Ayurvedic treatment for cough

खांसी से बचाव के आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे Ayurvedic treatment

बदलते मौसम में धूल या प्रदूषण के कारण खांसी एक आम समस्या बन गई है। बार-बार होने वाली सूखी या बलगमी खांसी से राहत पाने के लिए लोग दवाइयों का सहारा लेते हैं। लेकिन आयुर्वेद कहता है कि समाधान आपकी रसोई में ही मौजूद है।

आईए जानते हैं कुछ आसान आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे, जो बिना दवा के खांसी में तुरंत राहत देकर फेफड़ों को मजबूत बनाते हैं:

अदरक:

अदरक का काढ़ा बनाने के लिए 1 इंच अदरक का टुकड़ा पीसकर 1 कप पानी में धीमी आंच पर उबालें और पानी आधा रहने पर छानें। सुबह खाली पेट लगभग 4 चम्मच सेवन करें। अगर आपको गैस, अलसर या तेजाब की समस्या है, तो इसे खाने के बाद ले सकते हैं। आयुर्वेद में अदरक को ‘विश्वभेषज’ कहा गया है अर्थात् ‘सर्वरोगहर औषधि’। इस काढ़े का लगातार सेवन करने से सर्दी-खांसी की पुनरावृति नहीं होती। माथे पर अदरक का गर्म लेप लगाने से बंद नाक और सिरदर्द में भी राहत मिलती है।

धनिया:

1 चम्मच धनिया चूर्ण, एक चुटकी हल्दी और आधा चम्मच शक्कर को एक कप पानी में धीमी आंच पर उबालें। आधा रहने पर छानकर काढ़ा तैयार कर लें। 3-4 चम्मच काढ़े का सेवन दिन में 3 बार करें। यह काढ़ा गले की जलन और बलगम को कम करता है व पाचन सुधारता है। धनिया की यह हर्बल चाय रोज सुबह पीने से खांसी और सर्दी से बचाव होता है।

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इलायची:

1 चुटकी हरी इलायची का चूर्ण एक चम्मच शहद के साथ दिन में 3-4 बार लें। यह स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी गुणकारी है। सूखी और बलगमी दोनों प्रकार की खांसी में 2-3 इलायची चबाना लाभकारी है।

पिप्पली:

पिप्पली, अदरक और काली मिर्च (प्रत्येक 2-3 ग्राम) को एक कप पानी में धीमी आंच पर उबालें। आधा रहने पर छान लें। इस काढ़े में आप शहद या शक्कर मिला सकते हैं। 3-4 चम्मच काढ़ा दिन में 2-3 बार पीएं। पिप्पली पुरानी खांसी और कफ रोगों में अत्यंत प्रभावी है। आधा चम्मच पिप्पली चूर्ण शहद के साथ दिन में तीन बार लेने से बलगमी खांसी में आराम मिलता है। ध्यान रहे कि यह मिश्रण 5 साल से छोटे बच्चों को न दें, नहीं तो उनमें फं२ँी२ हो सकते हैं।

शहद:

एक चम्मच शहद में काली मिर्च या लौंग मिलाकर दिन में 3-4 बार लें। शहद को प्राकृतिक ‘कफ निसारक’ कहा जाता है। शहद गले को नमी देता है और खांसी को तुरंत शांत करता है।

तुलसी:

10-12 तुलसी के पत्तों को पीस लें व रस निकाल लें। 2 चम्मच तुलसी का रस शहद के साथ दिन में 2-3 बार लें। तुलसी को देवद्रव्य कहा जाता है अर्थात् यह दिव्य औषधि है, जो शरीर व मन के कई रोगों को शांत करती है। तुलसी खांसी और सर्दी की रामबाण औषधि है।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान:

  • ठंडी, तली, बासी चीजें न खाएं।
  • दही, आइसक्रीम और ठंडे पेय पदार्थों से परहेज करें।
  • गुनगुना पानी पीना व भाप लेना अत्यंत लाभकारी है।
  • रात को देर तक जागना या अधिक बोलना गले को नुकसान पहुंचा सकता है।
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पूज्य गुरु जी द्वारा बताए टिप्स:

  • हींग, त्रिफला, मुलेठी और मिश्री को नींबू के रस में मिलाकर चाटने से खांसी में फायदा मिलता है।
  • गुड़ व अजवायन को चूसने से खांसी में आराम मिलता है।
  • तुलसी, काली मिर्च और अदरक की चाय पीने से भी खांसी खत्म होती है।