औषधियों के प्रयोग से पहले ध्यान रखें -आजकल प्राय: यह देखने को मिलता है कि किसी असाध्य या भयानक परिस्थितियोें में ही लोग डॉक्टर के पास जाकर उनसे परामर्श लेते हैं अन्यथा सिर दर्द, पेट दर्द, कमरदर्द, आदि जैसी छोटी-मोटी बीमारियों का उपचार स्वयं कर लेते हैं। अपने आप ही कैमिस्ट के पास जाकर दवाई खरीदना, अपने अनुसार ही दवाइयों की खुराकों को लेना आदि शुरू करके रोग को बढ़ा लेते हैं, तो फिर डॉक्टर के पास जाते हैं।
स्वयं की चिकित्सा हानिकारक ही हुआ करती है, साथ ही औषधि संबंधी सभी आवश्यक निर्देशों को न जानने के कारण औषधियां कारगर भी नहीं होती।
आइए दवाईयों को खरीदने से लेकर उपयोग करने तक की आवश्यक जानकारियों से रू-ब-रू हो लें:-
- दवाईयों को खरीदते समय सबसे पहले यह आवश्यक हैं कि उस पर छपी एक्सपायरी डेट को देख लें। अगर औषधि एक्सपायरी डेट पार कर चुकी है या एक माह ही बाकी है तो उस औषधि को मत खरीदिए। वह अगर किसी कारण से हानिकारक नहीं भी होगी तो फायदेमंद भी नहीं होगी।
- जिस चिकित्सक ने दवाईयों को लिखा है, खरीदने के बाद प्रयोग से पहले उन्हें अवश्य ही दिखा लेना चाहिए। इससे आप आश्वस्त हो जाएंगे कि दवाईयां डॉक्टर द्वारा लिखे अनुसार ही हैं।
- सिरप पीने की औषधि तथा आंख, कान आदि में डालने वाली ड्रॉप्स को खोलने से पहले तथा इस्तेमाल करने से पहले हरेक बार अच्छी तरह अवश्य हिला लें। इन औषधियों को एक बार खोलने के बाद जब तक खत्म न हो, लगातार क्रम में प्रयोग करते रहें।
- कुछ लोग सीरप तथा ड्रॉप्स का प्रयोग शुरू करके दो-तीन खुराक में ही लाभ पा जाते हैं तथा शेष औषधियों को बाद के लिए छोड़ देते हैं या दूसरे को वही बीमारी होने पर देना शुरू कर देते हैं। यह विधि हानिकारक सिद्ध हो सकती है।
- दवाईयों को हमेशा शीतल तथा अंधेरे स्थान पर रखना चाहिए। धूप, आंच आदि से दवाईयों को दूर रखना श्रेयस्कर होता है।
- दवाईयों की खुराक (डोज) चिकित्सक के बताए अनुसार ही लेनी चाहिए। अपने विवेक के अनुसार कम या अधिक खुराक लेना हानिकारक हो सकता है।
- जिन दवाईयों को चिकित्सक जिस पदार्थ (दूध, जूस, मक्खन, शहद, अदरक के रस, पानी या अन्य पदार्थ) के साथ खाने की सलाह दे, उसी के साथ खाना चाहिए। इसमें अपनी मर्जी को शामिल करना हितकर नहीं होता।
- चिकित्सक द्वारा जो दवाईयां खाने के नियम निर्देशित किए गए हैं जैसे-खाने से पहले, खाने के बाद, खाना खाने के एक घंटा बाद, सुबह, दोपहर, शाम आदि उस समय का पालन करना अनिवार्य होता है।
- चिकित्सक जिस दवाई को जितना लेने के लिए प्रिस्क्राइब (निर्देशित) करते हैं, उतना ही लेना चाहिए। कुछ लोग तीस टेबलेट की जगह दस टेबलेट से ही काम चला लेना चाहते हैं, जो उचित नहीं होता।
- चिकित्सक कुछ दवाई अपने क्लीनिक से देते हैं और कुछ को केमिस्ट से खरीदने के लिए लिख देते हैं। दवाईयों को उसी समय खरीद लेना चाहिए। कल पर छोड़ना तथा केवल चिकित्सक द्वारा दी गई दवाई से काम ही चलाना ठीक नहीं होता।
- औषधि सेवन के समय बताए गए परहेजों, अनुपात, सहपान आदि के जो भी निर्देश चिकित्सक द्वारा प्राप्त हुए हों, उनका पालन अवश्य ही करना चाहिए।
- एक ही घर के कई सदस्यों की औषधियां (अगर कोई हों तो) अलग-अलग रखनी चाहिए जिससे एक की दवाई दूसरा न खा ले। साथ ही दवाईयों को छोटे बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए अन्यथा बच्चा उन्हें खा सकता है और आप मुसीबतों में भी फंस सकते हैं।
-आनंद कुमार अनंत