Rescue only rescue

Rescue only rescueसम्पादकीय : बचाव में ही बचाव Rescue only rescue
जैसे कि सबको पता ही है कि कोरोना-कोविड-19 की महाबीमारी से केवल भारत देश ही नहीं, पूरा विश्व जूझ रहा है। हालांकि सरकारें इससे बचाव (दवाई आदि) का हल ढूंढने में दिन-रात लगी हुई हैं।

प्रबल उम्मीद भी है कि वैज्ञानिकों द्वारा इसका हल शीघ्र ढूंढ लिया जाएगा। इस महामारी से आमजन को बचाने के लिए देश में चार पड़ावों में लॉकडाउन चला है। सरकारी निर्देशों के अनुसार, पहले घर में रहने की सख्त हिदायत थी, अब लॉकडाउन में छूट मिली है कि चेहरे को मास्क से ढकना तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना हर व्यक्ति के हित में है। भले ही अब पूरे देश में अनलॉक-1 शुरू हो चुका है,

लेकिन याद रखें कि छूट सरकार ने दी है, कोरोना ने नहीं। कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। बचाव के लिए सावधानियां पहले की तरह ही नहीं, बल्कि पहले से भी ज्यादा सतर्कता की जरूरत है, क्योंकि सड़कों, बाजारों, दुकानों, मॉल्स, रेस्तराओं में आवागमन बढ़ गया है। इसलिए अपने बचाव में ही आपका अपना व आपके परिवार का बचाव है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की हिदायतों के अनुसार, व्यक्ति को अपनी शारीरिक क्षमता को बढ़ाने और उसे दुरुस्त रखने का प्रयास करना होगा, ताकि कोरोना आपके शरीर के सुरक्षाचक्र को भेद न पाए। डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने अपने 7 मई 2020 के एक पत्र के द्वारा सभी को कोरोना महाबीमारी से बचने की नायाब युक्ति सुझाई है, जिसका अनुसरण भी साध-संगत कर रही है।

हालांकि वैज्ञानिकों द्वारा भी कोरोना को मात देने के दावे किए जा रहे हैं, जो अभी धरातल पर उतरने बाकी हैं। इसलिए कोरोना महामारी का खतरा अभी टला नहीं है। हर रोज कोरोना पीड़ितों के आंकड़ों का ग्राफ ऊपर उठता जा रहा है। भारत में भी कोरोना के नए-नए मामले लगातार सामने आ रहे हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि लंबे समय तक चले लॉकडाउन को खत्म करके सरकार ने आमजन की सुख-सुविधा के मद्देनजर कुछ सुविधाएं भी दी हैं,

ताकि लोग अपने-अपने कारोबारी कार्य सरकारी हिदायतों के अनुसार कर सकें, अपने परिवार की रोजी-रोटी की व्यवस्था कर सकें। इसी कड़ी में 8 जून से धार्मिक संस्थानों के भी कपाट खोलने को स्वीकृति के साथ धार्मिक स्थानों पर आने-जाने की सशर्त छूट दे दी है और श्रद्धालू सरकारी हिदायतों की पालना करते हुए अपने-अपने धार्मिक स्थान पर दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं। खुशी की बात है कि डेरा सच्चा सौदा को खोलने की इजाजत मिल गई है,

जिसको लेकर संगत में उत्साह है। यहां साध-संगत से अनुरोध है कि डेरा प्रबंधन कमेटी की हिदायतों को सख्ती से मानना है और इस कार्य में डेरा प्रबंधन का पूरा सहयोग भी करना है। यह भी खुशी की बात है कि साध-संगत डेरा प्रबंधन कमेटी की हिदायतों के अनुसार अपनी सूझबूझ से डेरा सच्चा सौदा में सजदे के लिए आ रही है।

डेरा प्रबंधन सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर समय-समय पर जो भी हिदायतें जारी करेगा, उसका अनुसरण करते हुए साध-संगत ने आश्रम के सेवाकार्यों में भागीदारी करनी है। फिर से याद दिला दें कि लॉकडाउन हटाया गया है, लेकिन कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। इसलिए सरकार द्वारा समय-समय पर दी गई हिदायतों का ज्यों का त्यों पालन करना है, क्योंकि खुद के बचाव में ही सबका बचाव है।

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