हर व्यक्ति आदतों का गुलाम होता है, कुछ बुरी आदतों का और कुछ अच्छी आदतों का। अच्छी आदतें अपने आस पास वालों को भाती हैं और बुरी आदतों से परिवारजन नाराज हो जाते हैं। जैसे अच्छी आदतें स्वयं को और दूसरों को सुकून देती हैं, वैसे ही बुरी आदतों से कभी-कभी स्वयं भी इंसान दु:खी हो जाता है पर उनको छोड़ना कठिन लगता है।
इंसान में आदतें जन्म से नहीं होती। आस-पास के वातावरण और कुछ परिस्थितियों के रहते ही आदतें जन्म लेती हैं। इनमें से कुछ आदतें घर परिवार को अस्त व्यस्त तक भी कर देती हैं और समय भी नष्ट करती हैं। कुछ आदतें लगभग हर पति में पाई जाती हैं और ये आदतें गृहिणी के लिए शारीरिक और मानसिक तनाव का कारण भी बन सकती हैं। यदि पुरुष इन आदतों को बदल लें तो आप देखेंगे कि घर परिवार कितना सुखी से चलता है।
पंखा, कूलर, ए.सी., लाइटें सभी चालू कर टी.वी. देखते समय यदि पतिदेव को कुछ दूसरा काम याद आ जाए तो सब कुछ वैसा ही छोड़ कर चल देते हैं। ये आदत पत्नी को कितना परेशान कर देती है, पतिदेव शायद इसका अहसास नहीं कर सकते। पानी, चाय या दूध कांच के गिलास या कप में पीने के बाद अधिकतर पति उन्हें मेज, कुर्सी, सोफे, पलंग के नीचे खिसकाकर छोड़ देते हैं। ऐसे में पत्नियां कब तक पतियों के कप इकट्ठे करती रहेंगी। यदि बर्तन टूट जाएंगे तो गुस्सा बेचारे बच्चों पर ही उतरता है। पतियों को चाहिए कि थोड़ा ध्यान दें ताकि नुकसान से बचा जा सके।
अधिकतर पुरुष अपने परिवार वालों या मित्रों के सामने पत्नी को नीचा दिखाने में अपनी शेखी समझते हैं। ऐसे में पत्नी के लिए तनाव बढ़ना स्वाभाविक बात है। अपनी इस आदत को बदल कर पत्नी के तनाव को कम किया जा सकता है। अधिकतर पुरुष अपनी थाली में खाना अपनी भूख से अधिक डाल लेते हैं और जूठा खाना बचा देते हैं। इस आदत से पास बैठे बच्चे भी वही सीखते हैं। अपनी इस आदत को बदल कर देखिए। खाना व्यर्थ भी नहीं जाएगा और बच्चों पर भी ठीक प्रभाव पड़ेगा। अखबार पढ़ना प्राय: हर पुरुष को अच्छा लगता है पर पढ़कर उसे व्यवस्थित रूप से रखना अधिकतर पुरुषों को अच्छा नहीं लगता। वे पढ़ते हैं और छोड़ कर तैयार हो जाते हैं आफिस जाने के लिए या अपने काम के लिए। चाहे अखबार पैरों में आए, छोटे बच्चों के मुंह में या बच्चे उसे फाड़ दें, वे परवाह नहीं करते।
इस आदत को बदल कर देखें। स्वयं को भी अच्छा लगेगा और पत्नी को भी।
पुरूष प्राय:
नहा कर गीला टॉवल पलंग पर छोड़ देते हैं। इस आदत को बदलने में थोड़ा समय अवश्य लगेगा, पर यदि आप नहा कर टॉवल बाहर सूखने हेतु डाल दें तो कितना सुकून मिलेगा गृहिणी को और बिस्तर भी सूखा रहेगा। बहुत से पति बिना पूर्व सूचना के अपने मित्रों या बिजनेस क्लाइंटस को लंच या डिनर टाइम पर साथ ले आते हैं। जरा उस गृहिणी के बारे में सोचें जिसे हड़बड़ी में खाने की तैयारी करनी पड़ेगी। उसे कितना मानसिक तनाव होगा। आफिस से आकर टाई, जूते, मोजे, यथास्थान पर रखकर देखें। सुबह ढूंढने में कोई परेशानी नहीं होगी।
इससे सुबह मूड भी अच्छा होगा और पत्नी को आराम भी मिलेगा। अधिकतर पुरूष गृहणियों की भावनाओं को नहीं समझते, यह पुरुषों की आम आदत है। गृहणियों की भावनाओं को समझने का प्रयास कर गृहिणी के मन में आत्म-विश्वास जगा कर देखें। गृहिणी इस छोटी-सी बात से स्फूर्ति से भर उठेगी। मूंगफली के छिलके इधर-उधर फेंकना, धूप, अगरबत्ती जलाकर दिया सिलाई की सांखों को फेंकना पुरुषों की आम आदत है परन्तु इन्हें साफ करने में गृहिणी का काफी समय खर्च होता है। उन्हें यथास्थान पर फेंक आप गृहिणी के इस समय को बचा सकते हैं।
– नीतू गुप्ता
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