शाकाहार के दम पर वेटलिफ्टिंग में 19 वर्षीय आशीष इन्सां का उम्दा प्रदर्शन
अब लोगों को अपनी यह धारणा बदलनी होगी कि शाकाहार के बलबूते बड़े मैदान फतेह नहीं किए जा सकते। हरियाणा के युवा खिलाड़ी ने इस मिथ्या सोच को तोड़ते हुए नई मिसाल कायम की है। प्योर वैजिटेरियन आशीष इन्सां ने भारोत्तोलन प्रतिस्पर्धा में ओडिशा में हुई नेशनल खेल में धुरंधरों को मात देते हुए स्वर्ण पदक जीतकर यह साबित कर दिखाया है कि भारत की पुरातन परम्परा में अपनाई गई शाकाहारी पद्धति आज भी बहुत असरदार एवं गुणकारी है।
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हालांकि उसके कोच ने उसे बड़ी अचीवमेंट के लिए नॉनवेज खाने की कई बार सलाह दी, लेकिन आशीष ने अपने गुरु आदर्शों को हमेशा सर्वोपरि माना और शाकाहारी पौष्टिक आहार के दम पर यह मुकाम हासिल किया। पिछले दिनों खिलाड़ी आशीष इन्सां ने उत्तरप्रदेश के बरनावा स्थित डेरा सच्चा सौदा दरबार में पहुंचकर अपने आराध्य पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां से पावन आशीर्वाद ग्रहण किया। पूज्य गुरु जी ने खुशहाल जीवन की आशीष देते हुए 19 वर्षीय आशीष को ओडिशा में वेट लिफ्टिंग के बने रिकार्ड को तोड़ने के लिए प्रेरित किया और शाकाहार प्रवृति को अपनाने पर भरपूर प्रशंसा भी की।
हरियाणा के सांपला (रोहतक) गांव से जुड़ाव रखने वाले 12वीं कक्षा के विद्यार्थी आशीष इन्सां का बचपन से ही खेलों के प्रति रूझान रहा है। उसके पिता जगबीर सिंह इन्सां एक मैकेनिक के तौर पर कार्य करते हैं, इसी कार्य से परिवार का पालन-पोषण होता है। आशीष की माता कश्मीरी इन्सां एक गृहणी के तौर पर परिवार को संभालती हैं। बकौल जगबीर सिंह, उनके बेटे ने जिला स्तर पर कई भारोत्तोलक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और स्वर्ण पदक जीते। अप्रैल 2022 में ओडिशा में आयोजित नैशनल गेम के जूनियर वर्ग में 289 किलोग्राम वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता है।
वहीं पंचकूला (जून 2022) में खेलो इंडिया यूथ गेम्स में दमदार प्रदर्शन करते हुए 102 किलोभार वर्ग में 301 किलो वजन उठाकर स्वर्ण जीता। इसमें 131 किलो वजन उठाकर स्नैच किया, वहीं 170 किलो वजन उठाकर क्लीन व जर्क किया। इससे पहले आशीष स्टेट लेवल पर करनाल में हुई प्रतियोगिता में 290 किलोग्राम व जिलास्तरीय प्रतियोगिता में 280 किलोग्राम वेट लिफ्टिंग करके अपने शौर्य का प्रदर्शन कर चुका है। आशीष इन्सां का सपना है कि वह अपने देश का नाम रोशन करे। आगामी ओलम्पिक में अपने वतन के लिए गोल्ड जीते।
पूज्य गुरु जी को दिया उपलब्धि का श्रेय
इस बुलंदी तक पहुंचने का श्रेय अपने आराध्य पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को देते हुए आशीष इन्सां ने कहा कि पूज्य गुरु जी की प्रेरणा की बदौलत ही यह सब कुछ संभव हो पाया है।