इन देशों में चल रहा है बच्चों का वैक्सीनेशन
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कनाडा:
पूरी दुनिया में बच्चों का कोरोना वैक्सीनेशन सबसे पहले कनाडा ने शुरू किया। यहां 12-15 साल तक के बच्चों के लिए फाइजर की वैक्सीन को मंजूरी दी गई है। इससे पहले यह वैक्सीन 16 से ज्यादा उम्र वालों को लगाई जा रही थी।
अमेरिका:
यहां भी 12 से 15 साल के बच्चों के लिए फाइजर-बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन लगाई गई है। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इसे इजाजत दी है। कनाडा की ही तरह पहले यह भी 16 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों को लगाई जा रही थी। जिसके बाद अब 12 से 15 साल के छह लाख बच्चों को वैक्सीन के डोज लगाए जा चुके हैं।
ब्रिटेन:
ब्रिटेन में एस्ट्राजेनेका 6 साल से 17 साल के बच्चों पर ट्रायल कर रही है। एस्ट्राजेनेका की ही वैक्सीन कोवीशील्ड के नाम से भारत में लगाई जा रही है।
भारत की क्या स्थिति है?
भारत अभी इन देशों से बहुत पीछे है। भारत में अभी मॉडर्ना की वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल के नतीजे सामने आए हैं। इसमें 12 से 17 साल के बच्चों को शामिल किया गया था। कंपनी के अनुसार, वैक्सीन बच्चों पर 100% प्रभावी और सुरक्षित पाई गई है। भारत में 18- 45 साल की आयु वाले लोगों का टीकाकरण चल रहा है। लेकिन प्रोडक्शन में देरी और डोज की कमी के कारण वैक्सीनेशन धीमा पड़ गया है।
ऐसे में भारत अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर-बायोएनटेक की तरफ उम्मीदों भरी नजर से देख रहा है। कंपनी इस साल भारत को 5 करोड़ वैक्सीन देने को तैयार है, लेकिन वैक्सीनेशन के बाद कंपनी कोई जिम्मेदारी नहीं लेना चाहती। दूसरी तरफ, छोटे ही नहीं बड़े शहरों में भी पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) यानी बच्चों के आईसीयू नहीं हैं। ऐसे हालातों के बीच देश में बच्चों का वैक्सीनेशन एक बड़ी चुनौती है।