stay healthy even in rainy season - sachi shiksha hindi

बारिश के मौसम में भी रहें स्वास्थ

गर्मी की तपन के बाद बरसात के मौसम की ठंडी फुहारें पड़ते ही मन खिल उठता है और गर्म चाय के साथ फ्राइड या जंक फूड खाने के लिए मचल जाता है। लेकिन सेहत के लिहाज से यह खुशनुमा मौसम थोड़ा नाजुक होता है। उमस भरे वातावरण में नमी का स्तर बहुत बढ़ जाता है और हवा में कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया को जन्म देता है, जो हमारे पानी और खाने की चीजों में मिलकर उन्हें विषाक्त कर देते हैं।

इनका सेवन करने से ये वायरस हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और कई संक्रामक बीमारियों को न्यौता देते हैं। हमारे शरीर में ऊर्जा का स्तर नीचे चला जाता है, पाचन तंत्र गड़बड़ा जाता है तथा रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। ऐसे में केवल मुंह के स्वाद के लिए संतुलित और पौष्टिक भोजन की अनदेखी करना घातक होता है। आप अपच, दस्त, पेचिश, खांसी-जुकाम, टायफाइड, वायरल जैसी बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं,

Also Read :-

इसलिए इस मौसम में संतुलित आहार और सावधानियों की खास जरूरत होती है।

साफ-सफाई का रखें ख्याल

बारिश के मौसम में जगह-जगह कीचड़ या गंदगी फैल जाती है। ऐसे में आपको घर की सफाई का खास ख्याल रखना होगा। कई बार बच्चे घर के फर्श पर ही बैठ जाते हैं, जिससे उन्हें इंफेक्शन होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में अपने घर के फर्श की अच्छे से सफाई करें। समय-समय पर फर्श को फिनायल से भी धोएं, ताकि फर्श से किसी भी तरह का इंफेक्शन बच्चे में न फैले।

घर में बना खाना ही दें

इस मौसम में बाहर का खाना बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे में अपने नन्हे-मुन्ने को घर का बना खाना ही दें। इसके अलावा मॉनसून में स्टोर किया गए खाने में बैक्टीरिया जल्दी पनपते हैं, इसलिए रखे हुए खाने का इस्तेमाल न करें। आप बच्चे को मौसमी फल दे सकती हैं, मौसमी फल बच्चे को रोगों से लड़ने की शक्ति देते हैं।

लें संतुलित आहार

गेहूं, मक्का, जौ, बेसन जैसे साबुत सूखे अनाज और दालों को अपने भोजन में शामिल करना बेहतर है। प्रोटीन, लौह और मैगनीशियम युक्त इन खाद्य पदार्थों के सेवन से रोग-प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है। इस मौसम में आसानी से मिलने वाले भुने भुट्टे के सेवन से पर्याप्त फाइबर मिलता है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता के लिए वरदान है। आहार में सूखे मेवों को शामिल करना भी जरूरी है।

मौसम सब्जियां व फल ही खाएं

बारिश के मौसम में मौसमी सब्जियों और फलों को अपने आहार का हिस्सा बनाएं। हरी पत्तेदार सब्जियों के बजाय हल्की और सुपाच्य सब्जियां जैसे घीया, तौरई, टिंडा, भिंडी, फ्रैंच बीन्स का सेवन करने से बारिश के मौसम में पेट संबंधी बीमारियों के खतरे से बचा जा सकता है। करेला, मूली, मेथी जैसी कड़वी सब्जियां संक्रमण से बचाती हैं। भोजन में अदरक, लहसुन, पुदीना, धनिया, काली मिर्च, हल्दी, हींग, मेथी दानों का उपयोग पाचनशक्ति को बढ़ाने में फायदेमंद है। इस मौसम में सलाद नहीं खाना चाहिए, लेकिन एंटी आॅक्सीडेंट तत्वों से भरपूर खीरे के सेवन से कब्ज, अपच जैसे पेट के संक्रमण में फायदा होता है।

रोजाना तीन रंगों के फल खाएं:

फलों का सेवन बारिश के मौसम के लिए आदर्श भोजन है। हमें अपनी दिनचर्या में मौसमी, अमरूद, आंवला, नाशपाती, पपीता, स्ट्रॉबेरी, आम, सेब, अनार, केला जैसे विटामिन सी से भरपूर फलों को तरजीह देनी चाहिए। रोजाना तीन रंगों के फल खाने चाहिए। इनमें मौजूद पौष्टिक और एंटीआॅक्सीडेंट तत्व न केवल शरीर में ऊर्जा संतुलन के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि ये शरीर से विषाक्त पदार्थो को बाहर निकालते हैं और संक्रमण से बचाव कर रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाते हैं।

मच्छरों को न होने दें पैदा

बारिश के आने के साथ ही डेंगू, मलेरिया और कई तरह की बीमारियां फैलने लगती हैं। ऐसे में अपने घर को मच्छरों का घर बनने से पहले ही कुछ जरूरी बातों का ख्याल रखें। अपने घर में किसी भी जगह पानी इकठ्ठा न होने दें। कूलर, गमले, और टब में रखें पानी को समय समय पर साफ करें। बच्चे को हमेशा मच्छरदानी में ही सुलाएं।

कॉटन के कपड़े ही पहनाएं

मॉनसून में कभी बारिश, कभी धूप आती जाती रहती है। ऐसे में बच्चे को कॉटन के कपड़े ही पहनाएं। कॉटन के कपड़े में बॉडी को आराम मिलता है। मच्छरों से बचाने के लिए अपने बच्चे को ऐसे कपड़े पहनाएं, जिससे उनके हाथ पैर पूरी तरह से ढके रहें।

सावधानियां भी हैं जरूरी:

  • भोजन बनाते समय सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। औषधीय साबुन से अपने हाथ धोएं, ताकि किसी प्रकार के कीटाणु न रहें। इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि भूख लगे, तभी खाएं।
  • बारिश के मौसम में कच्चा भोजन खाने से बचना चाहिए। यहां तक कि सलाद भी नहीं खाना चाहिए।
  • हमेशा ताजे फलों का ही सेवन करें।
  • सफाई न होने की आशंका के कारण बाहर मिलने वाले फलों और सब्जियों के जूस के सेवन से बचें। इस मौसम में घर पर तैयार जूस का सेवन ही उचित है।
  • एक बार में भरपेट भोजन करने के बजाय थोड़े-थोड़े अंतराल पर फल या दूसरा लघु भोजन करें। इससे बारिश के मौसम में एक तो पाचन संबंधी समस्याओं से दूर रहेंगे, दूसरे आवश्यक पौष्टिक तत्वों की आपूर्ति होगी।
  • ताजा और गर्म भोजन ही खाएं।
  • खाना बनाने में सरसों, मूंगफली और तिल जैसे भारी तेलों के बजाय मकई और आॅलिव आॅयल का इस्तेमाल करें। हैवी आॅयल पित्त बढ़ाने के अलावा शरीर को कमजोर बनाते हैं।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!