government scheme for farmers central government schemes dairy entrepreneurship development plan deds

डेयरी उद्यमिता विकास योजना सरकारी योजना दस हजार रु. में शुरू करें काम, हर महीने में होगी अच्छी आमदन

देश में दुधारू पशुओं से रोजगार की लगातार बढ़ती संभावनाओं के बीच केंद्र सरकार ने डेयरी उद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस) शुरू की है। यदि आप भी मिल्क डेयरी खोलकर अपनी सुविधा के हिसाब से काम करना और पैसे कमाना चाहते हैं तो डीईडीएस आप जैसे लोगों के लिए ही है। भारत में डेयरी बिजनेस की बढ़ती संभावना को देखते हुए केंद्र सरकार ने साल 2018-19 में डेयरी उद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस) के लिए 323 करोड़ रुपये का बजट रखा है।

इस रकम से सरकार डेयरी खोलने वाले लोगों को 25-33 फीसदी सब्सिडी देती है। यदि आप भी डेयरी बिजनेस की शुरूआत करना चाहते हैं तो सरकार की डीईडीएस योजना का लाभ उठा सकते हैं। यदि आप 10 दुधारू पशुओं की डेयरी खोलते हैं तो आपके प्रोजेक्ट की लागत करीब सात लाख रुपये तक आती है। केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही डीईडीएस योजना में आपको लगभग 1.75 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी। डेयरी फार्मिंग योजना 2021 के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा।

इस योजना के अंतर्गत देश में दूध के उत्पादन के लिए डेयरी फार्म की स्थापना को बढ़ावा दिया जाएगा। दूध उत्पादन से लेकर गाय या भैंसों की देखरेख, गायों की रक्षा के लिए, घी निर्माण आदि सब कुछ मशीन-आधारित होगा। देश के जो इच्छुक लाभार्थी इस नाबार्ड योजना 2021 का लाभ उठाना चाहते है तो उन्हें इस योजना के अंतर्गत आवेदन करना होगा ।

योजना के मुख्य उद्देश्य:

डेयरी उद्यमिता विकास योजना का मुख्य उद्देश्य स्वच्छ दूध उत्पादन के लिए नए आधुनिक डेयरी फार्मों की स्थापना को बढ़ावा देना है। इसके अलावा बछड़ा पालन को प्रोत्साहित करना, व्यावसायिक पैमाने पर दूध को संभालने के लिए गुणवत्ता और पारंपरिक तकनीक में सुधार करना, असंगठित क्षेत्र में संरचनात्मक परिवर्तन लाने के लिए ताकि ग्राम स्तर पर ही प्रारंभिक स्तर पर दूध को प्रोसेस किया जा सके और स्वरोजगार उत्पन्न करना और मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र के लिए बुनियादी ढांचा प्रदान करने जैसे अन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए इस योजना को सरकार द्वारा लागू किया गया है।

कितना लोन मिलेगा व सब्सिडी?

केन्द्र सरकार डेयरी उद्यमिता विकास योजना के माध्यम से डेयरी खोलने या आधुनिक करने के लिए सात लाख रुपए का लोन नाबार्ड की सहायता देगा। इस लोन में सामान्य वर्ग को 25 प्रतिशत, एससी/एसटी वर्ग को 33 प्रतिशत सब्सिडी के तौर पर मिलेगी। अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों को 33 प्रतिशत सब्सिडी मिल सकती है।

इस योजना के तहत 10 दुधारू पशुओं पर प्रोजेक्ट की लागत करीब 7 लाख रुपए तक आती है। इस योजना में एक पशु के लिए केंद्र सरकार 17,750 रुपए की सब्सिडी देती है। अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लोगों के लिए यह सब्सिडी राशि 23,300 रुपए प्रति पशु हो जाती है। अत: एक सामान्य जाति के व्यक्ति को 10 दुधारू पशुओं की डेयरी खोलने पर 1.77 लाख रुपए की सब्सिडी मिल जाती है।

योजना के लिए योग्य लाभार्थी:

  • डेयरी उद्यमिता विकास योजना में किसान, व्यक्तिगत उद्यमी और असंगठित और संगठित क्षेत्र के समूह, संगठित क्षेत्र का स्वयं सहायता समूह, डेयरी सहकारी समितियां, दुग्ध संघ, पंचायती राज संस्थाएं आदि पात्र हैं।
  • परिवार को छोड़कर अन्य सभी घटक केवल एक बार इस योजना का लाभ उठा सकता है। परिवार की स्थिति में एक से अधिक सदस्यों को इस योजना के तहत सहायता प्रदान की जा सकती है, बशर्तें वे अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग बुनियादी ढांचे के साथ अलग-अलग इकाइयों की स्थापना करें। ऐसे में दो खेतों की सीमाओं के बीच की दूरी कम से कम 500 मीटर होनी चाहिए।
  • योजना में कलस्टर मोड में संचालित प्रोजेक्ट को प्राथमिकता मिलती है। इसमें एसएचजी, सहकारी समितियों और निर्माता कंपनियों में डेयरी फार्मर्स/महिलाएं शामिल है। क्लस्टर में उत्पादित दूध के प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन की सुविधाएं शामिल हैं।
  • सूखे और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के किसानों के साथ-साथ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला लाभार्थियों, भूमिहीन/ लघु / सीमांत और बीपीएल श्रेणी के किसानों को प्राथमिकता।

क्रॉसब्रीड गाय-भैंस रखना जरूरी

यह सब्सिडी राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के माध्यम से दी जाती है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर के मुताबिक, यदि एक छोटी डेयरी खोलना चाहते हैं तो उसमें आपको क्रॉसब्रीड गाय-भैंस (औसत से अधिक दूध देने वाली) जैसे साहीवाल, रेड सिंधी, गिर, राठी या भैंस रखनी होगी। आप इस योजना के तहत खोली गयी डेयरी में 10 दुधारू पशु रख सकते हैं।

दो दुधारू पशुओं की यूनिट भी शामिल

डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत दो दुधारू पशु से भी डेयरी यूनिट शुरू की जा सकती है। अगर आप कम पूंजी से डेयरी शुरू करना चाहते हैं तो आपके पास यह विकल्प मौजूद है। 2 दुधारू पशु वाली डेयरी यूनिट के लिए 35 हजार रुपए तक की सब्सिडी मिल सकती है। एससी/एसटी वर्ग के व्यक्ति को दो पशु वाली डेयरी पर 46,600 रुपए की सब्सिडी का प्रावधान है।

लोन लेने की पूरी प्रक्रिया:

  • सबसे पहले नाबार्ड आॅफिस पर संपर्क करें। नाबार्ड की वेबसाइट ँ३३स्र२://ल्लुंं१.िङ्म१ॅ पर योजना के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • आवेदक किसी बैंक का डिफाल्टर नहीं होना चाहिए।
  • बैंक से लोन प्राप्त करने के लिए किसान अपने नजदीक के वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अथवा कोआॅपरेटिव बैंक को मवेशी की खरीद के लिए प्रार्थना पत्र के साथ आवेदन कर सकते हैं। ये आवेदन प्रपत्र भी सभी बैंकों में उपलब्ध होते हैं।
  • बड़े पैमाने पर दूध उत्पादन के लिए डेयरी फार्म की स्थापना के लिए एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट देनी होती है। संस्था द्वारा दिए जाने वाले वित्तीय सहयोग में मवेशी की खरीद आदि शामिल है। प्रारंभिक एक-दो महीने के लिए मवेशियों के चारे के प्रबंध के लिए लगने वाली राशि को टर्म लोन के रूप में दिया जाता है। टर्म लोन में जमीन के विकास घेराबंदी, जलाशय, पंपसेट लगाने, दूध के प्रोसेसिंग की सुविधाएं, गोदाम, ट्रांसपोर्ट सुविधा आदि के लिए भी लोन देने के विषय में बैंक विचार करता है। जमीन खरीदने के लिए लोन नहीं दिया जाता है।
  • इस योजना में एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट का निर्माण किया जाता है। यह प्रोजेक्ट रिपोर्ट राज्य पशुपालन विभाग, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, डेयरी को-आॅपरेटिव सोसायटी तथा डेयरी फार्मर्स के फेडरेशन में स्थानीय स्तर पर नियुक्त तकनीकी व्यक्ति की सहायता से तैयार की जाती है।
  • लाभार्थी को राज्य के कृषि विश्वविद्यालय में डेयरी के प्रशिक्षण के लिए भी भेजा जाता है। योजना में कई तरह की जानकारियों को शामिल किया जाता है।
  • इससे में भूमि का विवरण, पानी तथा चारागाह की व्यवस्था, चिकित्सकीय सुविधा, बाजार प्रशिक्षण तथा किसान का अनुभव तथा राज्य सरकार अथवा डेयरी फेडरेशन की सहायता के विषय में जानकारी दिया जाना जरूरी है।
  • खरीद किये जाने वाले मवेशी की नस्ल की जानकारी, मवेशी की संख्या तथा दूसरी संबंधित जानकारी मुहैया कराना होता है। इस योजना को बैंक के बैंक पदाधिकारी विश्लेषण करते हैं और योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।

जरूरी दस्तावेज:

जायदाद के कागज, पहचान पत्र, एड्रेस प्रूफ, सिविल रिपोर्ट, जाति प्रमाण पत्र, इनकम टैक्स रिटर्न, प्रोजेक्ट रिपोर्ट, केवाईसी

अन्य व्यवसायों पर भी उपलब्ध है सब्सिडी:

डेयरी उद्यमिता विकास योजना भारत सरकार की योजना है। इसके तहत डेयरी और इससे जुड़े दूसरे व्यवसाय को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।

दुग्ध उत्पाद:

दुग्ध उत्पाद (मिल्क प्रोडक्ट) बनाने की यूनिट शुरू करने के लिए भी सब्सिडी दी जाती है। आप दुग्ध उत्पाद की प्रोसेसिंग के लिए उपकरण खरीद सकते हैं। यदि आप इस तरह की मशीन खरीदते हैं और उसकी कीमत 13.20 लाख रुपये आती है तो आपको इस पर 25 फीसदी (3.30 लाख रुपये) की कैपिटल सब्सिडी मिल सकती है। यदि आप एससी/एसटी कैटेगरी से आते हैं तो आपको इसके लिए 4.40 लाख रुपये की सब्सिडी मिल सकती है।

मिल्क कोल्ड स्टोरेज:

योजना में आप मिल्क कोल्ड स्टोरेज भी बना सकते हैं। इसके तहत दूध और दूध से बने उत्पाद के संरक्षण के लिए कोल्ड स्टोरेज यूनिट शुरू कर सकते हैं। इस तरह का कोल्ड स्टोरेज बनाने में अगर आपकी लागत 33 लाख रुपये आती है तो इसके लिए सरकार सामान्य वर्ग के आवेदक को 8.25 लाख रुपये और एससी/एसटी वर्ग के लोगों को 11 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिल सकती है।

अन्य :

डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की ओर से पशु खरीदने, बछड़ा पालन, वर्मी कंपोस्ट, डेयरी पार्लर, दुग्ध शीतलन व अन्य कार्यों के लिए लघु व सीमांत किसानों सहित समूहों को प्राथमिकता दी जाती है। डेयरी उद्यमिता विकास योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।

https://nabard.org/CircularPage.aspx?cid=504&id=2984

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!