गरीब परिवार के लिए फरिश्ता बन आए सेवादार कन्या की शादी में दिया आर्थिक सहयोग
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत 139 मानवता भलाई के कार्य चला रही है।
इसी कड़ी में आशीर्वाद मुहिम के तहत कोटा ब्लॉक के सेवादार बारां जिले के हरनावदा गांव में गरीब कन्या की शादी में फरिश्ते बनकर पहुंचे। सेवादारों ने घरेलू जरूरत का सारा सामान देकर इन्सानियत का फर्ज अदा किया।
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इस कार्य की ग्रामीणों ने भरपूर प्रशंसा की तथा पूज्य गुरुजी का धन्यवाद जताया, जिनकी पावन प्रेरणाओं का अनुसरण करते हुए संगत ऐसे सेवाकार्य कर रही है। सेवादार राम बिलास इन्सां ने इस बारे में बताया कि कोटा से 140 किलोमीटर दूर बारां जिले के हरनावदा गाँव में मांगीलाल की बेटी की शादी 26 अप्रैल को निश्चित हुई थी।
पिता की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उसे चिंता सताए जा रही थी। इस बारे में जब शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों को पता चला तो सेवादारों ने एकसुर में गरीब परिवार की मदद करने का निर्णय लिया।
तत्पश्चात सेवादारों ने गाँव हरनावदा में लड़की के घर जाकर घरेलू जरूरत का सामान जिसमें डबल बेड, कूलर, सिलाई मशीन, एलईडी, रजाई, 25 घरेलू जरूरत के बर्तन, बतौर शगुन 1100/- रु देकर सहयोग किया। इस पुनीत सेवा कार्य में केवल सिंह इन्सां, सुखदेव इन्सां, अजय सिंह इन्सां, हरीओम इन्सां, भंवर सिंह इन्सां, सुनील मलिक इन्सां, इन्द्रजीत सिंह इन्सां, बलभद्र इन्सां, मनमोहन इन्सां, राम बिलास इन्सां, राघव इन्सां ने सहयोग किया।
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मानवता: डेरा प्रेमियों की बदौलत गणेश पहुंचा अपने ‘असम’
बिन मां-बाप का एक बेटा (18 वर्षीय), जिसे असम राज्य से नौकरी दिलाने का झांसा देकर दिल्ली में पैसों के लालचियों ने बेच दिया। उसकी पीड़ा को महसूस करने वाला कोई नहीं था। ऐसी स्थिति में मददगार बनकर सामने आए ब्लॉक संगरिया की शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार। इन सेवादारों ने मानव तस्करी का शिकार हुए उक्त युवक के परिवार का पता लगाया और पुलिस की मौजूदगी में उसके रिश्तेदार के हवाले किया।
आपबीती सुनाते हुए पीड़ित गणेश ने बताया कि वह जिला विश्वनाथ, असम का रहने वाला है। उसके माता-पिता का निधन हो चुका है। गांव का एक व्यक्ति उसे दिल्ली में नौकरी दिलाने का सांझा देकर लेकर आया और उसे शुकरपुर इलाके में बंधक बनाकर रखा गया। दिल्ली से उसे तपेश्वर नाम का व्यक्ति हनुमानगढ़ लाया जहां डबली गांव में भी उसे बंधक बनाकर जानवरों की तरह भूखा-प्यासा काम करवाया गया। एक दिन युवक गणेश रात को दीवार कूदकर भाग निकला। खेतों में इस दौरान करंट लगने से वह कुछ देर बेहोश पड़ा रहा, जब होश आया और किसी तरह रेलवे स्टेशन पहुंचा और ट्रेन में बैठकर हनुमानगढ़ से संगरिया स्टेशन पर उतरा।
सेवादारों का देखा प्रेम तो भर आई आँखें
समाजसेवी राज किंगरा को यह पीड़ित युवक संगरिया रेलवे स्टेशन पर मिला जो भूखा-प्यासा अपनों की तलाश में भटक रहा था। किंगरा ने शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के जिम्मेवार लालचंद इन्सां को बताया तो वो मौके पर पहुंचे और उसे संगरिया नामचर्चा घर में लाया गया। जहां उसे नहला कर, कपड़े बदले गए और उसे भोजन खिलाया गया। डेरा अनुयायियों का ये प्रेम देखकर उसकी आँखों से खुशी के आंसू झलकने लगे। डेरा श्रद्धालुओं ने 7 दिन की अथक मेहनत के बाद उसके घर का पता ढूंढ निकाला।
संपर्क करने पर पता चला कि गणेश का जीजा आकाश कुमार चेन्नई में एक कंपनी में काम करता है। डेरा श्रद्धालुओं ने किसी तरह से उसका मोबाइल नंबर पता किया और बातचीत कर सारी जानकारी दी। जिसके बाद वे गत 21 मार्च को चेन्नई से संगरिया पहुंचे। पुलिस की मौजूदगी में युवक गणेश को उनके सुपुर्द कर दिया गया। आकाश कुमार ने धन्यवाद करते हुए कहा कि मैंने सुना था फरिश्ते होते हैं आज डेरा अनुयायियों के रूप में देख भी लिया।
थाना प्रभारी विजय सिंह मीणा ने डेरा श्रद्धालुओं के इस सराहनीय कार्य की प्रशंसा की। इस सेवा कार्य में मुख्य रूप से शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार लालचंद इन्सां, महेश गोयल इन्सां, सुरेंद्र जग्गा इन्सां, गोविंद सोनी इन्सां, रॉकी गर्ग इन्सां, ओम बुडानिया इन्सां, जगजीत सिंह इन्सां, बनारसी दास जग्गा, प्रधान राज किंगरा और भंगीदास कृष्ण सोनी का सहयोग रहा।