ऑफिस में बनें सभी के चहेते
घर में, स्कूल में, कॉलेज में, खेल के मैदान में, दफ्तर में हंसमुख लोग सबको अच्छे लगते हैं। जो काम भी पूरा करें, मदद के लिए तैयार भी रहें और खिलखिलाता चेहरा सभी को भाता है।
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इसी प्रकार आफिस में भी अगर आप सभी का चहेता बनना चाहते हैं तो ध्यान दें कुछ टिप्स पर:-
मुस्कुराते रहें :-
मुस्कुराता चेहरा सभी को अच्छा लगता है। आप भी मुस्कुराते रहें।
स्वभाव में विनम्र रहें :-
एक कहावत है कि फलदार वृक्ष की टहनियां हमेशा झुकी रहती हैं। इसी प्रकार स्वभाव में विनम्रता रखें। कभी भी आक्रामक न बनें। चाहे आपकी बुद्धि स्तर कितना भी हो, स्वभाव में विनम्रता आपको अलग पहचान दिलवाती है।
संपर्क साधें :-
आफिस में छोटे स्तर के कर्मचारी से लेकर बॉस तक अपना संपर्क बना कर रखें। जब भी मिलें, उनसे बात करें, हिचकिचाएं नहीं।
अपनी पहचान बनाएं :-
हर इंसान में कुछ गुण होते हैं। आप भी अपने गुणों से अपनी पहचान बनाएं, न कि दूसरों की नकल करें। जो गुण हैं उसी अनुसार स्वयं को दर्शाएं, झूठा लबादा न ओढ़ें।
कार्यालय से बाहर भी उनके साथ सोशल सर्कल बनाएं:-
कार्यालय में तोे आप सभी के साथ बहुत अच्छे हैं पर कार्यालय से बाहर परिवार, संबंधियों और दोस्तोंं के सुख दु:ख में जाने से कतराते हैं तो यह गलत है। आफिस लोकप्रियता के साथ साथ अपना सोशल सर्कल भी अच्छा रखें। अगर कहीं दुर्घटना हो गई हो तो उनका पता करने जाएं, अगर खुशी की बात हो तो बधाई अवश्य देने जाएं। पार्टी या कोई समारोह हो औेर निमंत्रण हो तो अवश्य जाना चाहिए।
क्लीग्स को नाम से बुलाएं :-
अगर क्लीग्स आपसे छोटे या हम उम्र हैं या थोड़े से बड़े हैं तो उन्हें उनके पहले नाम से बुलायें तो अधिक अपनत्व लगता है। अगर उम्र में अधिक बड़े हैं या स्टेट्स में ऊंचे हैं तो उचित सम्मान से बात करें।
अपनेपन का दायरा बढ़ाएं :-
लिफ्ट में आते जाते, र्केटीन में, सफर में साथ आते जाते लोगों से बात करें। बातों का टॉपिक मौसम, रोजमर्रा की जिंदगी के बारे में, पालिटिक्स, कुकरी आदि होना चाहिए। किसी की निंदा या कोई कमेंट न करें।
अपने पहनावे पर भी ध्यान दें :-
फॉर्मल कपड़े ही पहन कर आफिस जाएं। कपड़े साफ-सुथरे, धुले और प्रैस किए ही पहनें। कपड़ों के साथ अपने बालों, जूतों पर भी पूरा ध्यान दें ताकि आपका व्यक्तित्व अलग लगे। हल्का भीना सेंट भी अलग ही आकर्षण प्रदान करता है।
क्या न करें :-
- किसी भी साथी के लिए नकारात्मक सोच न पालें।
- किसी भी साथी को कोई कमेंट न दें, न ही उनका परिहास करें।
- अपने बॉस और साथियों की निंदा आफिस या आफिस से बाहर न करें।
- बोलने से पहले सोचें। कुछ भी मूर्खतापूर्ण बात न करें।
- अपने किसी भी साथी के साथ अधिक समय तक बेवजह बातें न करेंंं।
- काम पूरी तन्मयता से और समय पर करें, लापरवाही न बरतें।
- किसी से अपमानजनक लहजे से न बोलें।
- अधिक मजाक भी न करें, किसी को चोट पहुंच सकती है।
-सुनीता गाबा