Pubg Ban बच्चों में तेजी से बढ़ रही थी दिमागी बीमारियां
भारत सरकार ने पॉपुलर गेम पबजी (प्लेयर्स अननोन्स बैटलग्राउंड) सहित 118 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। पबजी का बैन होना चौंकाने वाला इसलिए भी था, क्योंकि दुनियाभर में इसके सबसे ज्यादा प्लेयर्स भारत में हैं। इसकी लत का आलम यह था कि गेम की वजह से कई लोगों ने मर्डर और आत्महत्या जैसे कदम उठाए, तो वहीं कुछ अपना मानसिक संतुलन खो बैठे। मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स सरकार के इस कदम को अच्छा बता रहे हैं। सेंसर टॉवर की रिपोर्ट बताती है कि दुनिया-भर में पबजी के 73 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड्स हैं, जबकि इस गेम के 23.8% डाउनलोड अकेले भारत में हुए हैं। यह आंकड़ा दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा है।
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आखिर क्यों गेम में इतना खो जाते हैं बच्चे?
गेम खेलने वाले लोगों में हमने अक्सर देखा है कि वे सभी चीजों को छोड़कर अपनी मोबाइल स्क्रीन में इतने व्यस्त होते हैं कि उन्हें दूसरी कोई चीज नजर नहीं आती। चिकित्सकों के मुताबिक इसके दो बड़े कारण होते हैं। पहला अचीवमेंट और दूसरा मोटिवेशन। चैलेंज होने के कारण बच्चे इसकी तरफ अट्रैक्ट होते हैं। इसमें ग्रुपिंग होती है, लेवल्स को क्रॉस करना होता है और बच्चे स्टेज पार करने के बाद मोटिवेट महसूस करते हैं। प्लेयर्स इसके जरिए खुद को साथियों के बीच में साबित करने की कोशिश करते हैं।
कितना बड़ा है पबजी का साम्राज्य?
साल 2000 में जापान में एक फिल्म आई थी ‘बैटल रॉयल’। इस फिल्म में सरकार 100 स्टूडेंट्स को जबरन मौत से लड़ने भेज देती है। इसी फिल्म से प्रभावित होकर ये गेम बनाया गया है। इस गेम को एक साथ 100 लोग भी खेल सकते हैं और एक-दूसरे को तब तक मारते रहते हैं, जब तक कि उनमें से सिर्फ एक न बचा रह जाए। इस गेम को दक्षिण कोरियाई कंपनी ब्लूहोल ने बनाया था। लेकिन, ब्लूहोल ने इसका सिर्फ डेस्कटॉप और कंसोल वर्जन ही बनाया था। मार्च 2018 में चीनी कंपनी टेंसेंट ने इसका मोबाइल वर्जन भी उतार दिया।
भारत में 17.5 करोड़ बार डाउनलोड हुआ पबजी
पबजी दुनिया में सबसे ज्यादा डाउनलोड किए जाने वाले गेम्स की लिस्ट में टॉप-5 में है। सेंसर टॉवर की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में पबजी को 73 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है। इसमें से 17.5 करोड़ बार यानी 24% बार भारतीयों ने डाउनलोड किया है। इस हिसाब से पबजी खेलने वालों में हर 4 में से 1 भारतीय है।
सबसे ज्यादा कमाई करने वाली गेम है पबजी
पबजी गेमिंग की दुनिया में सबसे ज्यादा रेवेन्यू कमाने वाला गेम है। सेंसर टॉवर के मुताबिक, अभी तक पबजी 3 अरब डॉलर यानी 23 हजार 745 करोड़ रुपए का रेवेन्यू कमा चुका है। पबजी का 50% से ज्यादा रेवेन्यू चीन से ही मिलता है। जुलाई में पबजी ने 208 मिलियन डॉलर (1,545 करोड़ रुपए) का रेवेन्यू कमाया है। यानी जुलाई में पबजी ने हर दिन 50 करोड़ रुपए कमाए हैं।
Pubg Ban गेमिंग खेलने वाले बच्चों में होते हैं ये लक्षण
- चिड़चिड़ापन या गुस्सा करना: यदि आपके घर में बच्चा लगातार गेमिंग कर रहा है और उसका व्यवहार कुछ बदल गया है तो पैरेंट्स सतर्क हो जाएं। इस परेशानी से जूझ रहा बच्चा छोटी से छोटी चीज को लेकर चिड़चिड़ाने लगता है और गुस्सा होने लगता है।
- रोजाना रुटीन का बिगड़ना: यदि कोई भी व्यक्ति गेमिंग की लत का शिकार हो चुका है, तो वह हर काम से पहले गेम को रखेगा। यदि आप यह देख रहे हैं कि कोई अपने दिन भर के जरूरी कामों को छोड़कर केवल गेमिंग में वक्त गुजार रहा है तो यह संकेत हो सकता है।
- काम नहीं कर पाना: गेमिंग की लत का शिकार केवल बच्चे ही नहीं, बड़े भी होते हैं। घर में रहने वाले लोग इस बात का ध्यान रखें, यदि व्यक्ति पहले की तरह अपने कामों को पूरा नहीं कर पा रहा है तो हो सकता है वह गेमिंग डिसआॅर्डर से जूझ रहा हो।
- पढ़ाई का बिगड़ना: बच्चों के बीच यह बात सबसे ज्यादा आम होती है, क्योंकि हद से ज्यादा गेमिंग का असर उनकी पढ़ाई पर नजर आने लगता है। पैरेंट्स ध्यान रखें कि अगर बच्चों का पढ़ाई में प्रदर्शन बिगड़ गया है तो बात चिंता करने वाली है। होमवर्क या स्कूल के दूसरे कामों में पिछड़ना भी इस बात के संकेत हो सकते हैं।
- मिलना-जुलना कम कर देना: गेमिंग डिसआॅर्डर से जूझ रहा व्यक्ति मोबाइल या गेमिंग स्क्रीन पर अधिकांश वक्त गुजारता है। ऐसे में वह किसी से मिलना भी पसंद नहीं करता है। हर वक्त उसे केवल गेमिंग की तलब होती है।
Pubg Ban पबजी पर बैन लगाना सही: अविनाश जैन
सिक्योरिटी रिसर्चर अविनाश जैन बताते हैं कि पबजी सहित चीन की जिन 118 ऐप्स पर बैन आईटी एक्ट की धारा-69ए के तहत लगाया गया है, वो इस धारा के तहत यदि सरकार को लगता है कि किसी वेबसाइट या ऐप से देश की सुरक्षा या अखंडता को खतरा है, तो वो उसे ब्लॉक कर सकती है। सरकार ने पबजी मोबाइल लाइट और पबजी लाइट पर बैन लगाया है, क्योंकि इन्हें चीनी कंपनी टेंसेंट ने डेवलप किया है। जबकि, पबजी के पीसी और कंसोल वर्जन पर कोई बैन नहीं है, क्योंकि ये कोरियाई कंपनी ब्लूहोल के बनाए गए हैं।
- राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा : ये ऐप डेटा सिक्योरिटी के लिए खतरनाक हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। इसके साथ ही इनसे जासूसी होने का भी खतरा है। ऐप के जरिए चीन की सरकार पॉलिटिकल और मिलिट्री इन्फॉर्मेशन हासिल कर सकती हैं।
- यूजर्स की प्राइवेसी को खतरा : ये ऐप कैमरा, माइक्रोफोन और लोकेशन का एक्सेस मांगती हैं और ऐसा संदेह है कि इस डेटा को चीन की एजेंसियों से साझा किया जाता है।
- डेटा लीक होने का खतरा : क्योंकि इन ऐप्स के सर्वर बाहर हैं, इसलिए ये यूजर्स की डिटेल, लोकेशन और पर्सनल डेटा एडवरटाइजर को बेच सकते हैं।
- साइबर अटैक का खतरा: पहले भी चीन की ऐप्स में कई स्पाईवेयर मिले हैं, जिसके जरिए यूजर्स के फोन में ट्रोजन आ जाता है। ट्रोजन एक तरह का माल वेयर होता है, जिससे आपका सारा डेटा लिया जा सकता है।
‘‘गेमिंग एडिक्शन यानि गेम खेलने की लत है, जिसे इंटरनेट गेमिंग डिसआॅर्डर कहा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इंटरनेशनल क्लासिफिकेशन आॅफ डिसीज में गेमिंग डिसआॅर्डर को शामिल किया है। इस डिसआॅर्डर से जूझ रहे व्यक्ति को गेमिंग के ऊपर कोई कंट्रोल नहीं होता और किसी भी जरूरी चीज से पहले गेम को प्राथमिकता देता है।
आजकल परिवारों में किसी के पास भी एक-दूसरे के लिए समय नहीं है। कई मामलों में लोग इतना व्यस्त होते हैं कि उनके पास आपस में बात करने का भी समय नहीं होता है। इसे दूर करने का अच्छा तरीका परिवार में अनुशासन लाना है। यह नियम बना लें कि कम से कम एक समय का भोजन सभी साथ मिलकर करें। इससे दिमागी स्तर पर काफी सारी परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है।’’
-साइकोलॉजिस्ट डॉ. शिखा शर्मा
असिस्टेंट प्रोफेसर, गीतांजलि हॉस्पिटल उदयपुर (राजस्थान)।
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