घर में भी रखें ध्यान अपने व्यक्तित्व का
अधिकांश गृहणियाँ काम करते वक्त वर्षों पुराने व मैले वस्त्र और टूटी-फूटी चप्पलें पहनकर काम करती हैं। बालों का तो कहना ही क्या! अस्त-व्यस्त बिखरे बाल किसी उलझी हुई साड़ी के समान दिखते हैं। इन सबके पीछे उनकी यही सोच होती है कि काम करते समय नए या अच्छे वस्त्र खराब हो जाते हैं और बाल भी क्या संवारने, काम निपटाकर ही तैयार होंगी।
कहने का तात्पर्य यह नहीं है कि आप काम के दौरान भी सजधज कर रहें, परंतु स्वयं को थोड़ा संवार लेंगी तो इससे जहाँ अन्य लोगों पर आपका प्रभाव अच्छा पड़ेगा, वहीं आप भिन्न प्रकार की बीमारियों से भी बची रहेंगी, क्योंकि सब्जी, घी, दाल इत्यादि के दाग लगे व मैले-कुचैले कपड़े पहनकर आपको खुजली की बीमारी हो सकती है, वहीं आपके उलझे बाल भी बेजान होकर टूट सकते हैं।
अस्त-व्यस्त हालत में तो घर में किसी मेहमान के पधारने पर आप सहज ढंग से उससे बात भी नहीं कर पाएंगी। यह सही है कि गृहणियों का काम लगभग पूरा दिन ही खत्म नहीं होता लेकिन इसका अर्थ यह तो नहीं कि आप पूरा दिन किसी नौकरानी की तरह रहें।
यदि आप चाहती हैं कि आपके घर के सदस्य व अन्य लोगों पर आपका अच्छा प्रभाव पड़े तो कुछ बातों का ध्यान रखें-
- अपनी दिनचर्या इस प्रकार तय करें कि आपको काम करने की हड़बड़ी न रहे। यह न हो कि एक काम छोड़ा है तो दूसरा तैयार। हर कार्य का समय निर्धारित कर लें। इस तरह आपको काफी आसानी रहेगी।
- काम करते वक्त सलीके के कपड़े पहनें। यह जरूरी नहीं कि आप ऐसे वक्त कीमती व फैशनेबल वस्त्र ही पहनें परंतु यह अवश्य ध्यान रखें कि आपके कपड़े स्वच्छ हों और कहीं से सिलाई उधड़ी हुई या फटे हुए न हों। ऐसे वस्त्र पहनें जिनमें आप आकर्षक दिखें।
- कपड़े धोते समय या सफाई करते समय यथा-संभव कपड़ों को गीला होने से बचाएं। कई महिलाएं पोंछा लगाते समय यह ध्यान नहीं देती कि उनके कपड़े पीछे जमीन पर घिसट रहे हैं। इसका ख्याल अवश्य रखें कि ऐसे कार्यों के दौरान आपके कपड़े गंदे व गीले होने से बचे रहें।
- रसोई में खाना बनाते समय एप्रन बांध लें ताकि आपके कपड़ों पर सब्जी, घी इत्यादि के दाग न लगने पाएं।
- सुबह उठते ही यदि नहाना न चाहें तो स्वयं को थोड़ा संवार लें। बालों में कंघी करके उन्हें जूड़े या चोटी में बांध लें। टुथ बु्रश करके मुंह धो लें।
- स्वयं को व्यवस्थित रखने के साथ-साथ आपका बातचीत करने का ढंग भी सलीकेदार होना चाहिए। आपकी बातचीत का अंदाज भी प्रभावी होना चाहिए।
- ऐसे वक्त कोई भी मेहमान, चाहे वह दूर से आया हो या पास से, उनका स्वागत प्रसन्नतापूर्वक करें। उससे सलीके से पेश आएं। यह नहीं कि उन्हें दरवाजे पर ही छोड़कर, यह कहती हुए अंदर भाग जाएं कि हाय, मेरी सब्जी जल गई या नल खुला है, इत्यादि।
- अपने कमरे को भी पूर्णरूप से सुव्यवस्थित रखें। आपको पूरा अधिकार है कि आप अपने कमरे को किसी आॅफिस के बॉस के कमरे की तरह सजाएं। कहने का अर्थ यह है कि आपके कमरे को देखते ही आभास होना चाहिए कि यह घर की सुव्यवस्थित महिला का कमरा है।
-भाषणा बांसल