India Book of Records pearlmeet insan

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज india book of records
पेरियॉडिक टेबल में 7 वर्षीय पर्लमीत इन्सां ने बनाया रिकॉर्ड
‘होनहार बिरवान के होत चिकने पात’ की कहावत को चरितार्थ करते हुए पर्लमीत इन्सां ने पेरियॉडिक टेबल को मात्र 38 सैकिंड में सुना कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, जो रिकॉर्ड के तौर पर दर्ज हुआ है। पर्लमीत इन्सां सेंट एमएसजी ग्लोरियस इंटरनेशनल स्कूल, सरसा की कक्षा तीसरी की छात्रा हैं। पर्लमीत इन्सां को अकसर अपनी पढ़ाई के साथ-साथ नई-नई चीजें करने व सीखने का हमेशा जुनून सवार रहता है।

पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के साहिबजादे जसमीत सिंह जी इन्सां व हुस्नमीत इन्सां के अनुसार, उनकी बेटी पर्लमीत इन्सां बचपन से ही बेहद कुशाग्र बुद्धि है। टीचर बताते हैं कि पर्लमीत इन्सां की पढ़ने एवं याद रखने की क्षमता अद्भूत है। इस प्रतिभा में और निखार लाने के उद्देश्यार्थ ही 17 फरवरी को दिल्ली स्थित इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स के समक्ष पर्लमीत इन्सां ने बेहतर प्रदर्शन दिखाया। सात साल एवं 11 महीने की पर्लमीत इन्सां ने मात्र 38 सैकिंड में ही पूरी पेरियॉडिक टेबल सुनाकर नया रिकॉर्ड बना दिया।

इतनी कम उम्र के बच्चे की प्रतिभा को देख इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स के सदस्य भी प्रभावित हुए। उनका कहना था कि पर्लमीत इन्सां का इतने कठिन शब्दों को याद करना, सहजता से उच्चारण और बोलने की स्पीड अद्भुत है। वर्णनीय है कि पेरियॉडिक टेबल में कुल 118 तत्व हैं, जो कि कैमिस्ट्री के काफी कठिन शब्द हैं, जिन्हें 7 साल के बच्चे मुश्किल से ही पढ़ पाते हैं, इन्हें याद रखना छोटे बच्चों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।

india book of records पर्लमीत इन्सां ने नया रिकार्ड बनाने के साथ ही 9 वर्षीय दिव्यम दादासाहेब भोरे, पुणे (महाराष्ट्र) का 16 सितंबर 2019 का 43 सैकिंड का पूर्व रिकार्ड भी तोड़ दिया। इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स के अनुसार पर्लमीत इन्सां का पेरियॉडिक टेबल रिकॉर्ड वर्ष 2021 की बुक में प्रकाशित होगा, जोकि जनवरी 2021 को बाजार में आएगी। पर्लमीत इन्सां द्वारा 38 सैकिंड में पेरियॉडिक टेबल सुना कर रिकॉर्ड स्थापित करने पर इंडिया बुक आॅफ रिकार्ड्स की ओर से उन्हें प्रशंसा पत्र एवं एक गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया है।

सफलता का श्रेय पूज्य गुरु जी को दिया
पर्लमीत इन्सां की इस सफलता से न केवल स्कूल एवं माता-पिता खुश हैं, बल्कि पूरा सरसा जिला इस उपलब्धि पर गद्गद् है। पर्लमीत इन्सां ने अपनी सफलता का श्रेय पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को दिया है।

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