दांतों में टीस की वेदना से करें बचाव -दांतों की बाहरी परत के घिस जाने या ऊपरी परत के क्षरित हो जाने से मीठा या खट्टा खाने पर एवं गर्म चाय या ठंडा पानी पीने से दांतों में टीस की वेदना होती है। तब हवा लगने से भी कष्ट होता है। इसे दांत खट्टे होना या दांतों को ठंड लगना कहा जाता है। खाने, पीने एवं चबाने की अपनी गलत आदतों के कारण दांतों की रक्षा के लिए बनी ऊपरी कठोर परत घिस या क्षरित हो जाती है तब यह वेदना की कष्टकर स्थिति आती है। दांतों के ऊपर की इस कठोर परत को एनेमल कहते हैं जो दांतों के भीतर के संवेदनशील भाग को ढके रहते हैं।
एनेमल के भीतर एक परत और होती है जिसे डेंटीन कहते हैं। यह परत भी घिस जाती है तो पल्प आ जाता है। दांतों के अंदर पल्प होता है जिसमें नर्व (तंत्रिका) होता है। एनेमल एवं डेंटीन दोनों परत के घिसने के बाद पल्प का नर्व किसी भी पदार्थ के संपर्क में आने पर टीस की वेदना पैदा करते हैं। ये ठंडा, गर्म, खट्टा, मीठा या हवा के संपर्क में आकर दर्द से बेचैन कर देते हैं।
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कारण –
- टीस के कई कारण हैं जैसे दांतों का सड़ना, त्रुटिपूर्ण विधि से दांत घिसना या रगड़ना, एसिडिटी एवं खट्टी डकारों का आना, सोते समय दांत किटकिटाना आदि।
- बच्चों, युवाओं एवं किसी के द्वारा दांत साफ करते समय कठोर ब्रश का उपयोग करने एवं जोर लगाकर अधिक समय तक रगड़-रगड़कर दांत साफ करने से उसकी ऊपरी परत एनेमल एवं डेंटीन घिस जाती है।
- सुपारी, गुटखा या कठोर चीज खाने से भी ऐसा होता है।
- कोल्ड ड्रिंक्स, मीठा पेय एवं अत्यधिक खट्टे पदार्थ भी दांतों की ऊपरी परत की क्षरित कर देते हैं।
दांतों में टीस की वेदना से बचाव-
- पान, सुपारी, गुटखा, तंबाकू त्याग दें।
- धूम्रपान, नशापान न करें।
- अधिक खट्टी चीजें, अम्ल वाली चीजें, मीठे पेय त्याग दें या कम कर दें।
- कड़ी चीजें जोर देकर न चबाएं।
- सुपर या अल्ट्रा सॉफ्ट ब्रश हल्के से करें।
- दांतों की ऊपरी कठोर परत एनेमल एवं डेंटीन को बचाने के लिए प्रतिदिन सुबह-शाम मुलायम ब्रिसल वाले टूथब्रश से हल्के हाथों से ब्रश करें। हर छ: महीनों में दांतों की नियमित जाँच कराएं।
- दवायुक्त टूथ पेस्ट एवं माउथवाश उपयोग करें।
- यदि दांतों में टीस हो तो रूट कैनाल इलाज कराएं।
-नीलिमा द्विवेदी