दिल को रखें फिट
वैसे तो शरीर के सब अंग महत्त्वपूर्ण होते हैं पर दिल का मामला तो कुछ अलग ही है। अगर दिल धड़क रहा है तो हम जिंदा हैं, नहीं तो जीवन की कहानी समाप्त हो जाती है। दिल का आकार तो शरीर में छोटा सा है पर उसका महत्व बहुत बड़ा है।
हमारा देश हर तरह से तरक्की कर रहा है पर फिटनेस के मामले में अभी भी बहुत जागरूकता की आवश्यकता है। पढ़े-लिखे लोगों का भी रहन सहन आधुनिक होने के कारण दिल का मामला गड़बड़ा रहा है।
एक शोध के अनुसार आने वाले समय में भारत हार्ट अटैक के मामले में दुनिया में सबसे आगे होगा। इस रिसर्च के अनुसार सभी उम्र के लोगों को शामिल कर दिया जाए तो देश में मरने वालों में से 19 प्रतिशत लोग हृदय रोगों के शिकार होते हैं। दिल की बीमारी स्त्री व पुरुष दोनों के लिए समान रूप से खतरनाक है।
विशेषज्ञों के अनुसार यह वंशानुगत बीमारी तो है ही, इसके अलावा बिगड़ता लाइफस्टाइल भी इसके लिये जिम्मेदार है। हमें समय रहते बचपन से ही बच्चों के लाइफस्टाइल पर ध्यान रखना चाहिए। माता-पिता को आरंभ से ही बच्चों को एक्टिव लाइफस्टाइल और उचित खान पान की आदतें डालने का प्रयास करना चाहिए ताकि बड़े होकर उनमें अच्छी आदतें बनी रहें।
Table of Contents
लापरवाही न बरतें:-
विशेषज्ञों के अनुसार दिल की बीमारी के पीछे लोगों की लापरवाही भी बहुत बड़ी वजह है। अगर छाती में दर्द हो, पसीना आए और दर्द बाजू तक जाए तो ऐसे में बरती गई लापरवाही खतरनाक हो सकती है। इन लक्षणों के महसूस होते ही डॉक्टरी मदद लेना आवश्यक है। कभी कभी हार्ट अटैक बिना पेन के भी हो जाते हैं। लक्षण होने पर एक-डेढ़ घंटे के अंदर नजदीकी अस्पताल में जाकर डॉक्टर से परामर्श लें।
महिलाओं को भी है खतरा:-
अधिकतर लोग समझते हैं कि प्राय: पुरुष ही दिल की बीमारी का शिकार होते हैं, महिलाएं इस रोग से बची रहती हैं, पर विशेषज्ञों के अनुसार महिलाओं को भी उतना ही खतरा है दिल की बीमारी का जितना पुरुषों को। हृदय रोगों के कारण महिलाओं का डेथ रेट भी ज्यादा है क्योंकि महिलाएं एक तो अपने स्वास्थ्य के बारे में कम जागरूक होती हैं, दूसरा उन्हें मेडिकल एड आसानी से नहीं मिलती, तीसरे वे लक्षण भी सही रूप से नहीं पहचान पाती हैं।
हैल्दी हार्ट के लिए करें कुछ ऐसा:
अस्वस्थ आदतों से परहेज बना कर रखें:-
अल्कोहल और स्मोकिंग जैसी अस्वस्थ आदतों से परहेज रखना बहुत जरूरी है। जो लोग धूम्रपान करते हैं और शराब का सेवन करते हैं उन्हें दिल की बीमारी का खतरा अधिक होता है क्योंकि धुम्रपान में निकोटिन हमारे अंदर जाती है जो हार्ट के लिए खतरे की घंटी है। शराब के सेवन से ब्लड प्रेशर हाई होता है जो हृदय रोगों को बढ़ावा देता है।
मांसाहारी न बनें:-
शोधों के अनुसार पाया गया है कि जो लोग मांसाहारी होते हैं, उनको ब्लडप्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और मोटापा ज्यादा होता है। इसलिए शाकाहारी बनें।
अच्छी नींद:-
बड़े शहरों में तनाव अधिक होने के कारण अच्छी नींद के लिए लोग तरस जाते हैं जिसका प्रभाव हमारे हार्ट पर भी पड़ता है। मेट्रो सिटीज में वर्क प्रेशर और कार्यस्थल तक आना-जाना इतना थकान भरा होता है कि नींद आने में परेशानी होती है। समय पर सोएं, समय पर जागें ताकि नींद का पैटर्न सही बना रहे। 7 से 8 घंटे की नींद सभी के लिए आवश्यक है।
शाकाहारी व पौष्टिक आहार लें:-
आप अधिक तेल वाले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। फुल क्रीम मिल्क का सेवन न करें और असमय भोजन न रहें। शाकाहारी होने पर हमें सूखे मेवे, सोया पनीर, गाजर, पालक, ब्राउन राइस, टमाटर, संतरा, अमरूद, बिना क्रीम वाला दूध और उससे बने उत्पाद, दाल, दलिये आदि का सेवन नियमित रूप से करें। फैट्स का सेवन कम से कम करें। अच्छे फैट्स ही लें। इन सबके सेवन से आप अपने हार्ट को बचा सकते हैं।
रहन सहन सही रखें:-
अगर आप रहन-सहन और खानपान का ध्यान सही ध्यान रखेंगे तो हार्ट हैल्दी रहेगा। नियमित व्यायाम, समय पर पौष्टिक आहार तनावों को न पालना समय पर सोना, देर-रात्रि भोजन न करना हमारी जीवनशैली को ठीक रख सकता है।
भारत में तेजी से आए रहन-सहन के बदलाव ने हृदय रोग को भी तेजी से बढ़ाया है। अगर आप समय रहते सावधान नहीं रहेंगे तो परिणाम गंभीर होंगे, जो आपके लिए सही नहीं है।
तनाव न पालें:-
अगर आप किसी भी तनाव में लगातार रहते हैं तो आपका ब्लड प्रेशर बढ़ जाएगा। लगातार हाई ब्लड प्रेशर के रहने से दिल की बीमारी शीघ्र हो सकती है। अपने तनावों की गुत्थी सुलझाने का प्रयास करें। सोचे कि तनाव पाल कर मैं क्या हासिल कर पा रहा हूं। अपनी तरफ से पूरे दिल दिमाग से काम करें। परिणाम की अधिक चिंता न करें। अगर असफलता मिले तो अपनी त्रुटियों को संवार कर आगे बढ़ें। योगा व मेडिटेशन करें, जिससे तनाव कम हो होगा।