पूरा देश आॅन व्हील्स
उगते सूरज का देश ‘जापान’। जापान को ‘निप्पॉन’ भी कहा जाता है। चार द्वीपों में विस्कृत जापान बहुत ही अनोखा देश है। इसके चार द्वीप होकाईडो, होन्शु, शिकोकू, क्यूशू हैं। जापान अपनी कला, आतिथ्य, सजावट शैली के साथ ईमानदारी और अथक मेहनत के लिए बहुत प्रसिद्ध है। तकनीक में अग्रणी जापान ने कई बार प्राकृतिक एवं अमाननीय कृत्यों के कारण मात खाई है, जिनमें हिरोशिमा और नागासाकी पर गिरने वाले परमाणु बमोंसे होने वाली त्रासदी से लेकर 2011 में यहां के न्यूक्लियर रिएक्टर्स में हुए ब्लास्ट से पैदा हुई आपदा तक शामिल हैं, और साथ ही यहां आने वाले भूकंप ( रिक्टर पैमाने पर 5-5 तीव्रता यहां आम है) भी शामिल है, जापान को फिर भी कभी हारा हुआ नहीं देखा गया।
इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है यहां के लोगों का जज्बा, उनकी अथक रूप से मेहनत करने की प्रेरणा, उनकी सतर्कता और उनका अनुशासन। जापानी लोग बहुत ही अनुशासित हैं और साथ ही बहुत मेहनती भी। ऐसा सुनने में आता है कि जापान में सार्वजनिक अवकाश काफी कम होते हैं। आमतौर पर साल का काफी हिस्सा लोग काम करते हुए ही बिताते हैं। ऐसे में मनोरंजन की ओर उनका रुझान एवं संभावनाएं कम रहती हैं। यह भी देखा जाना चाहिए कि वर्क-लाइफ बैलेंस का असंतुलन जापान में एक समय काफी अधिक होने लगा।
लोग आमतौर पर अपने कार्यस्थल को नापसंद करने के कारण स्नायु रोग के मरीज भी हो जाते हैं।
ऐसे में पिछले दिनों जापान में कुछ नया घटित हुआ है।
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‘गोल्डन वीक’ 10 दिन छुट्टी के:-
अभी हाल ही में (1 मई को) राजा ‘अकीहितो’ ने राजगद्दी छोड़ी एवं उनके बेटे ‘हिंस नारुहितो’ का राज्याभिषेक हुआ। जापान में नए राजा का आना, नए युग की शुरूआत माना जाता है। ये घटना अपने आपमें ही एक उत्सव से कम नहीं थी कि सरकार ने इस दिन 1 मई को राष्ट्रीय अवकाश घोषित कर दिया। कारण यह था कि अप्रैल 29 (शोवा दिवस), मई 3 (संविधान दिवस), मई 5 (हरियाली दिवस), मई 5 (चिल्ड्रेन्स डे), मई 6 (सब्स्टीट्यूट हॉलिडे) पहले से ही अवकाश दिवस थे। ऐसे में केवल 30 अप्रैल, मई 1 एवं मई 2 ही काम के दिन बचे थे।
ऐसे में 1 मई का अवकाश घोषित होना पूरे 10 दिन का गोल्डन वीक ( छुट्टियों का सप्ताह) बन गया। क्या खास है? यह दर्ज किया गया कि इस गोल्डन वीक का लाभ लेने हेतु पूरा जापान आॅन व्हिलस, अर्थात् यात्रागत हो चला। इस वीक के दौरान जापान से विदेश यात्रा करने वालों की संख्या 6,62,000 और डोमेस्टिक ट्रेवल करने वालों की संख्या 24.01 मिलियन हो गई है। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। एक अनुमान के मुताबिक इन छुट्टियों के दौरान एक व्यक्ति का औसत खर्चा विदेशी यात्रा पर 2,68,000 येन का रहा। जबकि घरेलु ट्रेवल में यह औसत 36,800 येन रह।
अनुमानत:
जापानियों ने इस दौरान 1.06 ट्रिलियन येन का खर्चा किया है। देखा गया कि पहली बार जापानी इतनी बड़ी संख्या में यात्राओं पर गए या अवकाश पर रहे। इसलिए इस काल को ‘आॅन व्हील’ काल भी कहा जा रहा है।
एक सर्वे जो कि लगभग 2500 लोगों पर किया गया, से पता चला कि अधिकांश जापानियों ने 3-4 दिन की ट्रेवलिंग की योजना बनाई। विदेश यात्रा करने वालों का रुझान खासतौर पर यूरोप का रहा। लगभग 34% लोग यूरोप की यात्रा पर गए और बाकी सैलानियों के लिए साऊथ कोरिया, हवाई, सिंगापूर, ताइवान और थाईलैंड मुख्य आकर्षण रहे।
इस सब के दौरान, नए राजा ने जापान में गद्दी संभाल ली है। उन्हें उनकी नई जिम्मेदारियों पर ढेरों शुभकामनाएं।
-विनीता
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