कई रोगों की अचूक दवा बेल Surefire medicine for many diseases
आयुर्वेद में गर्मी के मौसम में बिल (बेल) यानी बिल्व का सेवन शरीर के लिए बहुत लाभदायक माना गया है। बिल्व की उपयोगिता से कम ही लोग परिचित हैं। अधिकांश लोग बिल्व को शिवजी महाराज को चढ़ाए जाने वाले बिल्व-पत्र के नाम से जानते हैं। इसलिए इसके फल का उपयोग बहुत कम लोग करते हैं। बिल्व का फल अनेक रोगों में जबरदस्त दवा का काम करता है।
बिल्व शर्बत न सिर्फ आपको भीतर तक ठंडक और ताजगी से भर देता है, बल्कि सेहत से जुड़ी कई समस्याओं को भी दूर करता है। लेकिन गर्भावस्था में इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है (अपने डाक्टर से इसके बारे में जरूर राय ले सकते हैं)। चलिए आज जानते हैं बेल का शर्बत पीने से होने वाले फायदों के बारे में…
Table of Contents
इन गुणों से भरपूर होता है
बेल के 100 ग्राम गूदे में नमी 61.5 प्रतिशत, वसा 3 प्रतिशत, प्रोटीन 1.8 प्रतिशत, फाइबर 2.9 प्रतिशत, काबोर्हाइड्रेट 31.8 प्रतिशत, कैल्शियम 85 मिलीग्राम, फॉस्फोरस 50 मिलीग्राम, आयरन 2.6 मिलीग्राम, विटामिन सी 2 मिलीग्राम और इसके अलावा बेल में 137 कैलोरी ऊर्जा और कुछ मात्रा में विटामिन बी भी पाया जाता है।
डायबिटीज में लाभदायक
बेल में लेक्साटिव का स्तर अधिक होता है। यह शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखता है। शरीर में इन्सुलिन बनाने में मददगार होता है, जिससे डायबिटीज में आराम मिलता है।
पेट की बीमारियों में रामबाण है
पेट की समस्याओं में बेल का फल रामबाण दवा है। बेल का शर्बत पीने से कब्ज जड़ से समाप्त हो जाती है। बेल का फल (पका हुआ) आंतों को साफ कर उन्हें ताकत देता है।
लू की समस्या करता है खत्म
लू लगने पर बेल के ताजे पत्तों को पीसकर मेहंदी की तरह पैर के तलुओं पर लगाएं। इसके अलावा सिर, हाथ, छाती पर भी इसकी मालिश करें। मिश्री डालकर बेल का शर्बत भी पीएं तुरंत राहत मिलेगी।
खून की कमी को दूर करता है
नियमित रूप से बेल का शर्बत पीने से हिमोग्लोबिन की कमी दूर हो जाती है।
सांस के रोगों में फायदेमंद
आयुर्वेद में बेल से निकलने वाले तेल का इस्तेमाल दमा और सांस से जुड़े रोगों के उपचार में किया जाता है।
दिल के लिए लाभदायक
बेल के रस को घी के साथ मिलाकर थोड़ी मात्रा में नियमित रूप से लें। इसके नियमित सेवन से दिल से जुड़े रोगों से बचा जा सकता है। इसके शर्बत के सेवन से स्ट्रोक के खतरे से भी बचाव संभव हो सकता है।
संक्रमण से दूर रखता है
बेल में कई तरह के एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जो शरीर को संक्रमण से बचाकर रखने में मददगार हैं।
अल्सर में फायदेमंद
बेल में फेनोलिक तत्व के साथ ही एंटीआॅक्सीडेंट मौजूद होते हैं। यही कारण है कि बेल का शर्बत गैस्ट्रिक अल्सर ठीक करने में मददगार है। इतना ही नहीं, इसके सेवन से पेट में एसिड का संतुलन भी बना रहता है।
कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण
आयुर्वेद में इसकी मदद से कॉलेस्ट्रॉल कम किया जाता है। बेल के पत्तों में मौजूद अर्क का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करने में मदद मिलती है।
सच्ची शिक्षा हिंदी मैगज़ीन से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook, Twitter, LinkedIn और Instagram, YouTube पर फॉलो करें।