Neem toothbrush

टूथपेस्ट का बेहतर विकल्प है -नीम की दातुन

नीम की पत्तियां पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए, तो उसे कोसा करके मुंह में भरें। कम से कम एक मिनट मुंह में रखकर बाहर थूक दें। इस तरह 4-5 बार करें। दांतों का दर्द व कई तरह की बीमारियों से निज़ात मिलती है। दिन में तीन बार करें। अगर इसे रूटीन में ऐड कर लें, तो बहुत ही बेहतर है। -पूज्य गुरु संत डॉ. एमएसजी

अक्सर देखने में आया है कि बड़े- बुजुर्गों को दाँतों की समस्याएं बहुत कम होती हैं और वे लोग ब्रश-पेस्ट का इस्तेमाल भी नहीं करते है । मसलन, नीम की दातुन को ब्रश बनाकर करते हैं। उनके ऐसा करने से न तो कभी दांतों में सेंसिटिविटी की समस्या होती है और न ही पीलेपन की, और न ही सांसों में बदबू की। शायद यही वजह रही होगी कि इन दिनों गांव के लोगों के साथ-साथ शहर के लोग भी नीम की दातुन को अधिकाधिक करने लग गए हैं और वे व्रत हो या पूजा, हर एक दिन ब्रश का उपयोग दरकिनार करते हुए नीम की दातुन को कहीं अधिक श्रेष्ठकर बताने लगे हैं।

इस बारे में उनका कहना है कि यह कभी जूठी नहीं होती अर्थात इसका बार-बार इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है बल्कि ताजा तोड़कर इस्तेमाल करने की वजह से यह सम्पूर्ण रूप से शुद्ध और पवित्र होती है। बकौल डाक्टर्स, सुबह के वक्त जीभ सबसे अधिक संवेदनशील अवस्था में होती है। इस समय खाली पेट दातुन को दाँतों से चबाने से मुंह में मौजूद सभी बैक्टीरिया मर जाते हैं और शरीर की कई बीमारियां भी नष्ट हो जाती हैं।

दरअसल नीम के पेड़ में 130 से अधिक सक्रिय यौगिक मौजूद होते हैं। यही कारण है कि नीम के पेड़ के लगभग सभी हिस्से उपयोगी होते हैं। नींम की छाल, पत्तियां, टहनियां आदि में औषधीय गुण पाए जाते हैं। नीम में एंटी-कैंसरजन्य, एंटी-बैक्टीरिया, एंटीसेप्टिक, एंटीमाइमरियल, एंटी-वायरल और एंटीआॅक्सीडेंट गुण भी होते हैं। यदि आप हैरान हैं, तो यहां नीम की छड़ें और दंत स्वास्थ्य में उनकी भूमिका के बारे में कुछ और तथ्य हैं जिसके बारे में आप जान सकते हैं।

नीम की दातुन से शरीर को मिलने वाले अन्य लाभ:-

  • अगर हम रोजाना नीम की दातुन करते हैं तो चेहरे पर फोड़े-फंसी और दाग धब्बे नहीं होते।
  • नियमित नीम की दातुन से दाँतों को साफ करने से कभी कीड़े नहीं लगते हैं, क्योंकि यह कीटाणुनाशक होता है।
  • आयुर्वेद की मानें तो नीम की दातुन करने से दाँतों में सड़न, मुँह में बदबू, पस पड़ने जैसी अनगिनत समस्याएं खुद ब खुद कोसों दूर हो जाती हैं।
  • नीम की दातुन में एंटी-माइक्र ोबियल गुण होता है जिससे मुँह के छालों को जल्द ठीक करने में बहुत मदद मिलती है।
  • नीम में मौजूद केमिकल दाँतों के पीलेपन को दूर करता है। जो काम टूथपेस्ट नहीं कर सकते उससे कई गुना ज्यादा लाभ नीम की दातुन करती है।
  • आजकल अधिकांश लोग जंक फूड खाना खूब पसंद करते हैं। इसके कारण उनके दाँत पीले पड़ जाते हैं। नीम की दातुन कूचते समय मुंह में निकलने वाला रस दाँतों के पीलेपन को साफ कर सफेद, स्वस्थ व चमकदार बना देता है।
  • केवल एक बार टहनी का उपयोग कर सकते हैं। ब्रशिंग खत्म करने के बाद, आप टहनी को विभाजित कर सकते हैं और इसे जीभ क्लीनर के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
  • अपने दाँतों को साफ करने के लिए दातुन को घुमाने पर बहुत सावधान रहें, क्योंकि फाइबर की कठोरता आपके नाजुक मसूड़ों को चोट पहुंचा सकती है। दाँतों को ब्रश करने के बाद, अपने दाँतों में फंसने वाले तंतुओं को थूक दें।