थकान से निपटें
शरीर और मन की बैट्री पुन: चार्ज करने के लिए ही कुदरत ने नींद बनाई है। सात आठ घंटे की नींद शरीर को तरो-ताजा करने के लिए काफी होती है।
आज जीवन का ढर्रा कुछ इस प्रकार बन गया है कि व्यक्ति चाहे पुरूष हो या महिला या बच्चे ही क्यों न हों, किसी के पास भी चैन और सुकून नहीं है।
महिलाएं जो कामकाजी हैं, उन्हें तो डबल ड्यूटी करनी पड़ती है। बढ़ती प्रतियोगिता, जीवन की तेज गति, भागमभाग, घर दफ्तर की दूरियां, उच्च जीवनस्तर की उत्कट लालसा, महत्वाकांक्षाएं, इन सब के फेर में व्यक्ति एक पैर पर मानो चक्करघिन्नी सा घूमता रहता है। हमारे शरीर की अपनी सीमाएं हैं। हम कोई सुपरमैन तो हैं नहीं कि बिना थके मुश्किल से मुश्किल कार्य पलक झपकते कर डालें।
महिलाएं वैसे भी शारीरिक रूप से पुरूषों के मुकाबले कमजोर और नाजुक होती हैं। वे जल्दी थक जाती हैं । उन्हें माहवारी व प्रसूति जैसी स्थितियों से भी गुजरना पड़ता है। बाद में शिशु की देखभाल पूर्णकालिक कार्य बन जाता है जिसमें न रातों की नींद अपनी रह जाती है न दिन का चैन। बच्चों के नेपीज धोते बदलते, बार-बार फीड देने, डॉक्टर के चक्कर लगाने में औरत थक कर बेहाल रहती है।
Also Read :-
- वर्क फ्रॉम होम न बने सिरदर्दी
- ऊर्जा बढ़ाती है सर्दियों की धूप
- माइक्रो वर्क आउट: सेहत के लिए केवल 20 मिनट काफी -फिटनेस
- चिंता से बचिए
अपने को रिलैक्स करने का तरीका ऐसे में हर औरत को जान लेना चाहिए क्योंकि तनावग्रस्त रहने से समस्या का हल नहीं मिलेगा। संतुलित आहार लें। दूध, फल ज्यादा मात्र में लें। प्रोटीन लें। मिलाजुला आहार (मिक्सड फूड) उत्तम होता है।
कई महिलाओं को शिकायत रहती है कि उन्हें भूख नहीं लगती। खाना मानो ऊपर ही धरा रहता है। ऐसा निष्क्रि य रहने के कारण होता है। सुबह शाम की लंबी सैर एक बढ़िया व्यायाम है। योग का भी बहुत महत्त्व है लेकिन ध्यान रहे, व्यायाम सही और शरीर को माफिक आने वाला हो। ऐसा न हो कि अति उत्साह में शरीर में कोई नई व्याधि उत्पन्न कर लें।
आज जिसे हम मेडिटेशन के नाम से ज्यादा जानते हैं, वह ध्यान भी तनावमुक्ति का कारगर उपाय है। मस्तिष्क को साफ स्लेट की तरह विचारमुक्त करने की कोशिश करें। सारा राग द्वेष, समस्याएं, डर, चिंता, भूल, कोई गुदगुदाने वाली घटना याद करें। अकेले हंसने से डरिए मत। यह पागलपन का लक्षण कदापि नहीं, स्वस्थ रहने का नुस्खा है।
गहरी श्वास लेकर छोड़ें। इससे फेफड़े मजबूत बनते हैं। चेहरे को हथेलियों से हल्के हल्के थपथपायें। भाल के बीचोंबीच बिंदी वाली जगह पर उंगलियों से मसाज करें।
रिलैक्स करने के लिए टी. वी. पर चुनिंदा प्रोग्राम ही देखें। ज्यादा देर टीवी देखना, खासकर आंखों के लिए नुकसानदेह होता है। मनोरंजन के उद्देश्य से पढ़ना हो तो कुछ हल्का फुल्का ही पढ़ें। बच्चों की कहानियां या जोक्स की किताबें पढ़ी जा सकती हैं। फिर फिल्म मैगजींस तो होती ही हैं हर घर में।
थकान मिटाने के लिये हल्की गपशप की जा सकती है लेकिन इसके मौके बहुत कम मिलते हैं। ज्यादातर लोग फिजूल बातें कर और थका देते हैं, इसलिए बेहतर है घर में ही थकान मिटाने के नुस्खे आजमाएं। अच्छे संगीत से बढ़कर आपके मन के लिए शांतिदायक दूसरी चीज नहीं। हल्की आवाज में बजता मधुर संगीत स्वर्गीय आनंद प्रदान करता है। संगीत से प्यार करना सीखें, आपके आधे गम दूर हो जाएंगे। याद रखें, तनाव से भी थकान महसूस हो सकती है।
अगर किसी स्त्रीजन्य रोग के लक्षण प्रकट होते हैं तो डॉक्टरी सलाह लेने में कोताही न करें। छाती और गर्भाशय का कैंसर स्त्रियों के लिये आज सबसे बड़ा खतरा बन गया है। शुरूआती दौर से पता चलने पर यह बिल्कुल ठीक किया जा सकता है।
हर समय यह कहते रहने से कि मैं बहुत थक जाती हूं, क्या करूं, हर समय थकी थकी सी रहती हूं, कोई फायदा नहीं। शरीर में कोई कमी है तो दवाइयां और खुराक लें।
कार्यभार है तो उसे प्लान किया जा सकता है। लगातार खटते रहना ठीक नहीं। बीच बीच में कुछ देर विश्राम कर बैट्री पुन: चार्ज करते रहना चाहिए।
-उषा जैन ‘शीरीं’