Experiences of Satsangis

कैंसर जैसी ना-मुराद बीमारी का नामो-निशान भी न रहा -सत्संगियों के अनुभव -पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपार रहमत

बहन कर्मजीत कौर इन्सां पत्नी प्रेमी तरसेम सिंह इन्सां गांव गोबिंदगढ़ जिला फाज़िल्का हाल आबाद ट्रयू सोल काम्पलैक्स सरसा से अपने पर पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की हुई अपार रहमत का इस प्रकार वर्णन करती हैं:-

मई 2019 की बात है, मैं शारीरिक तौर पर बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस करने लगी थी। रसोई में खाना बनाने के लिए खड़ा होना भी मुश्किल सा हो गया था। मैंने डॉक्टर्स से चैकअप करवाया तो टैस्ट रिपोर्ट में आया कि बच्चेदानी में जख्म होने के कारण कैंसर सैल बनने लगे हैं। डॉक्टरों का कहना था कि बच्चेदानी रिमूव करवा दो। मैं अत्याधिक परेशान रहने लगी। मैंने अपने भाई जसविंद्र सिंह तथा भाभी परविंद्र कौर से बात की। वो कनाडा में रहते हैं। उन्होंने मुझे विश्वास दिलाया कि अपना मालिक सतगुरु बहुत डाहडा है। अपना सतगुरु सब बीमारी ठीक कर देगा।

उसने लाखों लोगों की बीमारियां ठीक की हैं, अपनी भी ठीक कर देगा। अपने सतगुरु पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के वचनानुसार ही डॉक्टरों से आॅप्रेशन करवाएंगे या दवाई शुरु करेंगे। अपने चिट्ठी द्वारा पिताजी तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने पूज्य पिता जी तक चिट्ठी पहुंचा दी। पूज्य हजूर पिता जी ने मेरे लिए अपने पावन वचनों सहित काजू व मिश्री का प्रसाद भेजा कि ‘दिन-रात सुमिरन करना है।’ पूज्य हजूर पिता जी के वचनानुसार मैंने कोई भी दवाई शुरु नहीं की थी। पावन प्रशाद खाकर मैंने रात-दिन ज्यादा से ज्यादा सुमिरन करना शुरु कर दिया।

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दो महीने के अंदर-अंदर, मुझे जो भी समस्या थी, जैसे कि चलते-फिरते ब्लीडिंग होना इत्यादि सब कुछ बिल्कुल ठीक यानि नॉर्मल हो गया। मैंने जनवरी 2020 में शाह सतनाम जी स्पैशलिटी हॉस्पीटल्ज सरसा में सभी टेस्ट करवाए। रिपोर्टों से पता चला कि जो जख्म था, उसका अब नामो-निशान भी नहीं है, पूज्य हजूर पिता जी की रहमत से मैं बिल्कुल तंदुरुस्त हो गई। पूज्य पिता जी ने अपनी इस बच्ची का भयानक कर्म बिना किसी तकलीफ व बिना आॅप्रेशन (जो डॉक्टर ओवरी (बच्चेदानी) रीमूव करने की बात कह रहे थे) के काट दिया। मैं अपने पर हुई पूज्य सतगुरु जी की इस अपार रहमत का कर्ज ताउम्र भी नहीं चुका पाऊंगी। मेरी मेरे सर्व-सामर्थ सतगुरु पूज्य हजूर पिता जी से यही अरदास है कि मुझे दिन-रात बढ़-चढ़कर सेवा-सुमिरन व परमार्थ करने का बल बख्शना जी।