small wonder airplane

स्माल वांडर ऐरोप्लेन
बात उस समय की है जब पतंग प्रसिद्ध नहीं थी। बहुत से जानवरों ने तो पतंग का नाम तक नहीं सुना था।

’स्माल वांडर ऐरोप्लेन ले लो‘ कहता हुआ धूर्त चौपड़ सियार गली मोहल्ले में चिल्ला रहा था। वास्तव में चौपड़ पतंग को ही ’स्माल वांडर ऐरोप्लेन‘ कह कर पुकार रहा था।

थोड़ी ही देर में कई जानवर स्माल वांडर ऐरोप्लेन को खरीदने के लिए जमा हो गए।
चौपड़, तुम इसे स्माल वांडर ऐरोप्लेन क्यों कह रहे हो? गोल्डी बकरी ने पतंग की ओर इशारा करते हुए पूछा।
चौपड़ बोला- क्योंकि आश्चर्यजनक रूप से इस की उड़ान हवाई जहाज की तरह है।

गोल्डी बोली- अरे वाह, फिर तो मैं इस को जरूर खरीदूंगी पर पहले इसे उड़ा कर दिखाना होगा।
चौपड़ बोला- उड़ा कर भी दिखा देता हूं।
चौपड़ ने झट से लंबी सी रस्सी पतंग से बांध कर रस्सी को गोल्डी को थमा दिया और खुद पतंग को कन्नी दी। इस के साथ ही पतंग उड़ चली आसमान की सैर करने।

Also Read :-


स्माल वांडर ऐरोप्लेन की उड़ान देख सभी जानवर बेहद खुश हुए।
गोल्डी खुशी से बोली, ’अरे वाह सचमुच इस की उड़ान ऐरोप्लेन जैसी है।
फिर तो स्माल वांडर ऐरोप्लेन को देखने के लिए पशुपक्षियों की लंबी लाइन लग गई।
बाद में नाटी खरगोश ने चौपड़ से पूछा- यह स्माल वांडर ऐरोप्लेन कहां से लाए हो? मुझे बता दो, देखो, फिर मैं सब जानवरों से पहले पहुंच कर स्माल वांडर ऐरोप्लेन ले जाऊंगा।

यह मैं बता ही नहीं सकता कि स्माल वांडर ऐरोप्लेन कहां से मिलता है, धूर्त चौपड़ ने नाटी को बुद्धु बनाया।
मार्श कछुआ बीच में बोला, ’क्यों?
चौपड़ बोला जहां से मैं स्माल वांडर ऐरोप्लेन लाया हूं, वहां पर अगर मेरे अलावा कोई और गया तो तुरंत ही उस की मृत्यु हो जाएगी।
नाटी खरगोश बोला, ’अरे बाप रे, फिर तो मैं वहां नहीं जाऊंगा पर मुझे ऐसा ही स्माल वांडर ऐरोप्लेन चाहिए।
चौपड़ बोला, हां, यही सही है।

मार्श कछुआ मुंह बिचकाते हुए बोला- चौपड़, इस कनखड़े को स्माल वांडर ऐरोप्लेन मत बेचना। इसे मैं ही खरीदंूगा।
चौपड़ मुस्कुराते हुए बोला- जो ज्यादा रुपए देगा, बस उसी को मिलेगा स्माल वांडर ऐरोप्लेन।
फिर तो स्माल वांडर ऐरोप्लेन के दाम लगने लगे। बढ़ते बढ़ते उस के दाम 10 हजार रुपए तक पहुंच गए। दारा हाथी ने 10 हजार रुपए चौपड़ को देकर स्माल वांडर ऐरोप्लेन खरीद लिया।

थोड़े ही दिन बाद स्माल वांडर ऐरोप्लेन को नाटी और मार्श ने भी खरीद लिया।
फिर तो धूर्त चौपड़ सियार का धंधा चमकने लगा। अब वह हर पतंग का दाम पूरे 10 हजार रुपए ही लेता था। कंगाल चौपड़ देखते ही देखते लखपति बन गया।
एक दिन मार्श कछुए के घर उस का शहरी दोस्त रोटू चूहा आया। वह बोला, हम 5 साल बाद मिले हैं। देखो, मैं तुम्हारे लिए बहुत सी पतंग लाया हूं।

मार्श हिचकिचाते हुए बोला। पतंग क्या होती है?
रोटू ठहाका मार कर हंस पड़ा और बोला, लगता है, तुम ने पतंग का नाम पहली बार सुना है। यह देखो, यही होती है पतंग।
’अच्छा, तो स्माल वांडर ऐरोप्लेन का दूसरा नाम पतंग होता है। तुम इतने सारे बेकार में ही लाए हो। इस पर कई हजार रुपए खर्च हुए होंगे? मार्श बोला।
तुम यह क्या इसे स्माल वांडर ऐरोप्लेन कह रहे हो? मेरी समझ में नहीं आ रहा है और एक पतंग सिर्फ 5 रुपए में ही मिल जाती है- रोटू गुस्से से बोला।

मार्श आश्चर्यचकित हो कर बोला- अरे बाप रे, मात्र 5 रुपए में मैंने तो चौपड़ को एक पतंग के लिए पूरे 10 हजार रुपए दिए हैं।
रोटू ने पूछा- यह चौपड़ कौन है?
मार्श बोला, एक सियार है।

अब समझा सारा चक्कर। जरा मुझे उस के पास तो ले चलो, रोटू ने कहा।
थोड़ी ही देर में वे दोनों चौपड़ के पास पहुंच गए।
रोटू बोला- वाह चौपड़, मुझसे 5 रुपए का पतंग खरीद कर 10 हजार रुपए में बेचते हो। बहुत मूर्ख बनाया इन भोले भोले जानवरों को। अब मैं तुम्हारी पोलपट्टी खोल दूंगा। सुनो भाइयो, यह चौपड़ मुझ से 5 रुपए का पतंग खरीद कर आप को 10 हजार रुपए में बेचता था।

मैकी बंदर बोला- पर यह तो कहता था कि जहां पर स्माल वांडर ऐरोप्लेन मिलते हैं, वहां इस के अलावा कोई दूसरा गया तो उस की मृत्यु हो जाएगी। इस ने हमें मूर्ख बनाया।
फिर जानवरों ने मिल कर चौपड़ की इतनी पिटाई की कि उस की सारी हड्डियां चटक गई। वह किसी तरह अपनी जान बचा कर भाग निकला।
-नरेन्द्र देवांगन

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!