Chachia Nagari

जन्नत-सी वादियों में चहक रहा चचिया नगरी का सचखंड धाम –देवभूमि की वादियों में इन दिनों डेरा सच्चा सौदा के प्रयासों से प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ कृषि-क्रांति का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। आधुनिक कृषि-पद्धति में जैविक खादों का समावेश पर्यटकों के लिए भी उत्सुकता पैदा कर रहा है। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा बताए गए बहुमूल्य एग्रीकल्चर टिप्स को अपनाकर यहाँ दर्जनों एकड़ भूमि पर अलग-अलग किस्म की दर्जनों फसलें एक साथ उगाई जा रही हैं।

जी हाँ, यहाँ बात हो रही है हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थापित एमएसजी मानवता भलाई केंद्र व डेरा सच्चा सौदा परमपिता शाह सतनाम जी सचखंड धाम चचिया नगरी की, जो अपनी मनमोहक खूबसूरती और अभिनव कृषि प्रयोगों के कारण आज न सिर्फ भारत, बल्कि विश्वभर में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। प्रकृति की गोद में बसा यह नज़ारा तब और भी दिलकश हो उठता है, जब यहाँ प्राकृतिक तरीके से ही खेती को नए आयाम देने का बेशकीमती प्रयास किया जा रहा हो। दरअसल, डेरा सच्चा सौदा की ओर से यहाँ मौसमी सब्जियों के साथ-साथ ड्राई फ्रूटस और विदेशी फलों का भी भरपूर उत्पादन लिया जाता है, और वह भी पूर्णत: जैविक विधि से।

धाम में सेवा कार्य में जुटे जीएसएम सेवादार भाई प्रितपाल इन्सां का कहना है कि यहां खेती कार्य केवल मौसमी सब्जियों तक खेती सीमित नहीं है, बल्कि मसालों से लेकर ड्राई फ्रूट्स और विदेशी फलों तक का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इसमेें अखरोट, बादाम, खुबानी जैसे पौष्टिक ड्राई फ्रूट्स के साथ-साथ रसभरी, बबूगोशा, जापानी फल, पपीता, नाशपाती, आड़ू, पलम जैसी दुर्लभ और स्वादिष्ट फलों की कई किस्में यहां उगाई जाती हैं। डेरा सच्चा सौदा का यह प्रयास कृषि क्षेत्र में नजीर बन रहा है, जो पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन चुका है। हर वर्ष गर्मी के दिनों में विदेशी पर्यटक भी यहाँ बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। -रविंद्र रियाज