Start a career in the gaming world, a package of millions

गेमिंग वर्ल्ड में करियर की करें शुरूआत, लाखों का पैकेज
12 वीं के बाद क्या चुनें और क्या नहीं ये प्रश्न छात्रों को परेशान कर देता है। पर अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। डिजिटल लाइफ स्टाइल की वजह से गैजेट्स की दुनिया के गेम्स में अचानक से उछाल आ गया है।

भारत में ये मार्केट इस वक्त शुरूआती दौर में है, यही वजह है कि आने वाले समय में गेमिंग की दुनिया में प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ेगी। दिलचस्प बात ये है कि डिजिटल गेम्स के बच्चे ही नहीं युवा और दूसरे आयु वर्ग के लोग भी बहुत दीवाने हैं। मोबाइल, वीडियो, और गेम आदि में आप एक बेहतरीन करियर बना सकते हैं। विभिन्न पोस्ट्स के लिए आपकी शुरूआती वेतन तीन से चार लाख सालाना तक हो सकती है।

आइए आपको बताते हैं कि कैसे बनाएं इस क्षेत्र में करियर-

क्या कहता है गेमिंग का मार्केट :

आजकल की पीढ़ी के लिए डिजिटल गेम खेलना केवल मनोरंजन का नहीं, बल्कि स्टेटस सिंबल का मुद्दा भी बन गया है। पिछले कुछ वक्त में भारत में कई आॅनलाइन गेम्स चर्चित हुए, जिसने इस क्षेत्र के करियर की तरफ युवाओं को आकर्षित किया। इतना ही नहीं, आॅपरेटर्स की बढ़ती संख्या ने भी प्रोफेशनल गेम डेवलपर की मांग बढ़ाई है। मार्किट में इस वक्त सोनी के प्लेस्टेशन, माइक्रोसॉफ्ट के एक्स-बॉक्स, नाइनटेंडो के गेम्स के साथ आॅनलाइन इंटरनेट गेम्स की भी जबरदस्त डिमांड है। जावा, सी, सी++, जे2एमई, ब्लैकबेरी, 2डी गेम डेवलपर्स, 3डी डेवलपमेंट के जानकारों के लिए ये एक अच्छा करियर आॅप्शन है। डिजिटल होने की वजह से हर गेम में अलग-अलग बदलाव होते रहते हैं और नए गेम्स की मांग बढ़ती रहती है।

गेमिंग उद्योग क्यों बढ़ रहा है?

इंटरनेट और मोबाइल फोन की बढ़ती पहुंच, ग्लोबल गेमिंग मार्केट के विकास को प्रमुख रूप से प्रोत्साहित कर रही है। इसके अलावा, गेम मैन्युफैक्चरर डाउनलोड करने योग्य कंटेट (डीएलसी) भी पेश कर रहे हैं जिससे गेम में लोगों की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। कस्टमर्स की बढ़ती आय के कारण गेमिंग डिवाइस की बढ़ती बिक्री भी मार्केट के ग्रोथ को बढ़ावा दे रही है। इसके अलावा फ्री-टू-प्ले बिजनेस मॉडल देने वाले ब्राउजर और मोबाइल गेम्स को अपनाने के साथ-साथ आॅनलाइन गेम्स में पॉजिटिव बदलाव आया है।

भारत गेमिंग इंडस्ट्री के लिए सोने की खान जैसा है

1.3 बिलियन आबादी और उनमें से दो-तिहाई 35 वर्ष से कम आयु के लोग यानी दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी, भारत में है। जो गेमिंग में भारत को दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बनाने के लिए काफी है। भारत तेजी से गेमिंग इंडस्ट्री में एक प्रमुख खिलाड़ी बन रहा है, क्योंकि यहां कंपीटिटिव कॉस्ट पर टेक्नीकल और क्रिएटिव स्किल सेट और इंटरनेशनल गेमिंग ग्रोथ की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रोफेशनल एबिलिटी अवलेबल है। अंग्रेजी भाषा की सुविधा के कारण कम्यूनिकेशन में आसानी भी हमें ग्लोबल कंपीटिशन में मेन पोल पर रखती है। इसलिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भारत में युवा अब गेम डेवलपमेंट को एक सीरियस कैरियर के रूप में देख रहे हैं जिसमें ग्रोथ की पूरी संभावना है।

गेमिंग की दुनिया से जुड़कर बना सकते हैं ये करियर :

गेम डिजानइर का काम न सिर्फ गेम की डिजाइनिंग करना होता है बल्कि इन्हें उस गेम को रोचक रूप भी देना होता है। इन्हें गेम लिखने और उसके डायग्राम तैयार करने का काम भी करना होता है। टेक्नोलॉजी की जानकारी के साथ आर्टिस्टिक विजन भी जरूरी है क्योंकि लीड डिजाइनर पर पूरे कॉन्सेप्ट, डिजाइनिंग विजन, प्रेजेंटेशन, इंप्लिमेंटेशन आदि की जिम्मेदारी होती है। कंप्यूटर गेम प्रोड्यूसर को डिजाइनिंग के साथ टू डी सॉफ्टवेयर और थ्री डी मॉडेलिंग की जानकारी होना भी अनिवार्य है। इसके अलावा आॅडियो इंजीनियर बनने के लिए साउंड इंजीनियरिंग के साथ-साथ सी++ और दूसरी लैंग्वेज की गहरी जानकारी होना जरूरी है। इन इंजीनियर्स को आर्ट, डिजाइन, क्वालिटी कंट्रोल आदि पर टीम के साथ काम करना होता है और प्रोडक्शन की प्रक्रिया की जिम्मेदारी भी लेनी होती है। आॅडियो प्रोग्रामर को साउंड इंजीनियर के साथ मिल कर काम करना होता है।

कंप्यूटर इंजीनियर के लिए ये एक बेहतरीन करियर माना जाता है।

आॅडियो प्रोग्रामर :

आॅडियो प्रोग्रामर को किसी भी गेम में स्पेशल इफेक्ट्स डालने होते हैं जिसके लिए साउंड सिथेसिस की जानकारी आवश्यक है। लीड एनिमेटर अमूमन किसी भी गेम के सीनियर आर्टिस्ट और लीड प्रोग्रामर के साथ काम करते हैं। एनिमेटर की भूमिका में काम करने के लिए आपके पास टू डी टैक्सचर मैप को तैयार करने की और ट्र डी कॉन्सेप्ट आर्ट के माध्यम से थ्री डी मॉडल्स तैयार करने की योग्यता अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। ग्राफिक प्रोग्रामर किसी भी गेम को बनाने के लिए टेक्निकल सपोर्ट देता है। इसके लिए आपको डायरेक्ट एक्स, सी, सी++, विंडो प्रोग्रामिंग, ओपन जीएल, थ्री डी पैकेज अदि की जानकारी अवश्य होनी चाहिए।

कम्प्यूटर गेम प्रोड्यूसर:

इसके लिए डिजाइनिंग की जानकारी के अलावा, 3डी मॉड्यूलिंग और टू डी सॉफ्टवेयर का नॉलेज होना जरूरी है वहीं आॅडियो इंजीनियर के लिए सी++, साउंड इंजीनियरिंग के अलावा, अन्य लैंग्वेज की जानकारी आवश्यक है। वीडियो गेम प्रोड्यूसर का काम पूरे प्रोडक्शन के काम पर नजर रखना होता है। इस तरह के इंजीनियर डिजाइन, आर्ट, क्वालिटी कंट्रोल टीम से साथ मिल कर काम करते हैं।

गेम डिजानइर:

इनका काम गेम डिजाइनिंग के साथ गेम को फनी बनाना होता है साथ ही, ये गेम राइटिंग और डायग्राम भी तैयार करते हैं लीड डिजाइनर पर पूरे डिजाइनिंग विजन, कॉन्सेप्ट, प्रेजेंटेशन, इंप्लिमेंटेशन की जिम्मेदारी लेते हैं। लेकिन इसके लिए टेक्नोलॉजी की जानकारी होने के साथ-साथ आर्टिस्टीक विजन बेहद जरूरी है

एनिमेटर:

एनिमेटर आमतौर पर प्रोग्रामर और सीनियर आर्टिस्ट के साथ गेम के करेक्टर के हर पहलू पर काम करते हैं. आप एनिमेटर के रूप में काम करना चाहते हैं, तो आपमें 2डी कॉन्सेप्ट आर्ट के माध्यम से 3डी मॉडल्स और 2डी टेक्चर मैप को तैयार करने की योग्यता होनी चाहिए।

नैरेटिव डिजाइनर:

ये पेशेवर गेम डिजाइनर्स के साथ मिलकर इम्प्रेसिव स्टोरी तैयार करते हैं। ये पेशेवर गेम के विभिन्न करैक्टर्स के लिए टेक्स्ट और डायलॉग लिखते हैं। इन लोगों के इशारे पर ही गेम के करैक्टर्स एक्शन्स करते हैं और अपने फेशल एक्सप्रेशन्स देते हैं।

गेम क्रिएटिव डायरेक्टर:

ये पेशेवर किसी भी गेम में गेम की फीलिंग और गेम प्लेयर के लिए मजेदार गेमिंग एक्सपीरियंस तैयार करने के लिए अपनी क्रिएटिविटी का इस्तेमाल करके सभी जरुरी डायरेक्शन्स देकर गेम डिजाइन्स तैयार करवाते हैं।

आॅडियो प्रोग्रामर:

इस तरह के प्रोग्रामर गेम के लिए आॅडियो तैयार करने के अलावा साउंड इंजीनियर करने का काम भी करते हैं। वैसे यह फील्ड कंप्यूटर इंजीनियर के लिए बेहतरीन माना जाता है। आॅडियो प्रोग्रामर को गेम में स्पेशलइ इफेक्ट के इस्तेमाल के लिए साउंड के बारे में अच्छी नॉलेज रखना जरूरी है।

ग्राफिक प्रोग्रामर:

गेम को डेवलप करने में ग्राफिक प्रोग्रामर टेक्निकल स्पोर्ट देता है लेकिन इसके लिए ग्राफिक प्रोग्रामर को सी, सी++, डायरेक्ट एक्स, ओपन जीएल, विंडो प्रोग्रामिंग, 3डी पैकेज आदि के बारे मालूम होना चाहिए।

डेवआॅप्स इंजीनियर:

ये पेशेवर आॅनलाइन वीडियो गेम से संबद्ध नेटवर्क और सर्वर को तैयार करते हैं और फिर मेंटेन रखते हैं। आसान शब्दों में, ये पेशेवर उस सर्वर के संचालन और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होते हैं जिससे आॅनलाइन वीडियो गेम प्लेयर्स कनेक्टेड होते हैं। एक डेवआॅप्स इंजीनियर को संबद्ध गेम के कोड्स की जानकारी होनी चाहिए ताकि वह अच्छी तरह नेटवर्क संरचना की देखभाल कर सके।

गेम क्रिटिक:

ये पेशेवर विभिन्न आॅनलाइन वीडियो गेम्स के महत्वपूर्ण रिव्युज और विश्लेषण पेश करते हैं जिनके आधार पर ही ग्राहक किसी नई गेम को खरीदते हैं। ये पेशेवर एक अच्छे गेमर होने के साथ-साथ एक अच्छे राइटर भी होते हैं जो आसान शब्दों में किसी भी आॅनलाइन वीडियो गेम के बारे में सारी जरुरी जानकारी उपलब्ध करवाते हैं।

कोर्सेज के लिए एलिजिबिलिटी और योग्यता

गेम डिजाइनिंग में सर्टिफिकेट लेवल कोर्स करने के लिए किसी भी विषय में 10वीं क्लास पास करना जरुरी है, लेकिन डिप्लोमा या ग्रेजुएट लेवल कोर्सेज करने के लिए आपको किसी भी विषय में अपनी 12वीं क्लास का बोर्ड एग्जाम जरुर पास करना होगा। मास्टर डिग्री कोर्स के लिए, किसी टेक्निकल फील्ड में या किसी अन्य संबद्ध विषय में आपके पास ग्रेजुएट डिग्री होनी चाहिए।

गेम डिजाइनिंग के प्रसिद्ध इंस्टीट्यूट:

  • भारती विद्यापीठ विश्वविद्यालय, पुणे
  • माया एकेडमी आॅफ एडवांस्ड सिनेमैटिक (एमएएसी), मुंबई
  • एरिना एनिमेशन, नई दिल्ली
  • जी इंस्टीट्यूट आॅफ क्रिएटिव आर्ट्स, बैंगलोर
  • आई पिक्सियो एनिमेशन कॉलेज, बैंगलोर
  • एनीमास्टर एकेडेमी – कॉलेज आॅफ एक्सीलेंस इन एनीमेशन, बैंगलोर
  • एकेडेमी आॅफ एनिमेशन एंड गेमिंग, नोएडा

सैलरी पैकेज:

हमारे देश में शुरू में किसी फ्रेशन गेम डिजाइनर/ डेवलपर को एवरेज 3 से 4 लाख रुपये सालाना का सैलरी पैकेज मिलता है। कुछ वर्षों के अनुभव, टैलेंट और एजुकेशनल क्वालिफिकेशन के मुताबिक ये पेशेवर एवरेज 7 से 10 लाख रुपये सालाना या इससे अधिक भी कमा सकते हैं।

जाने माने गेम डेवलपर्स:

  • जंप गेम्स, मुंबई
  • डिजिटल चॉकलेट, बेंगलूर
  • गेमलॉफ्ट, हैदराबाद
  • इंडिया गेम्स, मुंबई
  • इलेक्ट्रॉनिक आॅट्स, हैदराबाद
  • मोबाइल टू विन, मुंबई

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