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Flood बाढ़ के जख्मों पर ‘राहत’ की मरहम – नि:स्वार्थ सेवा: डेरा सच्चा सौदा ने पंजाब व सीमावर्ती हरियाणा-राजस्थान के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में चलाया बचाव एवं राहत कार्य

‘मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। जरूरत के समय एक-दूसरे की सहायता करना ही सच्ची इंसानियत है। इस कठिन समय में हम बाढ़ पीड़ितों के दु:ख में पूरी इंसानियत की भावना से साझेदार हैं। उनकी पीड़ा हम सबकी पीड़ा है।’ पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा की गई इस मार्मिक अपील के साथ ही पंडाल में सजी एवं आॅनलाइन गुरुकुल से जुड़ी लाखों की संख्या में साध-संगत ने बरबस ही दोनों हाथ उठाकर बाढ़ पीढ़ितों की मदद का संकल्प लिया। दरअसल 31 अगस्त (रविवार) को दोपहर करीब डेढ़ बजे पूज्य गुरु जी रूहानी कार्यक्रम के तहत साध-संगत से रूबरू हो रहे थे।

इस दौरान पूज्य गुरु जी ने भीषण बाढ़ की मार झेल रहे पंजाब सहित देश के कई राज्यों ओडिशा, मनाली (हिमाचल प्रदेश) और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में लैंड स्लाइड से प्रभावित लोगों की जानमाल व सुरक्षा-सलामती के अलावा जम्मू-कश्मीर के डोडा क्षेत्र में बादल फटने और वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर हुए लैंड स्लाइड (भूस्खलन) में मृत लोगों की आत्मिक शांति के लिए ‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ का नारा बोलकर प्रार्थना की।

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि हज़ारों गाँवों में लाखों एकड़ खेती की जमीन प्रभावित हुई और असंख्य परिवारों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा। किसानों की फसल और पशुधन का भी बड़ा नुकसान हुआ है। हम प्रशासन से भी निवेदन करते हैं कि राहत और बचाव कार्य और तेज किए जाएं तथा प्रभावित परिवारों और किसानों के लिए मुआवजा और पुनर्वास की ठोस व्यवस्था की जाए। आपजी ने सभी प्रशासनिक अधिकारियों, एनडीआरएफ, सेना, बीएसएफ और पुलिस के वीर जवानों को भी साधुवाद कहते हुए उनका आभार प्रकट किया, जो दिन-रात राहत एवं बचाव कार्यों में लगे रहे। पूज्य गुरु जी ने साध-संगत व जिम्मेवारों को प्रशासन के साथ मिलकर बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद करने का आह्वान किया। जिसके उपरांत डेरा सच्चा सौदा के सेवादार व शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर कमेटी के सैकड़ों सदस्य पंजाब में बाढ़ पीड़ितों की मदद में जुट गए।

उधर दशकों बाद, इस बार पंजाब में बाढ़ का फिर से भयावह कहर देखने को मिला। घनी बारिश से उपजी इस स्थिति से पंजाब के करीब 13 जिलों के साथ-साथ हरियाणा व राजस्थान भी अछूते नहीं रहे। हजारों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए, जिससे लाखों लोगों को घरों से बेघर होना पड़ा। खेत-खलिहान सब मलियामेट हो गए। पंजाब में आई इस त्रासदी के बीच पीड़ितों की मदद के लिए जहां केन्द्र व राज्य सरकारें अपने स्तर पर बचाव एवं राहत के प्रयास कर रही थी, वहीं बहुत-सी धार्मिक संस्थाएं भी लोगों की मदद को आगे आर्इं। मानवता पर आए इस घोर संकट के पलों में इन्सानियत को समर्पित डेरा सच्चा सौदा ने बड़े स्तर पर राहत कार्य शुरु किए।

शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर कमेटी के जांबाज सेवादारों ने ऐसे विकट हालातों में जान का जोखिम उठाते हुए डेंजर जोन में पहुंचकर नदियों के टूटे बांध पाटने का कार्य किया, वहीं बाढ़ में घिरे लोगों को बचाया और उनके घरों का सामान भी सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं का मानवता के प्रति ऐसा परोपकार देखकर पीड़ितों की आंखें नम हो उठी। धन्यवाद स्वरूप उन्होंने हाथ जोड़कर शुक्राना अदा करते हुए कहा कि धन्य है आपकी सेवा भावना और धन्यवाद के काबिल हैं आपके प्रेरणास्त्रोत डॉ. एमएसजी, जिन्होंने नि:स्वार्थ सेवा का ऐसा जज्बा भरा है।

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शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर कमेटी के सेवादार होशियारपुर, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, पठानकोट, फाज़िल्का, फिरोजपुर और राजस्थान के हनुमानगढ़ में बाढ़ पीड़ितों तक राहत सामग्री पहुंचाने पहुंचे। सेवादारों ने घर-घर जाकर तिरपाल, मच्छरदानी, कछुआ छाप, ओडोमॉस, आवश्यक दवाइयाँ (इंसानों और पशुओं के लिए), राशन, मवेशियों के लिए सूखा चारा, तूड़ी और हरा चारा वितरित किया। साथ ही, लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद की। विशेष रूप से, सेवादारों ने प्रशासन के साथ मिलकर उन क्षेत्रों में भी सहायता पहुंचाई, जहां तक राहत नहीं पहुंची थी।

सेमनाले में जब मोडिया खेड़ा और गुड़ियाखेड़ा के बीच आया कटाव, रक्षक बन सामने आए सेवादार

लगातार बारिश के चलते चौपटा क्षेत्र से गुजरने वाली हिसार घग्गर ड्रेन (सेमनाला) में 6 सितंबर को सुबह मोडिया खेड़ा और गुड़ियाखेड़ा के बीच अचानक कटाव आ गया। एकाएक बढ़े इस 100 फीट कटाव से सैकड़ों एकड़ नरमा व कपास की फसलें जलमग्न हो गई। कई किसानों की ढाणियां और टयूबवैल भी इसकी चपेट में आ गए। स्थिति लगातार बिगड़ते देख ग्रामीणों की मांग और प्रशासन के आह्वान पर डेरा सच्चा सौदा मदद को आगे आया। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर कमेटी के लगभग 500 सेवादार मौके पर पहुंचे और राहत बचाव कार्य में जुट गए।

सेवादारों ने मिट्टी के गट्टे भरकर, मानव श्रृंखला बनाकर और लकड़ी की जालियों का सहारा लेकर कटाव को रोकने का कार्य शुरू किया। तेज बारिश के बीच सेवादारों का उत्साह और सेवा भावना देखने योग्य थी। सेवादारों की अनुशासित सेवा भावना को देखकर ग्रामीणों ने उनकी सराहना की। इस अवसर पर ऐलनाबाद के विधायक भरत सिंह बैनीवाल के पुत्र सुमित बैनीवाल भी मौके पर पहुंचे और सेवादारों के कार्य की प्रशंसा की। वहीं गुड़िया खेड़ा के सरपंच प्रतिनिधि आत्माराम भाटिया, पूर्व सरपंच प्रतिनिधि भरत सिंह बिरड़ा तथा मोडिया खेड़ा के सरपंच भारत सिंह ने भी डेरा सेवादारों के प्रयासों की प्रशंसा की।

सच्चे नम्र सेवादार प्यारे लाल इन्सां और करनैल सिंह इन्सां ने बताया कि सुबह लगभग 5 बजे जैसे ही कटाव की सूचना मिली, पूज्य गुरु जी की पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर कमेटी के ब्लॉक कल्याण नगर, ऐलनाबाद, माधोसिंघाना व सरसा सहित अन्य ब्लॉकों के सेवादार तुरंत मौके पर पहुंचे और प्रशासन के साथ मिलकर ड्रेन में हुए कटाव को बंद करने का कार्य शुरू किया।

आज तो डेरा सच्चा सौदा वालों ने बचा लिया…’

भट्टू कलां (फतेहाबाद)। घग्गर ड्रेन (सेमनाला) में जांडवाला में शाहपुरिया रोड के पास गत 7 सितंबर की देर रात अचानक करीब 40 फुट दरार आ गई थी। पानी गांव की ओर तेज बहाव से बढ़ रहा था, किंतु जैसे ही शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर कमेटी के सेवादार को इसकी सूचना मिली तो वे मौके पर पहुंचे और तुरंत बांध निर्माण का कार्य शुरू कर दिया। सेवादारों ने मिट्टी के गट्ठे भरकर, मानव श्रृंखला बनाकर और लकड़ी की जालियों का सहारा लेकर कटाव को रोकने का कार्य शुरू किया। ब्लॉक जिम्मवारों ने बताया कि ड्रेन में कटाव की सूचना मिलते ही फतेहाबाद, बिघड़, कुकड़ावाली, भट्टू कला सहित अन्य ब्लॉकों के सेवादार तुरंत मौके पर पहुंचे और प्रशासन के साथ मिलकर ड्रेन में हुए कटाव को बंद करने का कार्य शुरू किया।

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सेवादारों ने अनुशासन और पूरे जज्बे के साथ मिलकर कटाव को भर दिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर समय रहते सेवादार नहीं पहुंचते तो यह पानी गांव में घुसकर भारी नुकसान कर सकता था। गांव जांडवाला के सरपंच सुरेंद्र नंबरदार, गौशाला प्रधान बंशी लाल भीगासरा, भट्टू कलां गौशाला के प्रधान ब्रह्मानंद गोयल, ब्लॉक समिति सदस्य गोविंद भादू ने मुसीबत के समय डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों द्वारा दिए गए सहयोग की मुक्त कंठ से सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे कठिन समय में सभी ने एकजुट होकर जो कार्य किया, वह दूसरों के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने बताया कि सेवादारों की तत्परता और नि:स्वार्थ सेवा ने एक बड़े नुकसान को टाल दिया।

सरपंचों ने डेरा सच्चा सौदा से साधा संपर्क

लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही घग्गर के पानी ने 7 सितंबर के आस-पास गुहला चीका क्षेत्र के तटवर्ती गांवों में बसे लोगों की धड़कनें बढ़ा दी। रत्ताखेड़ा लुकमान गांव में घग्गर के तटबंध में दरार आनी शुरू हो गई थी और पानी खेतों की ओर रिसने लगा था। किसी भी वक्त घग्गर का यह तटबंध टूट सकता था। जिसे देखते हुए इन गांवों के सरपंच साहिबानों ने डेरा सच्चा सौदा से मदद की अपील की थी। फिर क्या था, सूचना मिलते ही कुछ ही देर बाद सैकड़ों सेवादार बांध को मजबूत करने के लिए मौके पर पहुंच गए और बांध को मजबूत करने का कार्य शुरु हो गया। सेवादारों ने सुबह से शाम तक लगातार सेवा करते हुए 440 फीट लंबा यह तटबंध करीब 10 फीट ऊंचा कर दिया जिससे संभावित खतरा टल गया।

सरपंच रताखेड़ा के सरपंच प्रतिनिधि राकेश और खुशहाल माजरा के सरपंच गुरजंट सिंह ने बताया कि बांध टूटने की कगार पर था। हमने डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों को इस बारे में सूचना दी। डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों ने कुछ ही पलों में यहां बांध को मजबूत करने का काम शुरू कर दिया। सेवादारों ने हजारों एकड़ फसल डूबने से बचा ली।
वहीं गुहला के बीडीपीओ जगजीत सिंह ने कहा कि घग्गर का बांध कमजोर होने की सूचना मिली थी। इस कार्य में सहयोग के लिए डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों का धन्यवाद करता हूँ, जो प्रशासन का पूरा सहयोग कर रहे हैं

हनुमानगढ़ (राज.) में पीड़ितों की मदद को पहुंचे सेवादार

हनुमानगढ़ क्षेत्र के गांव मक्कासर में बरसाती पानी में मकान आधे से ज्यादा तक पानी में डूब गए। स्थानीय सेवादारों ने राहत कार्य चलाते हुए इन घरों का सामान निकालकर सुरक्षित जगह रखवाया। सच्चे नम्र सेवादार सुखचंद इन्सां ने बताया कि लगातार बरसात से हनुमानगढ़ शहर सहित गांवों कस्बों में भी जनजीवन प्रभावित हुआ। एक सूचना पर सेवादार प्रभावित घरों में पहुंचे और सेवा कार्य शुरू कर दिया।

ट्रैक्टर-ट्रालियों के पानी के भीतर नहीं जाने के कारण सेवादार स्वयं अपने कंधों पर घर का समान लेकर बाहर खड़ी ट्रैक्टर-ट्रॉली में डालने लगे। देखते ही देखते लगभग 40 सेवादारों ने 15 से 20 परिवारों के मकानों से सामान सुरक्षित निकालकर ट्रैक्टर-ट्रालियों के माध्यम से राजकीय विद्यालय में पहुंचा दिया। वहीं किसी घर में एक वृद्ध महिला चलने से लाचार थी। जिस पर सवादारों ने अपने कंधों पर वृद्धा की चारपाई रखते हुए उसे सुरक्षित स्थान तक लेकर आए।