माइक्रो वर्क आउट: सेहत के लिए केवल 20 मिनट काफी -फिटनेस
महामारी के इस दौर में हमें मानसिक तौर पर स्वस्थ रहना चाहिए। हमें वह सब करना चाहिए, जो हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। क्योंकि जो हमारा मस्तिष्क मानता है, बॉडी उसी को प्राप्त कर पाता है।
अक्सर कई लोगों के साथ ऐसा होता है कि हम आॅफिस और घर में ज्यादा काम होने के कारण व्यस्त रहते हैं। इससे हमारी फिटनेस बिगड़ जाती है। आॅफिस में दिन भर कुर्सी पर बैठे रहना और एक्सरसाइज के नाम पर कुछ नहीं करना, दिन-ब-दिन बढ़ते पेट का कारण है।
केवल यही नहीं, थकान, मांसपेशियों में दर्द और इसके अलावा कई अन्य समस्याएं जो हमें शारीरिक रूप से फिट न रहने की वजह से हो जाती है। ऐसे में यदि आप फटाफट माइक्रो वर्कआउट कर लें, तो यह बढ़िया है। माइक्रो वर्क आउट 10 से 20 मिनट का होता है, जो आपके फिट रहने के लिए सही है।
माइक्रो वर्क आउट स्ट्रेंथ के साथ कार्डियो का बढ़िया समावेश है, जिसे इक्विप्मेन्ट या बॉडी वेट की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए आसान, प्रभावशाली और फास्ट पेस वाले एक्सरसाइज जैसे स्किपिंग, ब्रिस्क वॉक, जंपिंग जैक, बर्पी आदि बहुत कम समय में आपके दिल की धड़कन को बढ़ाते हैं। फिर चाहे यह एचआईआईटी हो, टबाटा हो या सात मिनट वर्कआउट हो, ये आपके एन्ड्यूरेन्स लेवल, गतिशीलता, क्षमता, ब्रीदिंग और बेसिक स्ट्रेंथ को बढ़ाते हुए फैट लॉस में भी मदद करते हैं।
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माइक्रो वर्क आउट के प्रकार
1. एचआईआईटी (हाई इन्टेन्सिटी इंटरवल ट्रेनिंग):
इसमें आप कम इन्टेन्सिव रिकवरी मूवमेंट्स में हाई बर्स्ट वाले एनेरोबिक मूवमेंट करते हैं। इसमें हमेशा इक्विप्मेन्ट की जरूरत नहीं पड़ती है।
2. टबाटा :
एचआईआईटी वर्क आउट का एक अन्य स्टाइल टबाटा है, जिसमें आप किसी भी एक्सरसाइज को 20 सेकेंड के लिए अपने ज्यादा से ज्यादा क्षमता के साथ करते हैं और 10 सेकेंड आराम करते हैं। छह एक्सरसाइज के आठ राउंड होते हैं। यह मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मददगार है। दुबली माशपेशियों को बढ़ाता है और एरोबिक के साथ ऐनेरोबिक फिटनेस लेवल को भी बूस्ट करता है।
रेगुलर वर्क आउट बनाम माइक्रो वर्क आउट:
फैट बर्निंग एक लंबी प्रक्रिया है, जिसमें आप लंबे वर्क आउट में फैट के जरिए आॅक्सीजन की उपस्थिति की वजह से अधिक कैलोरी बर्न करते हैं। छोटे वर्कआउट में आप ग्लूकोज के फॉर्म में उपलब्ध एनर्जी का प्रयोग करते हैं। हालांकि, माइक्रो वर्क आउट अमूमन ज्यादा तीव्रता वाले होते हैं और संभव है कि आप एक्सेस पोस्ट एक्सरसाइज आॅक्सीजन खर्च कर फैट बर्न करें। शॉर्ट वर्कआउट भी इफेक्टिव हो सकते हैं, लेकिन आपको इसके लिए अपने फॉर्म और आसन पर ध्यान देना पड़ता है। माइक्रो वर्क आउट आपको बर्न आउट होने के चांसेज भी कम करते हैं और आपके फोक्स को बढ़ाते हैं।
कितनी बार वर्क आउट करना चाहिए
शुरूआत आप छोटे 10 मिनट के सेशन से कर सकते हैं। जिनका फिटनेस लेवल अच्छा है, वे लोग सप्ताह में एक बार तीन से पांच सेशन कर सकते हैं। प्रति सेशन 20 मिनट देने चाहिए। ऐसे वर्कआउट पैटर्न को लीजिए, जो आपकी बॉडी के लिए काम करे और उस शेड्यूल पर बने रहिए। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि बहुत कम समय में आपको बहुत ज्यादा नहीं करना है। खुद को ओवर ट्रेन करने से आपके स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसॉल बढ़ जाता है, जिससे चोट लगने और बर्नआउट की आशंका रहती है।
एएमआरएपी:
यह जितनी बार संभव हो, उतनी बार दोहराव के लिए इस टर्म का इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण के लिए, 10 मिनट का एएमआरएपी राउंड में 500 मीटर की दौड़, 50 स्क्वाट, 20 बर्पी को आप 15 मिनट में जितनी बार संभव हो, दोहरा सकते हैं। यह विभिन्न मसल ग्रुप को हिट करता है और कम समय में अधिक कैलोरी बर्न करता है।
सात मिनट वर्क आउट:
इसमें 12 विभिन्न एक्सरसाइज शामिल हैं, जो आपकी अपर और लोअर बॉडी और कोर पर काम करता है। आप हर एक्सरसाइज को 30 सेकेंड के लिए कर सकते हैं और बीच- बीच में 10 सेकेंड का ब्रेक ले सकते हैं।
वे गलतियां जो आपके माइक्रो वर्क आउट सेशन को बिगाड़ सकती हैं:
- एक्सरसाइज ज्यादा करना
- फॉर्म और तकनीक पर ध्यान नहीं देना
- स्ट्रेंथ और कार्डियो के अच्छे संतुलन को मिस करना
- सिर्फ लोअर या अपर बॉडी करना
- वर्क आउट के बाद अनहेल्दी खाना
- हाइड्रेटेड नहीं रहना
- माइक्रो वर्क आउट के साथ जरूरी है सही न्यूट्रिशन
केवल माइक्रो वर्क आउट आपके फिट रहने का रास्ता नहीं है, इसके लिए आपको अपनी डाइट और कैलोरी इनटेक पर भी ध्यान देना चाहिए। प्रोटीन जरूरी है और इसके लिए आप प्रोटीनयुक्त वस्तुएं अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं। इसमें आप सोयाबीन व पनीर प्रोटीन के हाई स्रोत हैं। सिम्पल कार्बोहाइड्रेट से परहेज कीजिए और कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट को ऐड कीजिए क्योंकि ये न्यूट्रिशन डेन्स होने के साथ आपके स्वास्थ्य के लिए बढ़िया होते हैं। नट्स, बादाम, अखरोट, आलिव आॅइल जैसे हेल्दी फैट भी सही होते हैं। अपनी इम्यूनिटी को बनाए रखने के लिए विटामिन का स्तर हाई रहना चाहिए, इसके लिए आप मल्टी विटामिन ले सकते हैं। सबसे जरूरी बात, रोजाना भरपूर पानी पिएं।
एक्सरसाइज नहीं तो योग करें
ये तो सब जानते हैं कि आपकी सेहत के लिए योग कितना लाभदायक है और हो सकता है कि आप भी योग करना चाहते हों। लेकिन, कई लोग टाइम की कमी की वजह से या फिर योग के बारे में ज्यादा जानकारी ना हो पाने की वजह से नियमित योग नहीं कर पाते हैं। ऐसा भी होता है कि कई लोग एक्सरसाइज को पसंद नहीं करते, वे केवल योग को ही प्राथमिकता देते हैं। आज आपको बताते हैं कि केवल 10 मिनट में क्या क्या कर सकते हैं। हर रोज नियमित रूप से 10 मिनट योग करना भी आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। भारत के आयुष मंत्रालय द्वारा शेयर की गई जानकारी के अनुसार 10 मिनट, 20 मिनट और 45 मिनट के सेशन में योग कर सकते हैं।
ऐसे में आज हम आपको 10 मिनट के सेशन के बारे में बता रहे हैं कि आपको हर रोज 10 मिनट योग करना चाहिए. साथ ही बता रहे हैं कि आपको 10 मिनट के इस सेशन में कौन-कौन से योग करने चाहिए और कितने मिनट कौन सा आसन करना चाहिए, तो आप भी 10 मिनट के इस शेड्यूल के हिसाब से योग कर सकते हैं, जो आपकी सेहत के लिए काफी लाभदायक है।
जानते क्या है ये 10 मिनट का शेड्यूल।
- 30 सेकेंड तक प्रार्थना करें।
- 2 मिनट तक सुक्ष्म व्यायाम करें, जिसमें नेक बेंडिंग (गर्दन घुमाना), शॉल्डर मूवमेंट, ट्रंक मूवमेंट आदि शामिल है।
- 2 मिनट तक खड़े होकर आसन करें, जिसमें एक मिनट तक ताड़ासन और एक मिनट तक अर्द्ध चक्रासन करें।
- एक मिनट तक बैठकर आसन करें, जिसमें ससकासन (खरगोश मुद्रा) शामिल है।
- एक मिनट तक पेट के बल आसन करें, जिसमें भुजंगासन शामिल है।
- एक मिनट तक लेट कर आसन करें, जिसमें पवन मुक्तासन शामिल है।
- एक मिनट तक प्राणायम करें, जिसमें अलोम-विलोम, नदीशोधन प्राणायाम शामिल है,
- एक मिनट तक ध्यान करें, जिसमें आपको कोई भी आसन नहीं करना है।
- फिर बचे हुए 30 सेकेंड में संकल्प या शांति पाठ करें।
इस तरह आप हर रोज अपनी दिनचर्या में से केवल दस मिनट देकर अपनी सेहत का खास ध्यान रख सकते हैं और कई बीमारियों को दूर कर सकते हैं। इसके अलावा इसी तरह आयुष मंत्रालय की वेबसाइट पर 20 मिनट और 45 मिनट का सेशन भी देख सकते हैं. बता दें कि आप कोई योगासन पहले किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ही करें और अगर आपको कोई भी दिक्कत है तो पहले डॉक्टर से इसके बारे में परामर्श ले लें।
आखिरी, लेकिन जरूरी बात:
महामारी के इस दौर में हमें मानसिक तौर पर स्वस्थ रहना चाहिए। हमें वह सब करना चाहिए, जो हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। क्योंकि जो हमारा मस्तिष्क मानता है, बॉडी उसी को प्राप्त कर पाता है। अगर संभव हो तो माइक्रो वर्क आउट के साथ कुछ देर के लिए मेडिटेशन भी करें।