Neck pain problems

गर्दन के दर्द की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। – गर्दन दर्द का बढ़ता मर्ज -Neck pain problems

गर्दन दर्द, नेक पेन, सरवाइकल स्पांडाइलोसिस पहले 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को सताता था किंतु वर्तमान समय की शिक्षा शैली, जीवनचर्या एवं आजीविका ने बच्चे बड़ों सबको गर्दन दर्द का मरीज बना दिया है। यह लगातार एक जैसी स्थिति में रहने, पीठ व कंधे पर वजनी बस्ते का बोझ लादने, टीवी, कंप्यूटर को लगातार देखने, कान व कंधे से दबाकर मोबाइल से ज्यादा बात करने, मोटे तकिए का उपयोग करने, हेलमेट को ज्यादा देर तक उपयोग करने से होता है।

यह ऐसे कारणों की अधिकता या अनवरतता की स्थिति में गर्दन की हड्डियों में गैप आने, घिसने उनके जोड़ों में सूजन आदि से दर्द होता है किंतु गर्दन दर्द का बने रहना पीड़ित व्यक्ति का गर्दन घुमाना आगे मुश्किल कर देता है और उसका दैनिक जीवन कार्य भी दूभर हो जाता है। दर्द निवारण दवाएं इसका अस्थाई इलाज करती हैं। हड्डियों के डाक्टर एवं फिजियोथेरेपिस्ट ही रोगी की जांच कर इससे राहत दिला सकते हैं।

Neck pain problemsरीढ़ की हड्डी का गर्दन वाला भाग जिसे सरवाइकल स्पाइन कहते हैं, वह सात कशेरूकाओं एवं उनकी बाडी के मध्य डिस्क से बनता है। गर्दन की चाल को सुचारू रूप से चलाने के लिए गर्दन की हड्डी में 32 जोड़ होते हैं। इस गर्दन की 85 प्रतिशत चाल ऊपर की दो कशेरूकाओं के कारण होती है। गर्दन के दर्द से होने वाली परेशानी, चाल भी कम हो जाने से दैनिक कार्यों में बाधा होती है।

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उम्र के साथ हड्डियों में घिसाव व बदलाव आ जाता है। यह गर्दन की हड्डियों में भी होता है। इनमें घिसाव, गैप हो जाने या इनके जोड़ वाले भाग की मांसपेशियों में सूजन से यह गर्दन का दर्द होता है।
यह सब गर्दन की उस हड्डी में होता है जिसे सरवाइकल स्पाइन कहते हैं। यह दर्द गलत ढंग से एक जैसी स्थिति में लंबे समय तक बैठने या रहने से होता है। विद्यार्थियों को पीठ पर रखे बस्ते के भार से, कंप्यूटर कर्मी, दंत चिकित्सक को अपने कार्य के कारण, हेलमेट उपयोगकर्ता को उसके लगातार उपयोग से, वाहन चालक को सिर व कंधे के बीच मोबाइल दबाकर ज्यादा बात करने से, सोते समय मोटे तकिए के उपयोग से ज्यादातर होता है।

आजकल की हद से ज्यादा तनाव भरी व्यस्त जिंदगी नेक पेन को बढ़ा रही है। यह बच्चों, किशोरों के लिए खतरे की घण्टी है। गर्दन दर्द से पीड़ित कोई भी व्यक्ति यदि इस पर ध्यान नहीं देता, इलाज नहीं कराता है तो यह अन्य परेशानियों को भी बढ़ा सकता है।

Neck pain लक्षण:

गर्दन में अकड़न, दर्द व भारीपन, गर्दन घुमाने में दिक्कत, सिर के पीछे भाग में दर्द, चक्कर आना, गर्दन घुमाने में चट की आवाज आना आदि। आगे इस दर्द के लक्षणों का विस्तार हाथ तक बढ़ जाता है और कंधे में हल्का भारीपन व दर्द, इस दर्द का हाथ तक विस्तार, हाथों का सुन्न पड़ जाना, जान न रहना नसों में खिंचाव से हाथों में कंपन आदि लक्षण दिखता है।

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Neck pain सामान्य कारण:

बैठने की गलत स्थिति के कारण यह दर्द होता है। लंबे समय तक एक जैसी स्थिति में बैठने पर भी होता है।
काम करने की गलत स्थिति के कारण यह होता है। कंप्यूटर कर्मी, दंत चिकित्सक, टंकक, वाहन चालक, हेलमेट धारक आदि को होता है। टेबल जाब वाले भी इससे पीड़ित होते हैं।
विद्यार्थी एवं वे व्यक्ति जो भारी बैग पीठ या कंधे पर लटकाए रहते हैं, वे इससे पीड़ित होते हैं।
किसी चोट या फ्रैक्चर के कारण यह दर्द होता है। कुछ अन्य रोगों में भी यह दर्द प्रकट होता है।
एक जैसी स्थिति में लगातार टीवी, कंप्यूटर, वीडियो गेम आदि के उपयोग से होता है।
मोटे तकिए या मसनद के ज्यादा उपयोग से यह होता है।

बचाव उपाय:

यदि उपरोक्त में से कोई भी कारण है तो आप इससे बचने का उपाय स्वयं करें। गर्दन एवं कंधे का व्यायाम नियमित करें। सही स्थिति में बैठें। पैर जमीन पर एवं पीठ कुर्सी के पृष्ठ भाग पर सीधी रखें। झुककर या एक जैसी स्थिति में लगातार काम न करें। बीच-बीच में कंधे, गर्दन को घुमाएं। मोटे तकिए व मसनद का उपयोग कम या बंद कर दें। -सीतेश कुमार द्विवेदी