बहु उपयोगी है पपीते का सेवन
पपीता एक ऐसा सदाबहार फल है जो पूरे वर्ष बाजार में उपलब्ध रहता है। यह फल मीठा होेने के साथ-साथ ज्यादा महंगा भी नहीं है। इस फल को हर उम्र का व्यक्ति खा सकता है। यह कदापि हानिकारक नहीं है। जहाँ तक हो सके, रात्रि में इसका सेवन न करें। अमृत तुल्य इस फल के अनेक फायदे हैं। आप भी विभिन्न बीमारियों में इसका उपयोग कर लाभ उठा सकते हैं:-
- यदि आपके दाँत में दर्द है तो पपीते से निकलने वाले सफेद दूध को रूई के फाहे में भर कर दाँत तले दबा लें।
- एक मध्यम आकार के पपीते में 120 कैलोरी होती है। ऐसे में अगर आप वजन घटाने की बात सोच रहे हैं तो अपनी डाइट में पपीते को जरूर शामिल करें। इसमें मौजूद फाइबर्स वजन घटाने में मददगार होते हैं।
- रोग प्रतिरक्षा क्षमता अच्छी हो तो बीमारियां दूर रहती हैं। पपीता आपके शरीर के लिए आवश्यक विटामिन सी की मांग को पूरा करता है। ऐसे में अगर आप हर रोज कुछ मात्रा में पपीता खाते हैं तो आपके बीमार होने की आशंका कम हो जाएगी।
- पपीते में उच्च मात्रा में फाइबर मौजूद होता है। साथ ही ये विटामिन सी और एंटीआॅक्सीडेंट्स से भी भरपूर होता है। अपने इन्हीं गुणों के चलते ये कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में काफी असरदार है।
- महिलाओं को यदि मासिक धर्म के अनियमित होने की समस्या है तो वे एक माह तक पका हुआ पपीता प्रतिदिन आधा किलो के हिसाब से खाएं। यह समस्या हमेशा- हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी।
- बच्चों या बड़ों के गले में टांसिल्स हो जाएं तो कच्चे पपीते को दूध में मिलाकर गरारे करें। हफ्ता-भर ऐसा करने से यह समस्या दूर हो जाएगी।
- पपीता नेत्र रोगों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन ए की मौजूदगी आँखों की रोशनी को कम होने से बचाती है। इसके सेवन से रतौंधी रोग का निवारण होता है और आँखों की ज्योति बढ़ती है।
कुछ अध्ययनों के अनुसार, पपीते के सेवन से कोलन और प्रोजेक्ट कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। पपीते में एंटी-आॅक्सीडेंट, फीटोन्यूट्रिएंट्स और फ्लेवोनॉयड्स प्रचूर मात्रा में होते हैं। इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन सी, बीटा कैरोटीन और विटामिन ई शरीर में कैंसर सेल को बनने से रोकते हैं। इसलिए अपने आहार में पपीता शामिल करें।
- उच्च रक्तचाप वाले व्यक्ति सवेरे खाली पेट पांच सौ ग्राम ताजा पपीता खायें लेकिन एक डेढ़ घंटे तक न तो पानी पिएं, न ही कुछ खाएं।
- यदि आपका हाजमा सही नहीं है, खट्टी डकारें आती हैं तो रोज एक छोटा पपीता खाना खाने के बाद खायें।
- बच्चों के पेट में कीड़े हो जाएं तो पपीते के 1-12 बीज पीसकर आधा गिलास पानी में मिलाकर 1 से 15 दिन तक लेने से कीड़े मर कर बाहर निकल जाते हैं।
- यदि जिगर व तिल्ली रोग है तो अधपके पपीते के टुकड़ों को काटकर एक सप्ताह तक सिरके में भिगो दें। तत्पश्चात एक-एक टुकड़ा रोज खाएं।
- बच्चे को जन्म देने के बाद दूध की मात्रा कम न हो, इसके लिए माता तीन सप्ताह तक रोज आधा किलो पपीता खाए, तो भरपूर दूध आयेगा व बच्चा भूखा नहीं रहेगा।
-चेतन चौहान