Carrot In Winter सर्दियों का मौसम आ गया है और इस मौसम में रंग-बिरंगी सब्जियों के सेवन का मजा ही कुछ और है। चाहे बात गाजर की ही क्यों ना करें, सर्दियों में इसे खाने के अपने ही फायदे हैं। गाजर के मीठेपन को लेकर आपको कैलोरी की चिंता करने की भी जरूरत नहीं क्योंकि इसमें बहुत कम मात्रा में कैलोरी होती है।
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गाजर में आलू से छ:
गुणा ज्यादा कैल्शियम होता है। कैल्शियम एवं कैरोटीन की प्रचुर मात्रा होने के कारण छोटे बच्चों के लिए यह एक उत्तम आहार है। रूसी डॉक्टर मेकनिकोफ के अनुसार गाजर में आंतों के हानिकारक जन्तुओं को नष्ट करने का अदभुत गुण पाया जाता है।
एशिया के लोगों ने सबसे पहले लगभग गाजर की खेती प्रारम्भ की और वहीं से यह विश्व के अन्य देशों में पहुँची। विद्वानों का मत है कि गाजर का मूल उत्पत्ति स्थल अफगानिस्तान, पंजाब व कश्मीर की पहाड़ियां हैं, जहाँ आज भी इसकी जंगली जातियाँ पाई जाती हैं। पहले गाजर को इसकी खुशबूदार पत्तियों और बीजों के लिये उगाया जाता था जिनका प्रयोग औषधियों में होता था। लेकिन बाद में इसे एक सब्जी के रूप में भी प्रयोग किया जाने लगा।
आयुर्वेद में
आयुर्वेद की दृष्टि से इसे स्वाद में मधुर, पाचक, दीपन, तीक्ष्ण, स्निग्ध, मधुर, उष्णवीर्य, स्नेहक, रक्तशोधक, ग्राही, कफ निस्सारक, वात-कफ पित्त नाशक, गर्भाशय रोग नाशक, मस्तिष्क और नाड़ियों को बल देने वाला तथा नेत्र-ज्योति बढ़ाने वाला माना गया है। यह अग्निमांद्य, अर्श, रक्त विकार, उदर रोग, दाह, मूत्र कृच्छ, शोध, रक्तपित्त, कृशता आदि में फायदेमंद तथा अंधता निवारक है।
रासायनिक विश्लेषण
लगभग 100 ग्राम गाजर में जल- 90.8 मिली., प्रोटीन- 0.6 ग्राम, चिकनाई- 0.3 ग्राम, खनिज लवण- 1.2 ग्राम, काबोर्हाइड्रेट- 6.8 ग्राम। रेशा- 0.6 ग्राम, कैलोरी- 32 ग्राम, कैल्शियम- 50 मिलीग्रा., सोडियम- 63.5 मिलीग्रा., पोटेशियम- 10.0 मिलीग्रा., तांबा- 0.07 मिलीग्रा., सिलिकन- 2.5 मिलीग्रा., विटामिन ए (अन्तराष्ट्रीय इकाई)- 6150, थायोमिन- 0.07 मिलीग्रा., रिबोफ्लेविन- 0.02 मिलीग्रा., नाइसिन- 0.5 मिलीग्रा., विटामिन सी- 17 मिलीग्रा. पाया जाता है। एक प्याला कटी हुई कच्ची गाजर में लगभग 52 कैलरी होती हैं। तीन गाजरों से हमें इतनी शक्ति मिल जाती है, जितनी हमें तीन मील चलने के लिये आवश्यक होती है। गाजर में कैलशियम की मात्रा काफी अधिक होती है। 9 गाजरों से हमें इतना कैलशियम प्राप्त होता है जितना एक गिलास दूध से।
गाजर खाने के फायदे | Carrot Khane Ke Fayde
- गाजर का जूस पीने से खून की सफाई होती है।
- टीनएजर्स को रोजाना फ्रेश गाजर का जूस लेना चाहिए। इससे उनकी एक्ने की प्रॉब्लम दूर होगी।
- गाजर का जूस स्किन को साफ रखता है और चेहरे पर चमक भी आती है।
- अगर आप अपने बच्चे को दूध पिलाती हैं, तो गाजर दूध की मात्रा बढ़ाने में सहायक है।
- जिन लोगों को हड्डियों वगैरह की तकलीफ है, उन्हें डाइट में गाजर जरूर लेनी चाहिए। इससे आपकी बॉडी में कैल्शियम की मात्रा बढ़ेगी और आपकी बॉडी इस तरह मिलने वाले कैल्शियम को जल्दी आॅब्जर्ब करेगी।
- अगर आप कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और सल्फर वगैरह की टेबलेट लेते हैं, तो उससे बेहतर है कि आप गाजर खाएं।
- गाजर हमारे शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकाल देती है।
- गाजर के रस में मिश्री व काली मिर्च मिलाकर सेवन करने से खाँसी ठीक हो जाती है तथा कफ दूर होता है।
- यकृत के रोगी को गाजर का नियमित सेवन करना चाहिए।
- कच्ची गाजर खाने से कब्ज दूर होता है तथा आँतों की सड़न व बदबू दूर होती है।
इन बातों का रखें ध्यान
- आप डाइट में गाजर का ओवर डोज न लें। वरना आपको कैरोटेनीमिया हो सकता है। इसमें स्किन येलो हो जाती है।
- गाजर को काटने से पहले उबाल लें। इससे यह आपको 25 फीसदी ज्यादा तक कैंसर से सुरक्षा दे पाएगी।
- जिन लोगों को शुगर की बीमारी है, उन्हें गाजर का जूस नहीं पीना चाहिए।
- गाजर के भीतर का पीला भाग खाने से अथवा गाजर खाने के बाद 30 मिनट के अंदर पानी पीने से खाँसी होती है। अत्यधिक मात्रा में गाजर खाने से पेट में दर्द होता है। ऐसे समय में थोड़ा गुड़ खायें।
- पित्तप्रकृति के लोगों को गाजर का कम एवं सावधानीपूर्वक उपयोग करना चाहिए।
वैज्ञानिक शोध
कैंसर से बचने के लिए प्रयोग करें गाजर
30 मार्च 2014 को मिले एक समाचार के अनुसार चीन में हुए एक शोध में वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगाया कि गाजर का उपयोग पुरुषों में मूत्राशय के कैंसर का खतरा कम कर देता है। वैज्ञानिकों के अनुसार हफ्ते में कम से कम 3 बार गाजर खाने से मूत्राशय में कैंसर की रसोली पैदा होने का खतरा 18 प्रतिशत कम हो जाता है। 25 जून 2014 को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, कैंसर से मौत का खतरा घटाने में गाजर खासा मददगार साबित हो सकता है।
इसमें मौजूद पॉलीएसिटिलीन को टयूमर के विकास पर लगाम लगाने और कैंसर कोशिकाओं का खात्मा करने में खासा असरदार पाया गया है। ब्रिटेन स्थित न्यू कैसल यूनिवर्सिटी के शोधकतार्ओं के मुताबिक पॉलीएसिटिलीन कीटाणुओं से गाजर की रक्षा करता है। चूहों पर हुए अध्ययन में देखा गया है कि यह कैंसर की रोकथाम में भी अहम भूमिका निभा सकता है। इससे बीमारी के इलाज में ज्यादा असरदार दवाइयों के निर्माण की उम्मीद जगी है। गाजर के अलावा मूली, शलजम, जीरा, धनिया, सौंफ, अजवायन और मंगरैल में भी पॉलीएसिटिलीन भारी मात्रा में पाया जाता है।
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