Great properties are hidden in fennel -sachi shiksha hindi

सौंफ में छिपे हैं बड़े-बड़े गुण
सौंफ रसोई के मसालों की रानी है जिसका प्रयोग प्रतिदिन किसी न किसी रूप से अधिकतर हर घर में किया जाता है। गर्मी हो या सर्दी, इसका प्रयोग सारा साल चलता रहता है, कभी अचार में, कभी पान में, कभी ठंडाई में तो कभी मुख शुद्धि के लिए।

पेट के रोगियों को भी भरपूर लाभ पहुंचाती है सौंफ। आयुर्वेद में सौंफ को ज्योतिवर्द्धक, बुद्धिवर्द्धक, कफनाशक और पाचक आदि रूपों में जाना जाता है। सौंफ का अर्क पेट, वात और कफ संबंधी रोगों में भी लाभप्रद होता है।

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आइए जानें इसके और बड़े गुणों के बारे में –

  • यदि आपके हाथों पैरों पर जलन होती है तो सौंफ और धनिया बराबर मात्र में पीसकर छानकर, मिश्री मिलाकर खाना खाने के बाद कुछ दिन नियमित लेने से लाभ मिलता है। इसके मिश्रण को एक चम्मच पानी के साथ लेना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन भोजन के बाद सुबह शाम खाने के बाद सौंफ खाने से संतान गोरी पैदा होती है।
  • आंखों की कमजोरी दूर करने के लिए सौंफ और मिश्री समभाग लेकर पीस लें। इस चूर्ण का सेवन सुबह शाम सादे पानी के साथ कम से कम दो अढ़ाई मास तक करने से आंखों की कमजोरी दूर होती है।
  • सब्जी व दाल में कुछ दिन लगातार सौंफ का तड़का लगाने से पेट में वायु नहीं बनती।
  • खांसी में आराम पाने के लिए सौंफ के अर्क में शहद मिला कर पीने से लाभ मिलता है।
  • बैठे गले को ठीक करने के लिए या गले में खराश होने पर सौंफ के कुछ दाने लगभग एक चम्मच मुंह में चबाने से गला साफ होता है। इसका दिन में तीन चार बार प्रयोग कर सकते हैं।
  • जी मिचलाने पर और गर्मी शांत करने के लिए ठण्डाई में सौंफ मिलाकर पीने से शांति मिलती है।
  • उत्तम पाचक चूर्ण हेतु 50 ग्राम सौंफ, 50 ग्राम जीरा भूनकर और 25 ग्राम काला नमक मिला कर पीसकर चूर्ण तैयार कर भोजन के बाद गुनगुने पानी से लें। खाना आसानी से पच जाएगा।
  • प्रतिदिन 10 ग्राम सौंफ, चीनी या मिश्री मिलाकर चबा-चबा कर खाने से चर्मरोग ठीक होता है क्योंकि सौंफ खून साफ करने में सहायक होती है। सौंफ खून के साथ त्वचा की रंगत को भी साफ करती है।
  • खट्टी डकारों को दूर करने के लिए थोड़ी सी सौंफ पानी में उबालकर मिश्री मिलाकर दिन में दो तीन बार पीने से आराम मिलता है।
  • मुंह की दुर्गंध को दूर करने के लिए साधारण सौंफ चबा-चबा कर खाने से आराम मिलता है। -सुनीता गाबा

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