कुछ करने का जूनून और जज्बा अगर दिल में हो तो मुश्किल से मुश्किल सपना भी पूरा किया जा सकता है। जेब में बीज और साईकिल पर पौधे Tree Planted रखने वाले ‘रमैया दरिपल्ली’ ने एक या दो नहीं, बल्कि 1 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगाए हंै। रमैया को साल 2017 में पद्मश्री से सम्मानित भी किया गया था।
ये कहानी है तेलंगाना के खमाम जिले के रेड्डीपल्ली गांव के रहने वाले ‘रमैया दरिपल्ली’ की। इनके लिए पेड़-पौधे इनकी जिंदगी है। रमैया जेब में बीज और अपनी साईकिल पर पौधे रखकर घर से निकलते हैं। इस दरमियान ये जहाँ भी जाते हैं वहां अगर इनको कोई पेड़ लगाने की जगह या खाली स्थान दिखता है तो ये वहां पौधारोपण करने लग जाते हंै। ऐसा ये कई सालों से कर रहे है। इनकी पेड़ों से दीवानगी का नतीजा ये निकला कि इन्होंने अब तक 1 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगा दिए हैं। कई साल पहले इनकी इस चाहत को लोग पागलपन कहते थे पर वक्त ने करवट ली।
Tree Planted आज पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन की समस्या से गुजर रहा है। ऐसे में रमैया के लगाए ये पेड़ पर्यावरण को बचाने में योगदान दे रहे हैं। रमैया अपने इस काम की वजह से ‘ट्री-मैन’ के नाम से भी जाने जाते हैं। सरकार ने भी इनके इस कदम को सलाम् किया और साल 2017 में राष्ट्रपति महोदय ने रमैया को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा। जो लोग पहले इस पर्यावरण प्रेमी को पागल कहते थे वो आज इनके इस कदम को सलाम् करते नहीं थकते।
लोगों ने खूब पेड़-पौधे लगाए होंगे। लेकिन बहुत कम लोग होते हैं जो इन पौधों की बाद में भी देखभाल कर उन्हें बड़ा करते हैं। रमैया इसके जीते जागते उदाहरण हैं। रमैया ने अपने जीवन में 1 करोड़ पौधे लगाए हैं। जब कभी रमैया द्वारा लगाया गया पौधा सुख जाता था या नष्ट हो जाता था तो रमैया की जिंदगी जैसे रुक-सी जाती थी।
जब एक व्यक्ति 1 करोड़ पेड़ लगाकर पर्यावरण को बचाने में अपना योगदान दे सकता है तो जरा सोचिए, हम और आप मिलकर यदि अपने जीवन में 1 पेड़ लगाकर उसकी देखभाल कर उसे बड़ा करें तो कितने सारे पेड़ हो जाएंगे और ये जहरीला हो चुका वातावरण एक बार फिर अपनी हरियाली की छटा बिखेरेगा।
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