तक करें, ताकि रक्त-संचार ठीक रहे।
आंखों की सफाई
- प्रात: उठने के बाद अपना चेहरा और आंखें ताजे स्वच्छ जल से धोएं। कहीं बाहर से आने के बाद चेहरा-आंखें धोएं ताकि धुएं और मिट्टी से चेहरे की त्वचा और आंखें साफ रहें।
- शुद्ध गुलाब जल की बूंदें आंखों में टपकाने से आंखों की जलन, लाली, थकान दूर होती है। पढ़ते समय किताब, मैंगजीन आंखों से थोड़ा दूर रखें।
- धूप में बाहर जाते समय गॉगल्स का प्रयोग करें ताकि आंखें धूप और धूल से सुरक्षित रहें।
शरीर की सफाई
- नहाने से पूर्व शरीर पर सरसों के तेल से मालिश करें या उबटन लगाएं। शरीर में चुस्ती बनी रहेगी और त्वचा में निखार बना रहेगा। ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक रहेगा।
- नहाने के उपरांत ठीक से नर्म तौलिए से त्वचा को साफ करें।
- मौसमानुसार प्रतिदिन गर्म, ताजे जल से स्रान अवश्य करना चाहिए। गर्मियों में आप दो बार भी स्रान कर सकते हैं क्योंकि गर्मियों में पसीना अधिक आता है और शरीर में जलन खुजली धूप के कारण अधिक होती है।
- गर्मियों में नहाते समय जल में गुलाब जल, नींबू या डिटॉल की कुछ बूंदें और नींबू के छिलके बाल्टी में डाल लें। नहाने के बाद शरीर में तरोताजगी बनी रहेगी।
- सर्दियों में हल्के गुनगुने पानी में तेल की कुछ बूंदें मिला लें ताकि त्वचा में नमी बनी रहे।
नाक की सफाई
- सप्ताह में दो बार नाक के छिद्रों में सरसों के तेल की दो बूंदें डालें ताकि अंदर की पपड़ी जमने न पाए।
- नासिका द्वार से पानी ऊपर की ओर खींचकर पुन: उसे छिड़क कर साफ करें ताकि नाक की दीवारों के साथ चिपकी गंदगी बाहर आसानी से निकल सके। उसके बाद छोटी उंगली से तेल नाक के छिर्द्रों में चुपड़ दें अंदर की ओर।
-नीतू गुप्ता
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