कुषि आधारित भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए किसान का समृद्ध होना नितांत आवश्यक है। इसी उद्देश्यार्थ केंद्र सरकार ने किसान हित में बड़ा कदम उठाते हुए किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (कुसुम) Kusum Scheme योजना लागू की है। इस योजना का लाभ देशभर के किसानों को मिलेगा, जो फसल सिंचाई के लिए बिजली संकट से जूझ रहे हैं।
वैसे इस योजना के तहत उन क्षेत्रों को विशेष तौर पर फोक्स किया जाएगा जहां बिजली की बड़ी किल्लत है, इन क्षेत्रों में बिजली की कमी से किसान की छह महीने की कड़ी मेहनत से तैयार की गई फसल खराब होने का अंदेशा बना रहता है। ऐसे किसानों के लिए कुसुम योजना वरदान साबित हो सकती है, क्योंकि इन किसानों को बिजली के बिलों से हमेशा के लिए निजात मिल जाएगी।
Kusum Scheme कुसुुम योजना के तहत देशभर में सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाले सभी डीजल/बिजली के पंप को सोलर ऊर्जा से चलाने की योजना है। केंद्र सरकार की कुसुम योजना किसानों को दो तरह से फायदा पहुंचाएगी। एक तो उन्हें सिंचाई के लिए फ्री बिजली मिलेगी और दूसरा अगर वह अतिरिक्त बिजली बना कर ग्रिड को भेजते हैं तो उसके बदले उन्हें कमाई भी होगी। अगर किसी किसान के पास बंजर भूमि है तो वह उसका इस्तेमाल सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए कर सकता है। इससे उन्हें बंजर जमीन से भी आमदनी होने लगेगी। इस योजना के तहत साल 2022 तक देश में तीन करोड़ सिंचाई पंप को बिजली या डीजल की जगह सौर ऊर्जा से चलाने की कोशिश की जा रही है।
सरकार द्वारा निर्धारित बजट के हिसाब से कुसुम योजना पर कुल 1.40 लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी। कुसुम योजना पर आने वाले कुल खर्च में से केंद्र सरकार 48 हजार करोड़ रुपये का योगदान करेगी, जबकि इतनी ही राशि राज्य सरकार देगी। किसानों को कुसुम योजना के तहत सोलर पंप की कुल लागत का सिर्फ 10 फीसदी खर्च ही उठाना होगा। कुसुम योजना के लिए करीब 45 हजार करोड़ रुपये का इंतजाम बैंक लोन के माध्यम से किया जाएगा।
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Kusum Scheme क्या है कुसुम योजना का उद्देश्य?
भारत में किसानों को सिंचाई में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है और अधिक या कम बारिश की वजह से किसानों की फसलें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। केंद्र सरकार की कुसुम योजना के जरिये किसान अपनी जमीन में सौर ऊर्जा उपकरण और पंप लगाकर अपने खेतों की सिंचाई कर सकते हैं। कुसुम योजना की मदद से किसान अपनी भूमि पर सोलर पैनल लगाकर इससे बनने वाली बिजली का उपयोग खेती के लिए कर सकते हैं। किसान की जमीन पर बनने वाली बिजली से देश के गांव में बिजली की निर्बाध आपूर्ति शुरू की जा सकती है।
कुसुम के पहले चरण में डीजल पंप बदले जाएंगे
Kusum Scheme कुसुम योजना के पहले चरण में किसानों के सिर्फ उन सिंचाई पंप को शामिल किया जाएगा जो अभी डीजल से चल रहे हैं। सरकार के एक अनुमान के मुताबिक इस तरह के 17.5 लाख सिंचाई पंप को सौर ऊर्जा से चलाने की व्यवस्था की जाएगी। इससे डीजल की खपत और कच्चे तेल के आयात पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।
क्या है कुसुम योजना का लक्ष्य?
कुसुम योजना के तहत केंद्र सरकार पहले चरण में देशभर में 27.5 लाख सोलर पंप सेट मुफ्त दे रही है। कुसुम योजना इस साल जुलाई से शुरू हो चुकी है।
Kusum Scheme क्या हैं विकल्प?
जिन इलाके में बिजली ग्रिड नहीं है वहां कुसुम योजना के तहत किसानों को 17.5 लाख सौर पंप सेट दिए जाएंगे। इसके अलावा जिन जगहों पर बिजली ग्रिड है, वहां किसानों को 10 लाख पंप सेट दिए जाएंगे।
बिजली की बड़ी बचत
सरकार का मानना है कि अगर देश के सभी सिंचाई पंप में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल होने लगे तो न सिर्फ बिजली की बचत होगी बल्कि 28 हजार मेगावाट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन भी संभव होगा।
कुसुम योजना के अगले चरण में सरकार किसानों को उनके खेतों के ऊपर या खेतों की मेड़ पर सोलर पैनल लगा कर सौर ऊर्जा बनाने की छूट देगी। इस योजना के तहत 10,000 मेगावाट के सोलर इनर्जी प्लांट किसानों की बंजर भूमि पर लगाये जायेंगे।
Kusum Scheme कुसुम योजना का लाभ
- सौर ऊर्जा उपकरण स्थापित करने के लिए किसानों को केवल 10% राशि का भुगतान करना होगा।
- केंद्र सरकार किसानों को बैंक खाते में सब्सिडी की रकम देगी। इससे किसानों को किसी भी मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ेगा।
- सौर ऊर्जा के लिए प्लांट बंजर भूमि पर लगाये जायेंगे।
- कुसुम योजना में बैंक किसानों को लोन के रूप में 30% रकम देंगे।
- सरकार किसानों को सब्सिडी के रूप में सोलर पंप की कुल लागत का 60% रकम देगी।
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