इंटरनेट पर निर्भरता बढ़ने के साथ गोपनीय या व्यक्तिगत सूचनाएं लीक होने का खतरा भी बढ़ा है। इसके अलावा, बैंक अकाउंट में सेंध लगाने या पासवर्ड हैक कर लोगों या बैंकों को चूना लगाने की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाना आज के समय में बड़ी चुनौती है। इससे निपटने के लिए ही ‘एथिकल हैकिंग’ के विशेषज्ञों की जरूरत लगातार बढ़ रही है।
जरा सोचिए, अगर आपकी फेसबुक वॉल पर कोई अश्लील पोस्ट टैग कर दिया जाए या फिर आपका पासवर्ड चुरा कर आपके खाते से पैसा निकाल लिया जाए या आपकी व्यक्तिगत फोटो चुरा कर कोई उसे सार्वजनिक कर दे, तो फिर आपकी स्थिति क्या होगी? इससे आपको बड़ा आर्थिक नुकसान भी हो सकता है और इंटरनेट के जरिए ऐसी घटनाएं हर रोज हो रही हैं। इसे ही ‘हैकिंग’ कहते हैं।
दरअसल आजकल लगभग हर गतिविधि आॅनलाइन हो गई है। अपने देश की बात करें, तो आज हमारे यहां करीब 35 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनके हाथों में स्मार्टफोन, कंप्यूटर या लैपटॉप है, जिस पर वे पर्सनल और प्रोफेशनल हर बात शेयर करने लगे हैं। ऐसे में साइबर क्राइम की घटनाएं भी बढ़ रही हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2016 में जनवरी से मार्च के बीच देशभर में करीब 8 हजार वेबसाइट हैकिंग की घटनाएं हुईं। वर्ष 2015 में साइबर जासूसी की 49,455 घटनाएं हुईं। जाहिर है, साइबर सिक्योरिटी आज एक बड़ी चुनौती है।
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क्या है एथिकल हैकिंग:
एथिकल हैकिंग, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, अनएथिकल हैकिंग को रोकने के लिए की जाती है। यह एथिकल(नैतिक) इसलिए है क्योंकि इसे मालिक के कहने पर ही किया जाता है। एथिकल हैकर्स भी हैकर्स की तरह ही कंप्यूटर और नेटवर्क के अच्छे जानकार होते हैं।
किसी भी कंपनी में ऐसे प्रोफेशनल का काम यह सुनिश्चित करना होता है कि कोई बाहरी व्यक्ति कंपनी के आईटी सिस्टम की सिक्योरिटी तोड़ कर उसकी कोई सूचना न चुरा सके और न ही किसी फाइल को कोई नुकसान पहुंचा सके।
चाहिए हजारों विशेषज्ञ:
नैस्कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में अभी सिर्फ 50 हजार के लगभग साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल हैं, जबकि दूर-दराज के क्षेत्रों में इंटरनेट जिस तेजी से लोगों तक पहुंच रहा है, उसे देखते हुए हर साल करीब 77 हजार एथिकल हैकर्स की जरूरत है। इस तरह स्थानीय और वैश्विक बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत को वर्ष 2020 तक लगभग 50 लाख एथिकल-हैकर चाहिए, लेकिन वर्तमान में हर साल इस क्षेत्र में सिर्फ 15 हजार प्रोफेशनल्स ही आ रहे हैं।
चमकदार करियर:
केंद्र सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना ‘डिजिटल इंडिया‘ धीरे-धीरे गति पकड़ रही है। सरकारी महत्त्वपूर्ण सूचनाएं भी आॅनलाइन की जा रही हैं लेकिन इससे भी ज्यादा इन सूचनाओं की सुरक्षा जरूरी है। एक अनुमान के मुताबिक, केंद्र की इस पहल से देशभर में करीब 1.7 करोड़ नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे, जिनमें सबसे ज्यादा मांग एथिकल हैकर्स की रहेगी। वहीं दूसरी ओर सभी बड़ी आईटी कंपनियां अपना खुद का डाटा-सेंटर बना रही हैं।
इन्हें भी कुशल साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल्स चाहिए। साइबर सिक्योरिटी को ले कर आने वाले दिनों में लोग भी पर्सनल सर्विसेज लेना शुरू करेंगे।
जॉब के अवसर:
एथिकल हैकर्स की आज भी आईटी कंपनियों में खूब मांग है। इसके अलावा, आप आईटी सिक्योरिटी सर्टिफिकेशन की सर्विस देने वाली कंपनियों और आईटी फर्म्स में भी साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल की नौकरी पा सकते हैं। लॉ फर्म्स, बैंक, टेलिकॉम कंपनियां और पुलिस विभाग भी इनकी सेवाएं ले रहा है।
कौन से कोर्स:
इंजीनियरिंग के बाद एथिकल हैकिंग में स्पेशलाइजेशन किया जा सकता है। 12वीं के बाद भी कोर्स करने का विकल्प है। कुछ संस्थान यह कोर्स 10वीं के बाद भी करा रहे हैं। ये कोर्स 6 माह तथा एक साल की अवधि के हैं।
सैलरी:
एथिकल हैकिंग में कमाई आपकी काबिलियत पर निर्भर करती है। फिर भी प्राय: ऐसे प्रोफेशनल को शुरूआत में किसी भी नामी कंपनी से 35 से 40 हजार रूपए की सैलरी आसानी से मिल जाती है और अनुभव बढ़ने पर 70 से 80 हजार कमाए जा सकते हैं।
प्रमुख संस्थान:
- इंदिरा गांधी राष्टÑीय मुक्त विश्वविद्यालय, दिल्ली http: www.ignou.ac.in
- इंडियन स्कूल आॅफ एथिकल हैकिंग, बैंगलुरू www.isoech.com
- इंस्टीट्यूट आॅफ इंफार्मेशन सिक्योरिटी, मुंबई http: www.iisecurity.in
विशेषज्ञों की राय:
विशेषज्ञों के अनुसार, साइबर सुरक्षा का विस्तार आज के समय में बहुत ज्यादा है। आने वाले दिनों में इसकी जरूरत और ज्यादा पड़ेगी क्योंकि अब कंप्यूटर व स्मार्टफोन हर किसी की दिनचर्या में शामिल हो गए हैं। हर तरह की महत्त्वपूर्ण व्यक्तिगत जानकारी भी लोग कंप्यूटर और मोबाइल में ही रख रहे हैं।
कौन है एथिकल हैकर्स
एथिकल हैकर्स वे लोग हैं जो आधिकारिक अनुमति के साथ सिस्टम में मौजूद लूपहोल्स को ठीक करने का काम करते हैं। यह एक वैकल्पिक व्यवस्था है, इसलिए एथिकल हैकिंग आईटी में रूचि रखने वालों के लिए बहुत आकर्षक आॅप्शन बन गया है। आजकल सभी कंपनियां अपना नेटवर्क इस्तेमाल कर रही हैं और उसमें कोई छेड़खानी न कर पाए, इसके लिए अपने यहां एथिकल हैकर्स रख रही हैं।
इस क्षेत्र में वे सभी युवा करियर बना सकते हैं जिनकी रूचि कंप्यूटर, मोबाइल और गैजेट्स में है या फिर जिन्होंने कोई आईटी कोर्स किया हुआ है। एथिकल हैकिंग के विशेषज्ञ बन कर गलत नीयत वाले आईटी के जानकारों यानी हैकर्स से लोगों और कंपनियों को बचाने के साथ-साथ आप हैकर्स को सबक भी सिखा सकते हैं।
-नरेंद्र देवांगन