The real deal is the rate of happiness and peace - Editorial -sachi shiksha hindi

सुख-शांति का दर है सच्चा सौदा -संपादकीय

सच्चा सौदा सुख-शांति का दर है। सच्चा सौदा में प्रेम और नाम का असली व अमली पाठ पढ़ाया जाता है। परमपिता-परमात्मा का नाम जपना व सबसे नि:स्वार्थ प्रेम करना, यही है सच्चा सौदा का असूल जो कि दुनिया में एक मिसाल है। वास्तव में डेरा सच्चा सौदा की नींव भी इसी सच्चाई पर टिकी है।

रूहानियत में सच्चे रहबर परम पूजनीय बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज ने डेरा सच्चा सौदा स्थापित कर दुनिया को परम पिता परमात्मा की सच्चाई से रू-ब-रू कराया। पूज्य बेपरवाह जी ने दुनिया को यह भी बताया कि सच्चा सौदा देता ही देता है, लेता किसी से कुछ नहीं। बेपरवाह जी ने दुनिया को अद्भुत रूहानी खेल दिखा-दिखा कर प्रभु-परमेश्वर की सच्ची भक्ति के साथ जोड़ा।

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अण्डा-मांस नहीं खाना, शराब (नशा) नहीं पीना, पर-स्त्री को माता, बहन, बेटी समझना और माता-बहनों ने पर-पुरुष को उमर में बड़े हैं तो पिता, बराबर के हैं तो भाई और उमर में छोेटे हैं तो बेटे के समान मानना है। सच्चा सौदा के ये गजब के असूल हैं। हक-हलाल, मेहनत की करके खाना और मालिक-परमात्मा का नाम जपना, प्रभु की भक्ति करना यह भी सच्चा सौदा की सीख है। सच्चा सौदा का दर सभी के लिए खुला है। यहां पर सभी जात-धर्म का बिना किसी भेदभाव के बराबर सत्कार किया जाता है। इस दर से जुड़कर करोड़ों परिवार खुशहाली का जीवन जी रहे हैं।

इस पाक-पवित्र दर (डेरा सच्चा सौदा) से जुड़कर अपने खुद पर गर्व महसूस करते हैं। उनका मानना ही नहीं बल्कि वे सभी लोग पूरे गर्व से कहते हैं कि जिंदगी जीने का जो हुनर उन्हें सच्चा सौदा दरबार से मिला है वो बहुत अनमोल है। डेरा सच्चा सौदा की पावन शिक्षाओं को धारण करके उनके जिंदगी जीने के मायने ही बदल गए। साफ-स्वच्छ जीवनशैली, ईमानदारी, सच्चाई, हक-हलाल, मेहनत की कमाई ही उनके असूल हैं जिन्हें उन्होंने अपनाया हुआ है। समाज में फैले नशे, पाखण्डवाद, कुरीतियों से उन्हें छुटकारा मिला है, तथा सामाजिक बुराइयों से छुटकारा पाकर उनकी जिन्दगी निर्मल हो गई है। सच झूठ की उन्हेें समझ आ गई है।

  ईश्वर भक्ति का सच्चा संदेश उन्होंने डेरा सच्चा सौदा से ही पाया है। डेरा सच्चा सौदा से ही उन्हें प्रेरणा व शिक्षा मिली है कि किसी भी दूसरे को बड़ा-छोटा बताने की बजाय अपने खुद के अंदर ऐसे गुण भरें ताकि दूसरे आपको अच्छा कहें, दूसरों की निगाह में आप अच्छे कहलाएं। क्योंकि डेरा सच्चा सौदा सभी का हार्दिक स्वागत करता है और सबको बराबर सम्मान प्रदान करता है।

डेरा सच्चा सौदा का यह पावन संदेश है कि इन्सान को इन्सान से जोड़ो, इन्सान को परमपिता परमात्मा की भक्ति से जोड़ो और सभी धर्माें की भी यही शिक्षा है, धर्म जोड़ना सिखाते हैं। पूजनीय सार्इं बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज ने डेरा सच्चा सौदा के लिए ये नियम बनाए, लोगों को इन नियमों पर चलाया, पूजनीय परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज ने डेरा सच्चा सौदा की पावन शिक्षाओं को घर-घर में पहुंचाया। आज करोड़ों डेरा श्रद्धालु अपने ईश्वरीय स्वरूप पूजनीय संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन पैगाम पर अमल करते हुए, समाज में मानवता भलाई के 142 कार्य करने में हमेशा तत्पर रहते हैं और उनके यत्न लगातार जारी हैं। दुखियों, गरीबों का सहारा डेरा सच्चा सौदा पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बनाए हुए है।

एक भजन-शब्द में आता है:-

जो दुखिया इस दर आ जांदा,
सब भ्रम भुलेखे मुका जांदा।
सुख-शांति नूं है पा जांदा,
सब दुखियां नूं मिलदा सहारा ए।
सच्चा सौदा तारा अखियां दा,
साडे दिल दा चैन सहारा ए।।

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