The art of bargaining in shopping will save both money and time

खरीदारी में मोल-भाव की कला, पैसे व समय दोनों ही बचेंगे
कोरोना काल के बाद बाजारों में मंदी छाई हुई है। इसी मंदी से उबरने के लिए दुकानदार आर्कषक आॅफर भी दे रहे हैं।

उनकी प्लानिंग होती है कि दुकान में नया माल भरा जाए और पुराने को सेल में निकाला जाए, मगर अब दुकानों से ज्यादा सेल का शोर आॅनलाइन शॉपिंग में है। वक्त के साथ बदलते शॉपिंग ट्रेंड बदल गया है। लेकिन आॅनलाइन शॉपिंग हर किसी के बस की बात नहीं।

इसमें भी आपको स्मार्ट आइडियाज का पता होना चाहिए, नहीं तो आप ठग्गी का शिकार हो सकते हैं।

  • शॉपिंग के लिए घर से निकलने से पहले बजट प्लान करें और उसी के अनुसार पैसे लेकर जाएं। आपके पास सीमित मात्रा में पैसे होंगे तो आप फिजूलखर्च से बच जाएंगी।
  • मार्केट में जाकर फटाफट चीजें खरीदने की बजाय पहले विंडो शॉपिंग करें और यह जानने की कोशिश करें कि मार्केट में कौन-सी चीज कहां सस्ते दाम में मिल रही है? ऐसा करके आप कम दाम में बेहतर चीज खरीद सकेंगी।
  • मार्केट और नई-नई दुकानों के चक्कर लगाते रहें। नई दुकानें ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कई आॅफर देती हैं।
  • ब्रांड कॉन्शियस होना अपनी जगह सही है, लेकिन किसी लोकल ब्रांड की कोई चीज यदि पसंद आ रही हो तो बेझिझक खरीद लें, वरना ब्रांड के चक्कर में अच्छी चीजों से हाथ धो लेंगी।
  • क्लासिक व एवरग्रीन वस्तुओं पर पैसे खर्च करने में संकोच न करें। ऐसी वस्तुएं जिनका फैशन कभी आउट नहीं होता, उन्हें थोड़े ज्यादा पैसे देकर खरीदना फिजूलखर्ची नहीं, बल्कि समझदारी है। सीजनल ट्रेंड या केवल थोड़े समय के लिए फैशन में रहने वाली चीजों पर कम पैसे लगाएं।
  • यदि आप शॉपिंग के लिए निकली हैं, तो केवल कोरम पूरा करने के लिए कुछ ऐसा न खरीदें जो आपको ज्यादा पसंद न हो। कुछ पसंद न आने पर खाली हाथ वापस आने में ही भलाई है, बजाए अपने पैसे को बर्बाद करने के।
  • यदि पसंद की गई चीज को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं कि उसे खरीदें या नहीं, तो ऐसे में अपने मन पर काबू रखें। उस समय वहां से हट जाएं। एक सप्ताह के लिए उसे खरीदने का विचार छोड़ दें। यदि वह वस्तु आपको सात दिन बाद तक भी आकर्षित कर रही हो तो स्टोर में जाएं और उसे खरीद लाएं।
  • यदि आपको कोई वस्तु खरीदने की इच्छा हो रही हो तो सबसे पहले खुुद से यह पूछें कि क्या वाकई आपको इसकी आवश्यकता है? क्या आप इसके बिना रह सकते हैं? क्या आपके पास इसके जैसा दूसरा कुछ है? इन सवालों के जवाब उस वस्तु को खरीदने या ना खरीदने में आपका मार्गदर्शन करेंगे।
  • अनावश्यक खर्च से बचना चाहते हैं तो क्रेडिट कार्ड की बजाय कैश पेमेंट करें। क्रेडिट कार्ड से भुगतान करते वक्त अक्सर खर्च का अंदाजा नहीं लगता, जबकि कैश में भुगतान करते समय हरी पत्तियां हमारे हाथों से ढीली होती हैं, जिससे खर्च का अंदाजा लगता है।

ज्वेलरी शॉपिंग:

यदि आप ज्वेलरी की शौकीन हैं तो इनकी खरीददारी करते वक्त कुछ बातों का खास ध्यान रखें। कोई भी आइटम लेने से पहले दो-चार दुकान घूमकर सही दाम निकालने की कोशिश करें। ज्वेलरी लेने से पहले स्टोर की रीफंड व रिटर्न पॉलिसी के बारे में जानकारी लें।

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यदि डायमंड ज्वेलरी खरीदने का मन बना रहे हैं, तो चार सी यानी कट, कलर, क्लेरिटी और कैरेट (वजन) को ध्यान में रखकर ही खरीददारी करें। प्रेशियस स्टोन से बनी ज्वेलरी खरीदने से पहले इस बात की तसल्ली कर लें कि वो नेचुरल स्टोन से बनी है या लेबोरेटरी मेड है। गोल्ड ज्वेलरी लेते समय कैरेट के बारे में अवश्य पूछें।

फुटवेयर शॉपिंग:

अच्छी फिटिंग वाले और कंफर्टेबल फुटवेयर ही खरीदें। हो सके तो जूतों की शॉपिंग दोपहर या शाम में करें, क्योंकि इस समय दिन भर की एक्टिविटी के बाद पैर थोड़े सूज जाते हैं। इससे आप छोटे साइज के फुटवेयर लेने से बच सकती हैं। शूज ट्राई करते समय इस बात की तसल्ली कर लें कि पहनने के बाद थोड़ी-सी जगह बच रही है। पैर की सबसे लंबी उंगली और जूते के बीच थोड़ा गैप होना चाहिए।

जूते पहनकर थोड़ी देर चलकर जरूर देखें। मल्टीफंक्शन फुटवेयर को प्राथमिकता दें यानी ऐसे फुटवेयर खरीदें जो कई जगह पहने जा सकें। क्लासिक स्टाइल और कलर के फुटवेयर ही खरीदें यानी ऐसे फुटवेयर लें जो हमेशा फैशन में रहते हैं। सस्ते और घटिया क्वालिटी के फुटवेयर खरीदने से परहेज करें। खराब क्वालिटी के फुटवेयर पहनने से पीठ और रीढ़ की हड्डी पर बुरा असर पड़ता है, जिसका खामियाजा बाद में भुगतना पड़ सकता है।

पर्स शॉपिंग:

पर्स की शॉपिंग करते समय साइज का खास ध्यान रखें। ज्यादा बड़े या छोटे बैग खरीदने से बचें। बैग खरीदते वक्त जिप आदि चेक कर लें। बैग के मटीरियल पर भी ध्यान दें। स्टाइलिश बैग खरीदना चाहती हैं तो ब्लैक, व्हाइट, बेज जैसे बेसिक कलर के अलावा दूसरे कलर्स के बैग खरीदें।

फर्नीचर शॉपिंग टिप्स:

अपनी लाइफस्टाइल को देखते हुए ये तय करें कि आपके लिए कैसे फर्नीचर अधिक उपयोगी हो सकते हैं। अपनी पसंद के रंग और फर्नीचर के पैटर्न की लिस्ट या कट आउट्स साथ रखें। कई स्टोर्स में इंटीरियर डिजाइन कंसल्टिंग, रूम प्लानिंग गाइड आदि की सुविधा भी होती है। उनकी सेवाओं का भी लाभ उठाएं। जिस रूम के लिए फर्नीचर खरीदना है उस रूम की लंबाई और चौड़ाई नाप लें और उसी के अनुसार फर्नीचर चुनें। फर्नीचर खरीदते समय इस बात की तसल्ली कर लें कि कहीं उसमें दरार या कोई दूसरा डिफेक्ट तो नहीं है। फर्नीचर को हाथों से छूकर उसकी फिनिशिंग चेक करें।

गिफ्ट शॉपिंग:

किस प्रकार के आइटम गिफ्ट में देना चाहते हैं, इसकी प्लानिंग पहले से कर लें। ये आइटम्स जिन स्टोर्स में मिलेंगे उनकी लिस्ट बनाएं। स्टोर का मोबाइल नंबर उपलब्ध हो तो वहां फोन करके पहले ही पूछ लें कि आपकी पसंद का आइटम वहां है या नहीं। स्टोर खुलने के थोड़ी देर बाद या स्टोर के बंद होने के थोड़े पहले का समय गिफ्ट शॉपिंग के लिए आइडियल है। ट्रैवलिंग के दौरान गिफ्ट की शॉपिंग क्रेडिट कार्ड से करने की बजाय कैश से करें। इससे खर्च पर नियंत्रण करना आसान होगा।

कपड़ों की खरीददारी:

आउटफिट्स की शॉपिंग करते समय इन बातों का ध्यान रखें। आउटफिट की खरीददारी करने से पहले समय निकालकर थोड़ी रिसर्च कर लें। कोई भी ड्रेस खरीदते वक्त स्टाइल से ज्यादा कंफर्ट का ध्यान रखें। कोई ड्रेस कितनी भी स्टाइलिश क्यों न हो, लेकिन वो यदि आरामदायक नहीं है, तो उसे खरीदने की गलती न करें। आजकल मिक्स एंड मैच का युग है यानी एक जींस या लैगिंग को आप कई टी-शर्ट और कुर्ती के साथ पहन सकती हैं।

अत: सभी कुर्ती के लिए अलग-अलग सलवार या लैगिंग खरीदने की बजाय कॉमन कलर के कुछ लैगिंग खरीदें। न्यूट्रल कलर के आउटफिट्स प्रिंटेड और कलरफुल कपड़ों से ज्यादा क्लासी व महंगे नजर आते हैं। अत: न्यूट्रल कलर के आउटफिट्स पर पैसे खर्च करने से हिचकिचाएं नहीं। यदि आप ट्रायल रूम में ज्यादा वक्त नहीं बर्बाद करना चाहतीं, तो कम बटन और जिप वाले कपड़े पहनें ताकि चेंज करने में आसानी हो।

यूं करें मोल-भाव

बार्गेनिंग यानी मोल-भाव करना भी एक कला है। यदि आपको यह कला नहीं आती तो हमारे खास टिप्स आपके लिए मददगार साबित होंगे। कोई भी चीज खरीदने से पहले दो-तीन दुकान पर घूमकर सही दाम पता करने की कोशिश करें। दुकानदार जितना दाम बताए आप सीधे उसका आधा दाम बोलें। यदि आप एक से ज्यादा आइटम खरीद रही हैं तो कीमत आधा से भी कम कराने की कोशिश करें। यदि मुमकिन हो तो सुबह के समय ही शॉपिंग के लिए निकलें।

इस समय भीड़ भी कम होती है और ज्यादा वैरायटी भी देखने को मिलती है। कोई आइटम बहुत ज्यादा पसंद आ जाए तो भी दुकानदार को इस बात की भनक न लगने दें, वरना वो आपसे मनमाने पैसे मांगेगा। यदि दुकानदार पैसे कम करने के लिए तैयार नहीं हो रहा है, तो तुरंत मानने की बजाय दुकान छोड़कर आगे बढ़ जाएं, ऐसा करते देख वो आपको बुलाकर सही दाम में सामान बेचने की कोशिश करेगा।

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