Dera Sacha Sauda gives message of unity - Editorial

एकता का संदेश देता है डेरा सच्चा सौदा -सम्पादकीय
देश-दुनिया में डेरा सच्चा सौदा प्रभु-भक्ति व मानव सेवा में अपने आप में एक मिसाल है। परम पिता परमात्मा की निरोल भक्ति इस दरबार की नींव है।

अपनी स्थापना से लेकर आज तक जगत के कल्याण हेतु दिन-रात प्रयासरत है डेरा सच्चा सौदा। पूरी दुनिया में करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र है जो किसी पहचान का मोहताज नहीं है। इस दरबार से जुड़कर करोड़ों परिवार आज खुशहाली में जीअ रहे हैं। उनके दोनों जहां संवर गए हैं। इस पाक-पवित्र दरबार से जुड़कर अपने-आप पर गर्व महसूस करते हैं। क्योंकि जिंदगी जीने का जो हुनर उनको डेरा सच्चा सौदा से मिला है, वो अनमोल है। यहां की पावन-शिक्षा से लोगों के जिंदगी जीने के मायने ही बदल गए। क्योंकि प्रभु-भक्ति व मानव सेवा का संकल्प धारण कर वो धन्य हो गए हैं। उनकी रूह को नई चेतना मिली है।

समाज में व्याप्त नशे, व्यसन, पाखण्डवाद व तमाम-कुरीतियों से वो छुटकारा पा गए हैं। सामाजिक बुराइयों से आजाद होकर उनकी रूह निर्मल हो गई है। उनको सच झूठ की समझ आ गई है। ईश्वर भक्ति का सच्चा संदेश मिला है जो समाज सेवा की निस्वार्थ भाव से की गई सेवा भक्ति मार्ग की उच्च श्रेणी है। डेरा सच्चा सौदा का प्रत्येक अनुयायी ऐसी सेवा भावना की अनोखी मिसाल है जो समाज के लिए एक सुखद अहसास है।

क्योंकि डेरा सच्चा सौदा का पावन संदेश ही यह है कि मनुष्य को मनुष्य से जोड़ो और परम पिता परमात्मा की बंदगी से जोड़ो। सब का सत्कार करो। मेहनत की करके खाओ। किसी का दिल ना दुखाओ। जितना हो सके दुखीजन का दु:ख दूर करो। पूरी दुनिया के लिए यही पैगाम है और करोड़ों अनुयायी अपने ईश्वर स्वरूप पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के इस पावन पैगाम पर अमल करते हुए समाज को संवारने में जुटे हुए हैं। यहां तक कि किसी की जान बचाने के लिए अपनी जान भी दांव पर लगा देते हैं। ऐसे असंख्य उदाहरण मौजूद हैं। दुनिया जानती है कि ऐसी सेवा भावना जो यहां के अनुयायियों में देखी जाती है, दुर्लभ है। ये सेवा भावना जात-पात, धर्म-मजहब इत्यादि से उठकर है। ऐसी कोई दीवार इस सेवा भावना के लिए रुकावट नहीं बन सकती क्योंकि यहां छोटे-बड़े, धर्म-मजहब हर किसी के प्रति अदब-सत्कार की भावना है। हर कोई इस भावना को संजोए हुए है।

मगर फिर भी अगर कोई इस दरबार या अनुयायियों पर किसी प्रकार का दोष लगाता है तो यह संकीर्ण मानसिकता ही कही जाएगी। अगर कहीं कोई ऐसी घटना होती है जहां समाज में नफरत या वैर-विरोध खड़ा हो और इसे डेरा सच्चा सौदा के साथ जोड़ दिया जाए, तो इसे किसी साजिश का हिस्सा ही कहा जा सकता है। यह आपसी भाईचारे को तोड़कर समाज में अशांति फैलाने का कोई मकसद हो सकता है। जानबूझ कर ऐसा करके डेरा सच्चा सौदा को बदनाम करने की चाल है। इन्सानियत की सेवा में डटे अनुयायियों के हौंसलों को परास्त करने का षडयंत्र हो सकता है।

क्योंकि डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा अनुयायी कभी भी ऐसी घटना में शमिल नहीं हो सकता जिससे भाईचारे में कोई बिखराव पैदा हो। यहां से जुड़े प्रेमी जन सबके भले के लिए तत्पर रहते हैं। उनको जहां कोई दुखिया या जरूरतमंद नजर आए वहीं पहुंच जाते हैं। वो तो हर किसी के प्रति हमदर्दी की भावना रखते हैं और अपने इसी मिशन पर चलते हैं कि ‘हे सतगुर, जितना हो सके मैं सबका भला करूं, तेरा नाम जपूं’ और यही उनको सिखाया जाता है।
-सम्पादक

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