चैक भरते वक्त कभी ना करें ये गलतियां
आजकल के युग में लोग डिजीटल मोड़ से पैमेट करने को प्राथमिकता देते हैं लेकिन आज भी ऐसे लोगों की कमी नहीं हैं, जो चेक द्वारा किए गए लेन-देन को ही सुरक्षित मानते हैं।
हालांकि चेक द्वारा लेनदेन करना गलत नहीं है, लेकिन जरूरत है, तो सावधानी बरतने की। चेक को भरते वक्त की गई थोड़ी-सी लाहपरवाही से आपको भारी नुकसान हो सकता है।
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इसलिए कोशिश करें कि चेक से लेन-देन करते समय थोड़ा सतर्क रहें।
अमाउंट भरने के बाद ‘/-’ साइन डालें:
चेक में शब्दों और अंकों में धनराशि डालने के बाद उसके पीछे ‘/-’ का साइन बनाना बेहद जरूरी है। शब्दों में धनराशि डालते वक्त यह साइन लगाने से पहले ‘ओनली’ लिख देना भी बेहतर रहता है। उदाहरण के तौर पर- 20000/- । यह साइन इस बात को दर्शाता है कि आपने जो अमाउंट भरा, वह इतने तक ही सीमित है। अगर ‘/-’ साइन नहीं लगाते हैं तो जालसाजों के लिए अमांउट बढ़ा लेने का अवसर पैदा हो जाता है।
अकाउंट पेई और बीयरर चेक:
यदि आप सीधे किसी के बैंक अकाउंट में पेमेंट करना चाहते हैं तो चेक पर अकाउंट पेई जरूर डालें। यह साइन चेक के लेफ्ट (बार्इं) टॉप कॉर्नर पर डबल क्रॉस लाइन के बीच अ/उ ढं८ीी…… लिखकर बनाया जाता है। इस साइन से चेक का पेमेंट सीधा बैंक अकाउंट में होता है और इसे तुरंत भुनाया नहीं जा सकता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि चेक खोने की स्थिति में कोई जालसाज खुद को टार्गेट पर्सन बताकर उसके बदले कैश नहीं ले सकता है। अकाउंट पेई करते वक्त चेक पर राइट (सीधी) साइड में लिखे बीयरर को काट दें। वहीं यदि चेक कैश करने के लिए दे रहे हैं तो लेफ्ट टॉप कॉर्नर पर अकाउंट पेई साइन न बनाएं।
चेक की डेट की अनदेखी:
बैंक चेक उस पर डाली गई डेट यानी तारीख के बाद तीन महीने तक ही वैलिड रहता है। यानी इसे इसी अवधि में डिपॉजिट या विदड्रॉ करना होता है। इस अवधि के बाद चेक का इस्तेमाल करने पर चेक आपके काम नहीं आएगा और आपको नुकसान झेलना पड़ेगा। इसके अलावा आप भी जब भी किसी को आगे की डेट में चेक से पेमेंट करें तो इस बात का ध्यान रखें। चेक पर तारीख डालते वक्त अगर कोई गलती हो जाए तो उसे ओवरराइट करने की बजाय दूसरा चेक इस्तेमाल करना बेहतर रहेगा। तारीख के साथ अन्य डिटेल्स में गलती होने पर भी नया चेक जारी करना ही ठीक रहता है।
एमआईसीआर कोड को नुकसान:
बैंक चेक पर सबसे नीचे सफेद पट्टी पर एक एमआईसीआर (मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकग्निशन) कोड रहता है। जब भी चेक का इस्तेमाल करें तो ध्यान रखें कि इस एमआईसीआर कोड को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे। चेक साइन करते वक्त या किसी अन्य वजह से इस डिटेल को नुकसान नहीं होना चाहिए। एमआईसीआर कोड चेक्स की जल्दी प्रोसेसिंग और सेटलमेंट में मदद करता है।
शब्दों और फिगर्स के बीच ज्यादा स्पेस:
जब भी किसी को चेक से पेमेंट करें तो नाम और धनराशि को लेकर शब्दों व फिगर्स के बीच ज्यादा स्पेस देने से बचें। ज्यादा स्पेस नाम और अमांउट में छेड़छाड़ होने की गुंजाइश पैदा कर देता है। इसके अलावा चेक कर लें कि जो अमाउंट शब्दों में भरा है, वहीं अमाउंट फिगर्स यानी अंकों में भी हो। बैंक, चेक को तभी स्वीकार करेंगे जब दोनों तरह से अमाउंट मैच होगा वर्ना चेक रिजेक्ट हो जाएगा।
बैलेंस से ज्यादा अमाउंट भर देना:
बैंक चेक से पेमेंट करते वक्त पहले अपने बैंक अकाउंट के बैलेंस को चेक कर लें। इसके बाद ही चेक को भरें। यदि बैलेंस से ज्यादा अमाउंट भर गया तो चेक बाउंस हो जाएगा और पेनल्टी लगेगी। चेक बाउंस पर पेनल्टी विभिन्न बैंकों में 500 रुपये प्लस जीएसटी तक है। इसलिए इस बात का जरूर ध्यान रखें।
हस्ताक्षर पर ध्यान न देना:
जब भी बैंक चेक पर हस्ताक्षर यानी सिग्नेचर करें तो याद रखें कि आपको वैसे ही साइन करने हैं, जैसे संबंधित बैंक ब्रांच के रिकॉर्ड में पहले से दर्ज हैं। कई लोग अलग-अलग बैंकों के लिए अलग-अलग सिग्नेचर रखते हैं। अगर आपने भी ऐसा किया हुआ है तो बैंक चेक को साइन करते वक्त सावधानी जरूर बरतें वर्ना आपका चेक रिजेक्ट भी हो सकता है।
चेक की डिटेल्स अपने पास न रखना:
जब भी किसी को बैंक चेक से पेमेंट करें तो उस चेक की डिटेल्स जैसे चेक नंबर, अकाउंट का नाम, अमाउंट और डेट जरूर नोट कर लें। यह इनफॉर्मेशन चेक कैंसिल करने की जरूरत पड़ने पर आपके काम आ सकती है। इसके अलावा आपको यह भी पता चलता रहता है कि कहीं कोई चेक इधर-उधर तो नहीं हो गया या आपकी जानकारी के बिना किसी ने चेकबुक में से चेक तो नहीं लिया।
मोबाइल नंबर दें:
एकाउंट होल्डर को कोशिश करनी चाहिए कि चेक के पीछे अपनी खाता संख्या और मोबाइल नंबर लिख दें। यह इसलिए ताकि अगर आपके चेक में बैंक अधिकारी को कोई भी दिक्कत या कंफ्यूजन लगती है तो वह आपसे फोन करके उसके बारे में जानकारी ले सकता है।
चेक पर दो लाइनें खींचे:
यदि किसी व्यक्ति या संस्था के नाम पर एकाउंट पेई चेक काटते हैं तो चेक के ऊपर बाईं ओर दो लाइनें जरूर खींचें। यह इस बात का प्रमाण होता है कि चेक पर लिखी राशि को चेक वाहक को नकद न देकर खाते में हस्तान्तरित करनी है।
संभाल कर रखें स्लिप:
चेक जमा करते समय जो फॉर्म भरते हैं, वह दो हिस्सों में होता है। चेक जमा करने के बाद अपनी स्लिप को संभाल कर रखें क्योंकि चेक खो जाने की स्थिति वही एक मात्र ऐसा दस्तावेज होता है जिस पर आपके चेक की डिटेल्स होती हैं।