tips to get rid of stress in working women - Sachi Shiksha

कामकाजी महिलाओं का तनाव से गहरा रिश्ता है। जब यह तनाव उन पर हावी होने लगता है तो अक्सर वे अवसादग्रस्त हो जाती हैं, जिससे उनका काम तो प्रभावित होता ही है, साथ ही पर्सनल लाइफ भी डिस्टर्ब होती है।

वर्किंग वूमैन

चूंकि कामकाजी महिलाओं पर काम का दोहरा बोझ होता है, ऐसे में परिवारजनों का सहयोग न मिलने से वे तनावग्रस्त हो जाती हैं, साथ ही घर का वातावरण, परिवार की उनसे बढ़ती उम्मीदें इत्यादि कारण भी उनके तनाव को बढ़ाते हैं।

  • कलीग्स के साथ अच्छे संबंध मैंटेन नहीं कर पाती हैं तो भी आॅफिस का माहौल बोझिल हो जाता है जिससे तनाव उत्पन्न होता है।
  • स्वयं पर जरूरत से ज्यादा भरोसा होना या काम के प्रति लापरवाही, गलतियों का मुख्य कारण है। जब गलती सीनियर्स के सामने आती है तो वे परेशान हो उठती हैं।
  • कुछ महिलाओं में कांफिडेंस की कमी होती है जो उनकी परफॉरमेंस को प्रभावित करता है। वे प्राय: अन्य कुलीग्स से अपनी तुलना करती हैं और स्वयं को अंडरएस्टीमेट करती हैं जो उन्हें तनाव देता है।
  • टाइम मैनेजमेंट की कमी जिससे उन पर सदैव काम का प्रेशर रहता है।
  • अपनी इच्छा व टेलेंट से हटकर जॉब करना भी उनके तनाव का कारण बनता है।
  • काम को पूरी वफादारी से करने पर भी बॉस द्वारा कोई क्र ेडिट न दिए जाने पर भी अक्सर वे तनाव की शिकार हो जाती हैं।
  • पर्सनल व प्रोफेशनल लाइफ के बीच सही संतुलन न होने से भी वे इस समस्या से ग्रस्त रहती हैं।
  • मीटिंग, प्रेजेंटेशन इत्यादि की सही प्रकार से तैयारी न कर पाने से जब वे अच्छी परफॉरमेंस नहीं दे पातीं तो उन्हें स्वयं पर क्रोध आता है जिससे तनाव पनपता है।
  • जब वे व्यस्तता के कारण पति या बच्चों के लिए कुछ कर नहीं पातीं तो स्वयं को कोसती रहती हैं व अपराध भावना का शिकार हो कर तनावग्रस्त हो जाती हैं।

कैसे पाएं छुटकारा:-

  • घर व काम के बीच संतुलन बिठाने हेतु जरूरी है कि अपने दिमाग में दो फाइल केबिनेट बनाएं। एक में आॅफिस की पूरी जिम्मेदारियां व समस्याएं रखें, दूसरे में घरेलू। इन दोनों को कभी मिक्स नहीं होने देंगी तो तनाव सदैव आपसे दूर रहेगा।
  • आत्मविश्वासी बनें। अपनी फिटनेस, डेÑस सेंस व खानपान पर ध्यान दें। सब तरह से फिट रहेंगी तो पूरे आत्मविश्वास के साथ लोगों का सामना कर पाएंगी जिससे अंदरूनी उत्साह में वृद्धि होगी। टेलेंट को सही शेप देने हेतु परिणाम जरूरी है। इससे आपकी परफॉरमेंस बेहतर होगी जो आपके आत्मविश्वास में वृद्धि करेगी व तनाव को दूर भगाएगी।
  • पॉजिटिव बनें। नकारात्मक विचार अक्सर तनाव उत्पन्न करने में सहायक होते हैं।
  • अच्छी प्लानर बनें। इससे आपका काम सही तरीके से व सही समय पर होगा तो आप तनाव से बची रहेंगी।
  • जो बातें आपके लिए तनाव का कारण बनती हैं, उनसे दूर ही रहें। ऐसा संभव न हो तो उनके साथ किस तरह डील करना है, सीखें। किसी एक्सपर्ट की सलाह भी ले सकती हैं।
  • फोन पर दोस्तों या क्लाइंट्स से लम्बी बातचीत करने से बचें। इससे आपका काम प्रभावित होगा जो आपको तनाव देगा।
  • स्वयं को मशीन न बनाएं। अपने सामर्थ्य के अनुसार ही कार्य करें।
  • ऐसे लोग जो आपको इरीटेट करते हों, (जो आपसे जलते हैं) भले ही वे आपके कुलीग हों या क्लाइंट्स, उनसे सिर्फ काम के विषय में ही बात करें।
  • नेटवर्किंग से जुड़ी रहें। इससे आपमें स्मार्टनेस आएगी व ज्ञान बढ़ेगा पर आॅफिसटाइम में व्यर्थ की नेटसर्फिंग करने से बचें।
  • सोशल बनें। लोगों से मिलना-जुलना तनाव को कम करेगा।
  • पति या बच्चों के समक्ष अपनी व्यस्तता का रोना न रोएं। उनसे मदद लेने हेतु उन्हें प्यार से डील करें वरना वे आपसे कतराने लगेंगे जिससे तनाव आना स्वाभाविक है।
  • स्वयं को ‘टेकन फॉर ग्रांटेड’ न लें। अपनी इम्पार्टेस समझें, तभी परिवारजन आपको महत्ता देंगे।
  • घर के लिए कभी कुछ न कर पाएं तो स्वयं को कोसने की बजाय प्रयास करना बेहतर है।

-भाषणा गुप्ता

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