कोरोनावायरस महामारी के दौरान लोगों का टेक्नोलॉजी से वास्ता और बढ़ गया है। ऐसे में हमें कुछ उपाय करने होंगे, जो किसी भी डिवाइस को ज्यादा समय तक अच्छी हालत में रख सके। हालांकि, आमतौर पर हम इस काम को लेकर बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं हैं। उदाहरण के लिए अगर हमारा स्मार्टफोन धीमा चल रहा है या बैटरी जल्दी खत्म हो रही है तो हम नया फोन लेने के बारे में सोचते हैं। लेकिन कुछ उपायों के जरिए हम इससे बच सकते हैं।

अंतर्राष्टÑीय स्तर पर फोन रिपेयरिंग का बिजनेस करने वाले शकील तैयब बताते हैं कि लोगों को बस खर्च करना पसंद है। वे कहते हैं, व्यक्ति किसी भी मोबाइल को ये नहीं चाहता कि इसमें सुधार भी हो सकता है, वे चाहता है कि मैं नया फोन लूं। टेक कंपनियां भी हमारे इस व्यवहार को बढ़ावा देती हैं। कई फोन निर्माता नई डिवाइस खरीदने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। हालांकि आर्थिक परेशानी से जूझ रहे कई लोगों ने डिवाइस को लंबे वक्त तक चलाने के लिए बैट्री बदलना, धूल साफ करना और गैरजरूरी फाइल साफ करने जैसे तरीके खोज लिए हैं।

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तो आइये जानते हैं अपनी डिवाइस को सुरक्षित रखने के कुछ उपाय:

बैट्री की जांच

कार के पहिए की तरह अपनी बैट्री की भी जांच करें, क्योंकि बैट्री के खराब होने से पहले सीमित गिनती में चार्ज किया जाता है। डिवाइस के हिसाब से बैट्री की उम्र भी अलग-अलग हो सकती हैं। आईफिक्सिट के चीफ एग्जीक्यूटिव काइल वींस के मुताबिक, आमतौर पर स्मार्टफोन की बैट्री करीब 2 साल तक चलती हैं, जबकि लेपटॉप और कुछ स्मार्टफोन की बैट्री बदले जाने से पहले 3-4 साल तक चलती हैं।

ऐसे समझें अपनी बैट्री की हेल्थ

  • आईफोन और आईपैड के एप्पल यूजर्स अपने फोन के सेटिंग्स सेक्शन में बैट्री हेल्थ के बारे में पता कर सकते हैं।
  • एंड्रॉयड डिवाइस में एक्युबैट्री जैसे थर्ड पार्टी एप्स बैट्री की हेल्थ के बारे में जानकारी दे सकते हैं।
  • मैक यूजर्स एप्पल आइकन पर क्लिक कर अबाउट दिस मैक सेक्शन खोलें। सिस्टम रिपोर्ट खोलें। इसके बाद बैट्री रीडिंग जानने के लिए पावर पर क्लिक करें।
  • विंडोज यूजर बैट्री इंफो व्यू का इस्तेमाल कर सकते हैं। अपनी बैट्री की बची हुई कैपेसिटी पर ध्यान दें। बैट्री कैपेसिटी जितनी कम होगी, आपकी डिवाइस उतनी कम चलेगी। अगर बैट्री की कैपेसिटी 60 प्रतिशत से कम है तो आप इसे रिप्लेस करने के बारे में सोच सकते हैं।

सिस्टम क्लीनिंग

गैजेट्स को लगातार सफाई की जरूरत होती है। धूल के कारण डिवाइस में ओवरहीटिंग जैसी परेशानियां होने लगती हैं। इससे उपकरण की लाइफ भी कम होती जाती है।

ऐसे करें क्लीनिंग

मोबाइल डिवाइस के लिए पार्ट्स के अंदर देखें। चार्जिंग पोर्ट्स में धूल और खाने के टुकड़े आसानी से फंस जाते हैं। इसके कारण चार्जिंग स्लो हो जाती है। फ्लेशलाइट की मदद से पोर्ट में नजदीक से देखें। इसे साफ करने के लिए कैन्ड एयरोसोल और सुई की मदद लें। साल में एक बार कंप्यूटर के फैन को साफ करें। लैपटॉप का केस और डेस्कटॉप मशीन को खोलने से फैन बाहर आ जाएगा। फैन में धूल और बाल उलझ जाते हैं और फैन जितना गंदा होगा उतनी गर्म आपकी डिवाइस होगी। छोटे वैक्यूम क्लीनर की मदद से इसे साफ करें।

डाटा की क्लीनिंग

डिवाइस की स्टोरेज जितनी ज्यादा भरी होगी, गैजेट उतना स्लो काम करेगा। इसलिए साल में एक बार डाटा क्लीन करने का रिमाइंडर रखें। डिवाइस में आईफोन स्टोरेज, फाइल्स जैसे की टूल्स होते हैं, जिनकी मदद से आप कम उपयोग में आने वाले डाटा को साफ कर सकते हैं। यह टूल्स आपको यह भी बताते हैं कि आपने बीते 6 महीनों में किस ऐप का इस्तेमाल नहीं किया है।

तुरंत सफाई के लिए फोल्डर खोलें और फाइल को उनके आखिरी बार किए गए उपयोग के हिसाब से सॉर्ट करें। यहां पर आप सालों से उपयोग में नहीं आई फाइल्स और एप्स को आसानी से हटा सकेंगे। अगर फाइल्स की सफाई में ज्यादा परेशानी आ रही हैं तो कुछ शॉर्टकट्स हैं। फिक्सर्स कलेक्टिव के डायरेक्टर विंसेंट लाइ के अनुसार, एंड्रॉयड फोन में मेमोरी कार्ड के लिए स्लॉट होता है। ठीक इसी तरह आप कंप्यूटर में एक्सटर्नल हार्ड ड्राइव का उपयोग कर यहां बड़ी फाइल्स रख सकते हैं। इससे आपकी डिवाइस स्पेस फ्री हो जाएगी और आॅपरेटिंग सिस्टम तेजी से काम करेगा।

डिवाइस की सेफ्टी

कई स्मार्टफोन यूजर पहले से ही डिवाइस में कवर लगाकर उसकी सुरक्षा करते हैं। एक अच्छा केस फोन में स्क्रैच लगने और कोनों के खराब होने से बचाता है। बिना कवर के फोन चलाने का मतलब है बिना बंपर की गाड़ी चलाना।
स्क्रीन प्रोटेक्टर भी अच्छा उपाय है। छोटे स्क्रैच लगने से स्क्रीन कमजोर हो सकती है। इससे अगली बार गिरने पर इसके टूटने की संभावना भी बढ़ जाती है।

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