स्वच्छता संग संगत का सजदा –
गुरुग्राम में ‘हो पृथ्वी साफ मिटे रोग अभिशाप’ सफाई महाभियान का 33 वां चरण
4घंटे में पूरा शहर किया चकाचक 6 मार्च 2022 को
3 लाख सेवादारों ने 7 घंटे चलाया था अभियान 17 दिसंबर 2011 को
सफाई अभियान की शुरुआत के बाद झाड़ू लगाते हुए गुरूग्राम नगर निगम की मेयर मधु आजाद, ज्वाइंट कमीश्नर डॉ. विजय पाल यादव, डेरा सच्चा सौदा के सीनियर वाइस चेयरमैन डॉ. पीआर नैन इन्सां, सीपी अरोड़ा इन्सां व अन्य गणमान्यजन।
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” हमारे देश को धार्मिक और गुरुदेश कहा जाता है, परंतु जब विदेशी यहां आते हैं तो इसे ‘डर्टी इंडिया’, गंदा कहते हैं तो इससे हमें दु:ख होता है। ऐसे में भगवान ने ख्याल दिया कि क्यों न ऐसा सफाई महाभियान चलाया जाए, जिससे आम आदमी साफ-सफाई के प्रति जागरूक हो।
वातावरण को शुद्ध बनाना सभी धर्मों का लक्ष्य है। जब हमारे चारों ओर का वातावरण शुद्ध होगा, तभी भगवान से लिव (तार) जुड़ेगी और उसकी कृपा दृष्टि प्राप्त होगी। यह सफाई महाभियान ‘महायज्ञ’ के समान है। –पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां
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प्रकृति
संरक्षण में हमेशा अग्रणी रहने वाले डेरा सच्चा सौदा ने एक बार फिर से ‘हो पृथ्वी साफ मिटे रोग अभिशाप’ महाभियान के तहत गुरुग्राम में सफाई महाभियान चलाया, जिसमें लाखों की संख्या में पहुंचे सेवादारोें ने मात्र 4 घंटों में शहर को चकाचक बना दिया। मिलेनियम सिटीवासियों के लिए यह दूसरा सुखद अनुभव था, जब सेवादार इस कदर सफाई दूत बनकर आए कि देखते ही देखते पूरा शहर साफ सुथरा हो उठा।
गत 6 मार्च (रविवार) 2022 चलाए को सफाई महाअभियान का शुभारंभ सुबह 9:45 बजे साउथ सिटी-2 स्थित नाम चर्चा घर के पास से ‘धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ के पवित्र नारे व अरदास के साथ हुआ।
इस दौरान नगर निगम की मेयर मधु आजाद व ज्वाइंट कमीश्नर डॉ. विजयपाल यादव व डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन कमेटी के सदस्य मौजूद रहे। मुख्यातिथियों ने अपने संबोधन में डेरा सच्चा सौदा के इस महापरोपकार का हार्दिक स्वागत करते हुए साध-संगत की भावना को नमन् किया। सेवादारों ने इलाही नारे के साथ ही पूरे शहर में स्वच्छता का झाडूÞ चलाना शुरू कर दिया और शहर की हर गली-मोहल्ले, चौक-चौराहे को साफ सुथरा करने में जुट गए। इस 33 वें सफाई महाभियान को लेकर डेरा प्रबंधन ने व्यवस्थित तरीके से पूरी तैयारियां की थी, जिसके तहत गुरुग्राम को 4 जोन में बांटा गया।
प्रत्येक जोन के लिए अलग-अलग ब्लॉकों में अलग-अलग राज्य की साध-संगत को पहुंचाया गया, जिससे पूरे शहर में एक साथ सफाई करने का कार्य सुचारू रूप से शुरू हुआ और मात्र 4 घंटों में चारों ओर स्वच्छता की आभा फिर से निखर आई। संगत द्वारा एकत्रित कूड़े-कर्कट के ढेरों को नगर निगम प्रशासन द्वारा डंपिंग स्टेशन तक पहुंचाया गया। बता दें कि आमतौर पर गुरुग्राम नगर निगम क्षेत्र में घरों से 500 टन कूड़ा निकलता है, वहीं गलियों, सड़कों पर मिलने वाला कूड़ा भी इतना ही यानी 500 टन होता है। लेकिन सेवादारों द्वारा मात्र 240 मिनट में करीब 3 हजार टन कूड़ा एकत्रित कर दिया गया। जिसे उठाने में नगर निगम को तीन दिन का समय लगा। लोगों को सफाई के प्रति जागरुक करने के लिए डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों द्वारा स्थानीय लोगों से स्वच्छता रखने के लिए शपथ पत्र भी भरवाए गए।
इस अभियान में भारत के अलावा विदेशों से भी संगत पहुंची थी। खास बात यह भी थी कि हर राज्य की संगत के लिए अभियान में भागीदारी करने के लिए जगह पहले ही सुनिश्चित की गई थी, ताकि एक एरिया में अत्याधिक सेवादार एकत्रित ना हों। शहर को 4 जोन में विभाजित किया गया था, जिसमें जोन-ए ( नहरापुर रूपा) में राजस्थान, जोन-बी(इस्मालपुर झाडसा) में दिल्ली व उत्तरप्रदेश, जोन-सी (दौलताबाद-बसई रोड़ एरिया) में हरियाणा व जोन-डी (धनकोट, देवीलाल नगर, बसई) में पंजाब प्रदेश की साध-संगत की विशेष डयूटी लगाई गई थी। इन जोन में कई सब-जोन बनाए गए थे, जहां ब्लॉक वाइज साध-संगत ने सफाई अभियान चलाया।
गौरतलब है कि गत 7 फरवरी से 28 फरवरी तक पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां गुरुग्राम के नामचर्चा घर में विराजमान रहे। साध-संगत ने दिलीइच्छा प्रकट करते हुए शहर को सजदा करने के लिए सफाई अभियान चलाया। इससे पूर्व 17 दिसंबर 2011 को भी डेरा सच्चा सौदा द्वारा यहां सफाई महाभियान चलाया गया था।
” पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने गुरुग्राम में 21 दिन तक स्टे किया।
इस धरती को सजदा करने के लिए चलाए गए सफाई महाअभियान में शामिल होकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। सभी को इसी तरह मानवता भलाई के अभियानों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।
–साहिबजादी बहन हनीप्रीत इन्सां।
स्वच्छता का अभियान चलाने के लिए डेरा सच्चा सौदा साधुवाद का पात्र है।
मैं शहर के नागरिकों से आह्वान करती हूँ कि आज तो सेवादार शहर को साफ करके चले जाएंगे पर आप लोग रोजाना ऐसे अभियान चलाकर शहर को साफ सुथरा रखें,
जिससे हमारा शहर स्वच्छता अभियान में अग्रणी बन सकें।
– मधु आजाद मेयर, गुरुग्राम नगर निगम
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समाज में समाजिक बुराईयों का खात्मा करने के लिए समय-समय पर संत, समाज सुधारक, समाज को नई दिशा देने का काम करते हैं। संत हर युग व समय की जरूरत होते हैं, जिनके बताए मार्ग पर चलने से देश के एक सभ्य नागरिक का निर्माण होता है।
संत समाज को नई दिशा देते हैं चाहे उनका माध्यम कोई भी हो। समाज पर जब भी आपदा आई तो हमेशा संतों ने आगे बढ़कर उससे निजात दिलाई। मैं डेरा सच्चा सौदा को बहुत करीब से जानता हूँ। पूज्य संत जी ने स्वच्छता का पैगाम देकर समाज को जागरूक करने का बहुत ही सराहनीय कार्य किया है।
पूज्य संत जी ने सेवादारों में सेवा का जो ज़ज्बा भरा है, वह बेमिसाल है। सेवादारों का अनुशासन काबिले तारीफ है। जब संत द्वारा जागरूक किया व्यक्ति स्वयं अपनी जिम्मेवारी को समझने लग जाता है तो वह समाज व देश प्रगति के पथ पर अग्रसर हो जाता है।
स्वच्छता का जीवन में विशेष महत्व है, जिसे अपनाना हर नागरिक का कर्तव्य है। सरकार भी आमजन को जागरूक करने के लिए स्वच्छता अभियान के तहत जागरूक करने का काम कर रही है।
-डॉ. विजयपाल यादव ज्वाइंट कमीशनर, नगर निगम गुरुग्राम
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सबसे पहले धन्य-धन्य कहूँगा और लख लख बधाई दूँगा, डेरा सच्चा सौदा के सभी सेवादारों को, जिन्होंने आज गुरुग्राम में सफाई महा अभियान चलाया। डेरा सच्चा सौदा लगातार मानवता हित के कार्य कर रहा है और सफाई अभियान का भी आयोजन करता रहा है
ऐसे में आज इस सफाई अभियान के लिए साधुवाद देता हूँ। मैं सभी नागरिकों से अपील करना चाहता हूँ कि वे आज डेरा प्रेमियों द्वारा दिए संदेश को आत्मसात करें और अपने आस पास स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें।
– डॉ कमल गुप्ता, स्थानीय निकाय मंत्री, हरियाणा सरकार
खुद की खुर्पी, खुद का तिरपाल, कूड़ा रहवै ना कितौड़
सफाई महा अभियान में भाग लेने पहुंचे सेवादार न केवल अपने खर्चे पर गुरुग्राम पहुंचे बल्कि सफाई से जुड़े सभी प्रकार के यंत्र भी साथ लेकर आए थे। यही नहीं, अपने खाने पीने तक का सामान भी घर से लेकर आए थे। सेवादारों ने घर की दाल और घर से लाए राशन से बनाई चाय का सेवन करने के बाद सफाई महाअभियान के इस यज्ञ में आहुति डाली। सेवादारों के इस जज्बे को देखकर हर कोई दंग था व उनके सेवा कार्य को सलाम कर रहा था।
गुरुग्राम के हसनपुर व दरबारीपुर गांव में श्रीगंगानगर जिला से आए सेवादारों की कई बसें जब स्कूल प्रांगण के बाहर गांव की मुख्य गली में रुकी तो आस-पास के लोगों ने देखा कि बसों से उतर रहे लोग खुर्पी, झाड़ू, तसला, तिरपाल, भट्ठल व फावड़ा हाथ में लिए हुए स्कूल के सामने एकत्रित हो रहे हैं। सभी की जुबां पर एक ही चर्चा थी कि जिधर भी सफाई कार्य चलाओ, वहां कूड़ा-कर्कट शेष नहीं रहना चाहिए।
करीब 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पूरा एरिया चकाचक हो उठा। जैसे ही अभियान अंतिम चरण में पहुंचा तो संगत के साथ आई बुजुर्ग माताएं अपनी पोटलियां खोलने लगी। दरअसल इन पोटलियों में खाने के लिए चना, दाल, चूरमा जैसी चीजें शामिल थी। यह माताएं अपने आस पास की सभी महिलाओं को थोड़ा-थोड़ा खाना अपने स्तर पर बांट रही थी। यह नजारा केवल हसनपुर का दरबारीपुर में ही नहीं, बल्कि शहर के हर उस कोने में था, जिसमेंं सफाई महा अभियान में शामिल होने आए सेवादार एकत्रित हुए थे। सेवादार समूह में बैठकर चाय-नाश्ते का लुुफ्त उठा रहे थे।
सफाई से पहले व बाद की तस्वीर।
वर्षों से बंद नाले को खोलने के लिए कीचड़ से भरे मैनहॉल में उतरे सेवादार
डेरा सच्चा सौदा जहां सफाई अभियान चलाता है, वहां गंदगी से अटे सीवरेज व नाले भी कलकल करते हुए बहने लगते हैं। ऐसा ही कुछ नजारा गुरुग्राम में भी देखने को मिला, जब वर्षों से बंद नाले को खोलने के लिए शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार एकाएक गंदगी से भरे 8 फुट गहरे मैनहॉल में उतर गए। वाक्या बड़ा दिल पसीजने वाला था, लेकिन सेवादारों के बुलंद हौंसले ने सबको चौंका दिया।
दरअसल, नागरिक अस्पताल (वार्ड न. 10) के मुख्य द्वार से होकर गुजरने वाला यह नाला लोगों के साथ-साथ अस्पताल प्रशासन के लिए मुसीबत बना हुआ था। कई बार शिकायत के बाद भी नगर निगम की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिस कारण नाला गंदगी से इस कदर अट गया कि उसे खोलना डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों के लिए एक चुनौती से कम नहीं था। लेकिन ब्लॉक रोड़ी, संगरूर, फिरोजपुर व गुरूहरसहाय के सेवादारों ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए कीचड़ से सटे मैनहॉल को खोलने का बीड़ा उठाया। सेवादार अभिषेक संगरूर, विजय लौंगोवाल, गुरलाल, जसप्रीत, बलविंद्र सिंह, मनप्रीत रोड़ी ने इस कार्य की शुरुआत की तो थोड़े समय में ही वहां सेवादारों का बड़ा इक्ट्ठ हो गया। हर कोई इस सेवा में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना चाहता था,
इसलिए मैनहॉल से निकाली जा रही गंदगी को बाल्टियों, भट्ठलों में भरकर वहां से दूर लेकर जाने लगे। खास बात यह भी थी कि इस सेवा में बहनों ने भी बड़ी शिद्दत से हिस्सा लिया।
15 मेंबर संदीप कुमार ने सच्ची शिक्षा टीम से बातचीत करते हुए बताया कि बेशक आमजन के लिए यह दुर्गंध भरा कार्य है, लेकिन डेरा सच्चा सौदा के लोग इसे सौभाग्य मानते हैं।
यहां करीब 50 से ज्यादा सेवादार लगे हुए हैं, किसी के भी चेहरे पर शिकन तक नहीं है, उलटा उत्साहपूर्ण इस कार्य को अंजाम देने में जुटे हुए हैं। करीब 4 घंटे की मशक्कत के बाद मैनहॉल से पानी की निकासी शुरू हो पाई, जिससे नागरिक अस्पताल की नालियों में जमा गंदा पानी भी पास होने लगा।
यह देखकर बहुत अच्छा लग रहा है कि समाज में ऐसे लोग भी हैं जो दूसरे के स्वास्थ्य के प्रति चिंतित रहते हैं।
डेरा सच्चा सौदा के सेवादार सुबह से ही सफाई कार्य में जुटे हुए हैं।
पूरे अस्पताल प्रांगण में सफाई की गई है, वहीं बंद नाले को जिस तरीके से खोला गया वह कमाल का कार्य है।
-डा. नीतू यादव, नागरिक अस्पताल गुरुग्राम।
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ना खून का रिश्ता, ना जान-पहचान, सच में ये खुदा के फरिश्ते हैं : वारिस खान
नागरिक अस्पताल के मुख्यद्वार पर जाम हुए सीवरेज के मैनहॉल को खोलने में जुटे शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों की सेवाभावना को देखकर अस्पताल के कर्मचारी वारिस खान की आंखें छलक आर्इं। उसने कहा कि इन लोगों से हमारा कोई परिवारिक नाता भी नहीं है, और कभी जान-पहचान भी नहीं हुई।
लेकिन ये लोग अपने खर्च पर सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करके यहां सिर्फ हमारे द्वारा फैलाई हुई गंदगी को साफ करने पहुंचे हैं। कमाल है इनकी सेवाभावना। यह लोग तो वास्तव में खुदा के फरिश्ते हैं। मैं कायल हूं इनकी काम करने की इच्छाशक्ति को देखकर। हालांकि मैं कभी डेरा सच्चा सौदा नहीं गया, लेकिन आज मुझे लगता है कि डेरा सच्चा सौदा के लोग जब इतने भले इन्सान हैं तो इनके गुरु जी अवश्य भगवान तुल्य होंगे। उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है, वे निर्दोष हैं।
दीद तेरी नूं अखियां उडीक दीयां…
गुरुग्राम। साउथ सिटी-2 स्थित नामचर्चा घर का दृश्य।
प्यारे सतगुरु के प्यार से सराबोर साध-संगत बिछौड़े के वैराग्य में डूबी थी कि फरवरी माह खुशियों का अहसास लेकर आया। गुरुग्राम में पूज्य गुरु जी का 21 दिनों का प्रवास बेशक तड़पती रूहों के लिए सुकूनभरा था, लेकिन मुर्शिद से जुदाई का दर्द अभी भी आहें भर रहा था। दर्शनों की प्यासी साध-संगत की नजरें गुरुग्राम से सिरसा आने वाले हर राह पर एकटक टिकी रही, उसे निहारती रहीं।
हर किसी की दीवानगी का एक ही आलम था कि प्यासी रूह को सतगुरु के दर्श दीदार हो सकें। अंखियों (आंखों) में छलकता गुरु प्रेम तब मुस्कुरा उठा जब गुरुग्राम सफाई अभियान के रूप में साध संगत को पूज्य गुरु जी की उस चौखट को सजदा करने का अवसर मिला जिसे गुरु के दीदार या सानिध्य में रहने के साथ रूहानी स्पर्श नसीब हुआ था। नामचर्चा घर को ‘सजदे’ में अंखियां नीर बन बह उठी। संगत की इस इबादत को सजदा करूं या उस गुरु की रहमत को सजदा करूं, जिसकी इबादत को संगत इस शिद्दत से संभाले हुए है। हर कोई उस चौखट को निहार रहा था तो कोई उसे अपने पल्लू से साफ कर रहा था। सबकी अपनी भावना थी, जिसे वो अपने ही तरीके से व्यक्त कर रहा था।
साध संगत के लिए गुरु दर्शन ही सबसे बड़ी इबादत है और उससे भी बड़ी इबादत थी गुरु वचनों की पालना। वर्षों की तड़प के बाद दिल से फूटे प्रेम के गुब्बार को रोक पाना शायद किसी के लिए भी संभव नहीं था। ऐसे सुहावने अवसर पर रूह अपने आप ही थिरक उठी थीं। वे बिन घुंघरू बांधे ही नाच रही थी। रूह को सरूर मिल रहा था, इक नया जोश संचारित हो रहा था। संगत हाथ जोड़े अरदास कर रही थी कि अब इस बिछौड़े को सहन करना मेरे बस में नहीं है। हे मेरे प्यारे सतगुरु, मेरी अंखियां आपकी उडीक में हैं, दर्शनों की प्यासी हैं।
बस अब आप जल्दी आ जाओ। आपको हमारे प्यार का वास्ता!
इह सिर है अमानत सतगुर दी,
दर दर ते झुकाया नहीं जांदा,
इह हथ वी है मंगता सतगुरु दा,
दर दर ते फैलाया नहीं जांदा।
महज संयोग नहीं, निश्चित होती है नियति!
संतों के हर कर्म में प्रकृति की भलाई-अच्छाई छुपी होती है। कई बार कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं, जिसे हम महज संयोग कहकर टाल देते हैं, लेकिन वास्तव में नियति को वही मंजूर होता है। एक बार पूज्य हजूर पिता संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने गुरुग्राम को मिनी सरसा की संज्ञा देकर नवाजा था।
तब शायद कोई नहीं जानता था कि ऐसा वक्त भी आएगा, जब गुरुग्राम ही डेरा सच्चा सौदा की चर्चा का केंद्र होगा। पूज्य गुरु जी का 7 फरवरी से 28 फरवरी तक 21 दिन यहां प्रवास करना अपने आप में कई तथ्यों को स्वत: चरितार्थ करता है। पूरी दुनिया की नजर गुरु द्रोणाचार्य की इस नगरी पर टिकी हुई थी। पूज्य हजूर पिता जी के आगमन की खुशी में संगत ने घी के दीप जलाए, कई अंदाज में खुशियां भी मनाई। यहां का सफाई अभियान भी पूज्य गुरु जी के प्रति अनूठी प्रेम सौगात का एक ही एक नमूना था।
गुरुग्राम के आम व खास लोग बोले… कमाल कर गए डेरा के सेवादार
डेरा सच्चा सौदा की तरफ से 6 मार्च 2022 को गुरुग्राम में चलाए गए सफाई महा अभियान की चर्चाएं कई दिन तक रही। लोग सफाई के प्रति जागरुक भी हुए। इधर-उधर कूड़ा-करकट फेंकने से परहेज करने लगे। डेरा के सेवादारों की सेवा भावना को लेकर गुरुग्राम के आम और खास लोगों ने यही कहा कि कमाल कर गए डेरा के सेवादार।
यहां सेक्टर-9 स्थित राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डा. सत्यमन्यु यादव ने कहा कि डेरा के सेवादार पूरी निष्ठा के साथ सफाई कर रहे थे। करीब दो घंटे तक सेवकों ने कॉलेज परिसर को चमका दिया। चाहे पेड़ों के नीचे गिरे पत्ते हों या कैंपस में फैले कागज आदि, उन्होंने सभी को उठाया। झाड़ू से पूरी सफाई की। कॉलेज के मैदान में घास बड़ी थी, उसे भी कस्सी व अन्य औजारों से काटकर मैदान को सुधारा। मतलब जहां भी उन्होंने गंदगी या कूड़ा देखा, उसे उठाकर कालेज परिसर की तस्वीर बदल दी। ऐसे जज्बे और भावना वाले सेवादारों से हमें भी सीख लेनी चाहिए। हमें भी अपना एक ध्येय बनाना चाहिए। संस्था ने तो अपना काम कर दिया है, उसे सही रखना हमारी जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने हर किसी से यही आह्वान किया है कि जहां-जहां हमारा जाना होता है, वहां की सफाई पर जरूर फोकस करें।
सेक्टर-10 स्थित नागरिक अस्पताल में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों द्वारा की गई सफाई पर अस्पताल में नर्सिंग आॅफिसर श्रीमती पूनम सहराय ने कहा कि संडे को अस्पताल में डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों ने बहुत अच्छी सफाई की। वे सुबह जब ड्यूटी पर पहुंची तो काफी सेवादार अस्पताल परिसर में मौजूद थे। जहां-जहां भी उन्हें गंदगी नजर आई, उन्होंने बारीकी से गंदगी, कूड़े को उठाया। अस्पताल कैंपस चमका दिया। उन्होंने कहा कि बिना किसी लोभ-लालच के सभी सेवादारों ने घंटों तक यहां सफाई की। अस्पताल के मुख्य गेट के बाहर दोनों तरफ बनी पार्क को भी अच्छे से साफ किया। सूखे पेड़, पत्तों को हटाकर पार्कों की बेहतर सफाई की। अस्पताल कैंपस में चारों तरफ डेरा के सेवादार नजर आ रहे थे।
एमजी रोड स्थित सेक्टर-14 राजकीय कन्या महाविद्यालय में भी डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों ने पूरे कैंपस की सफाई की। कॉलेज के प्रो. राजेश बेनीवाल ने कहा कि महाविद्यालय परिसर काफी बड़ा है। यहां कई पार्क हैं। काफी सेवादारों ने यहां सफाई की। डेरा के सेवादारों में सेवा की सच्ची भावना दिखी। वे काम को किसी पर टाल नहीं रहे थे, बल्कि एक-दूसरे से आगे बढ़कर खुद काम कर रहे थे। बिना किसी शुल्क के वे जिम्मेदारी से काम कर रहे थे, यह उनकी खूबी रही। ऐसी शिक्षा हमें सभी को भी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता हमारा सबसे पहला ध्येय होना चाहिए। सफाई के लिए सिर्फ कर्मचारियों पर निर्भर ना रहकर हमें इसके लिए खुद भी आगे आना चाहिए।
सेक्टर-3, 5 व 6 आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष दिनेश वशिष्ठ सफाई महा अभियान के दौरान सेवादारों के बीच ही रहे। अपने अनुभव सांझा करते हुए उन्होंने कहा कि डेरा सच्चा सौदा के सभी सेवादार बहुत ही अच्छा काम करके गए हैं। उन्होंने नेक नीयत व निष्ठा के साथ यहां सड़कों, पार्कों की सफाई की। ग्रीन बेल्ट की बेहतरीन सफाई हो गई है। उन्होंने डेरा सच्चा सौदा की इस मुहिम का स्वागत किया है और गुरुग्राम की सफाई के लिए धन्यवाद भी किया। दिनेश वशिष्ठ ने यह भी कहा सफाई कर्मियों को निर्देश दिए जाएं कि वे हर जगह से जो भी थोड़ा कूड़ा या गंदगी रोजाना निकलती है, उसे साथ-साथ उठा लें।
सदर बाजार में डेरा के सेवादारों की श्रद्धा भावना और सफाई करते हुए देखने वाले पहचान ग्राफिक्स संस्थान के संचालक अशोक दलाल ने कहा कि डेरा के सेवादारों ने कमाल कर दिया। सेवादार फौज की तरह क्षेत्र में फैल गए और जहां गदंगी नजर आई, वहीं से उठाकर पूरी तरह से सफाई कर दी। इस सफाई को हमें बरकरार रखना होगा, ताकि हम सबका इस अभियान में योगदान हो सके।
वर्किंग वूमेन हॉस्टल की वार्डन कविता सरकार ने कहा कि गुरुग्राम में हर जगह डेरा सच्चा सौदा के सेवादार ही नजर आ रहे थे। सड़क पर कौन जा रहा है, क्या हो रहा है, उन्हें कोई मतलब नहीं था। वे सफाई के काम में पूरी ईमानदारी से जुटे थे। सभी ऐसे स्वच्छता सैनिकों से सीख लें।
एडवोकेट अर्चना चौहान ने कहा कि गुरुग्राम को चमकाने के लिए डेरा सच्चा सौदा का थैंक्स। यह चमक हमें बनाकर रखनी है। स्वच्छता के लिए सभी नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझें। हमें शपथ लेनी चाहिए कि हम सार्वजनिक स्थलों पर कोई भी चीज नहीं फेंकेंगे। उन्हें डस्टबिन में ही डालेंगे। तभी इस स्वच्छता का उद्देश्य बरकरार रहेगा।