Dera Sacha Sauda as Corona Warriors

Dera Sacha Sauda as Corona Warriorsकोरोना वारियर्स की भूमिका में डेरा सच्चा सौदा Dera Sacha Sauda as Corona Warriors
खुद को जोखिम में डाल डेरा अनुयायी बने रियल वारियर्स

‘‘बेटा! तुम धन्य हो, जो इस विपदा की घड़ी में खुद की जान को जोखिम में डालकर मेरे जैसी लाचार, गरीब की मदद करने को यहां पहुंचे हो, तुम्हारे हाथों से मिला यह अनाज मेरी ही नहीं मेरे पूरे परिवार की कई दिनों की भूख को शांत कर देगा। तुम जुग-जुग जीओ बेटा। बहुत बुरा दौर है! हाथ को हाथ खाए जा रहा है,

ऐसे में भी तुम दूसरों की सेवा करने में लगे हुए हो। धन्य हैं आपके माँ-बाप और धन्य-धन्य कहने के काबिल हैं आपके गुरू जी, जिन्होंने आपको इन्सानियत की ऐसी शिक्षा दी है।’’

यह शब्द अधेड़ वृद्धा की जुबान से बरबस ही निकलते जा रहे थे, शायद कई दिनों भूख मिटने की आशा से वह हतोत्साहित हो उठी थी। देश के निर्माता के रूप में खुद की पहचान बनाने वाले वर्ग से जुड़ा यह परिवार कोरोना महामारी के चलते सड़क पर आने को मजबूर हो गया। लेकिन इस विकट घड़ी में डेरा सच्चा सौदा ने ऐसे लोगों की ओर मदद का हाथ बढ़ाया।

मानव सेवा के लिए गठित शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार इस महामारी में भी जान का जोखिम उठाकर लोगों की सहायता करने को आगे आए। हालांकि इस भयावह दौर में अनेक सामाजिक संस्थाएं बेबस लोगों के लिए सहारा बनीं, लेकिन डेरा सच्चा सौदा के सेवादार व श्रद्धालुओं ने जिस तनमन्यता, लगन और समर्पण भाव से लोगों की सहायता की, वह अपने आप में बेमिसाल कही जा सकती है।

चाहे गलियों-मोहल्लों को सैनेटाइज करना हो, मास्क का वितरण हो, चाहे स्वच्छता की बात हो, खून की कमी से जूझ रहे थैलेसीमिया पीड़ितों के लिए रक्तदान करना हो या फिर लॉकडाउन के कारण दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज लोगों तक खाना पहुंचाना हो, हर विषयवार डेरा श्रद्धालुओं ने अपने कर्त्तव्य को ड्यूटी से भी बढ़कर माना और इस महासेवा के दौर में हमेशा लोगों के बीच में खड़े नजर आ रहे हैं।

पूरे भारत वर्ष में डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत ने सच्ची सेवा का जो नमूना पेश किया, उसको देखकर हर कोई हैरान था। पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के साथ-साथ अन्य प्रदेशों में डेरा प्रेमियों ने कोरोना से जंग के जोखिम में खुद को झोंक कर यह दर्शा दिया कि वे इन्सानियत की राह में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखने वाले हैं, इस राह में चाहे उन्हें कितने भी जोखिम, परेशानी उठानी पड़े।

मानवता को समर्पित जीवन का हर पल

पूरी दुनिया में फैले कोरोना वायरस के बीच डेरा सच्चा सौदा के सेवादार जिस तरह से जरूरतमंदों, दीन-दुखियों की सेवा में लगे हैं, हर कोई उनका मुरीद हो रहा है। अपने खर्च पर राशन का प्रबंध करके स्वयं के वाहनों के द्वारा उसे जरूरतमंदों तक पहुंचाते हैं। जहां कहीं से भी पुख्ता सूचना मिलती है, सेवादार उधर ही दौड़ पड़ते हैं। ऐसा ही एक नूमना गुरूग्राम के सेवादारों ने पेश किया, जब उन्हें पता चला कि कई परिवारों के पास खाने का कोई साधन नहीं है

तो उन्होंने पूज्य गुरू जी की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए यहां 9 जरूरतमंद परिवारों को राशन वितरित किया। इसमें राजेंद्रा पार्क, चौमा फाटक के निकट, अशोक विहार फेज-3 में रहने वाले परिवारों ने सेवादारों को दुआएं दी। जरूरतमंद परिवारों में एक महिला गर्भवती भी थी। उसके पास जरूरत की दवाइयां नहीं थी, जिनका इंतजाम सेवादारों की ओर से किया गया। साथ ही उसके लिए एक माह तक दूध का भी प्रबंध करके मानवता का फर्ज निभाया।

धन्य हैं गुरु जी, जो ऐसी अलख जगाई: शिवा चौधरी

ब्लॉक टिब्बी (राजस्थान) के सलेमगढ़ मसानी में साध-संगत द्वारा कोरोना के प्रकोप को देखते हुए जरूरतमंद परिवार को राशन वितरित किया गया। इस नेक कार्य के लिए प्रशासनिक अधिकारी श्रीमति शिवा चौधरी, सीआई दिनेश कुमार ने साध-संगत का धन्यवाद करते हुए कहा कि धन्य हैं गुरु जी, जिन्होंने इन्सानियत ऐसा अनूठा पाठ पढ़ाया और करोड़ों लोगों में सेवा की अलख जगाई।

इस सेवाकार्य में जगदेव सिंह, गुमनाम राम, नायब सिंह, भरत, इन्द्रजीत, बलवन्त सिंह, डॉ गुरमुख सिंह, सुरजीत सिंह, जसवीर सिंह, हैप्पी इन्सां आदि का विशेष योगदान रहा। वहीं ब्लॉक रायसिंहनगर के सेवादारों में भी ऐसा ही सेवा का जज्बा देखने को मिल रहा है। सेवादार पूरे कस्बे में घर-घर जाकर जरूरतमंद परिवारों को जरूरत का सामान उपलब्ध करा रहे हैं।

32 परिवारों को बांटा राशन

चंडीगढ़ की साध-संगत ने स्थानीय क्षेत्रों में घर-घर जाकर 32 जरूरतमंद परिवारों को राशन वितरित किया। वहीं स्थानीय सेवादारों द्वारा आस-पास के सभी क्षेत्रों में ऐसे लोगों से संपर्क किया जा रहा है, जो इस लॉकडाउन की स्थिति में आर्थिक तंगी की वजह से राशन इत्यादि के लिए भी मोहताज हो गए हैं, ऐसे परिवारों को डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत महीने-भर का राशन पहुंचा रही है। स्थानीय जिम्मेवारों ने बताया कि जरूरतमंद लोगों तक राशन पहुंचाया जा रहा है। साध-संगत आम लोगों की सहायता के लिए हरदम तैयार है।

कोरोना में थैलेसीमिया पीड़ितों के बने रक्षा कवच

देशभर के ब्लड बैंकों की मांग पर 7980 यूनिट रक्तदान
इन्सानियत को समर्पित डेरा सच्चा सौदा ने हमेशा ही दीन-दुखियों की मदद के लिए तत्परता दिखाई है। कोरोना महामारी के दौरान भी डेरा सच्चा सौदा ने अपने इन्सानियत के मिशन को थमने नहीं दिया। महामारी के बीच थैलेसीमिया बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी एक फरिश्ता बनकर सामने आए। ऐसी विकट घड़ी में जब आमजन ने खुद को सुरक्षित रखने के लिए घरों में कैद किया हुआ था,

जिससे थैलेसीमिया ग्रस्त बच्चों की समस्या और भी बढ़ गई, क्योंकि उन्हें हर महीने नए रक्त की आवश्यकता रहती है। लॉक डाउन के चलते ब्लॅड बैंकों में रक्त की कमी उनके लिए मौत के मुहाने पर खड़े होने जैसी थी। लेकिन डेरा प्रेमियों ने इन पीड़ित बच्चों के लिए दर्द को महसूस किया। डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों ने वर्ल्ड थैलेसीमिया-डे पर 7980 यूनिट रक्तदान करके थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के चेहरे पर ‘एक मुस्कान’ लौटाई।

डेरा प्रेमियों के इस कदम की चहुं ओर भरपूर प्रशंसा हुई। बुद्धिजीवी लोगों ने माना कि वास्तव में ही डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों का कोई सानी नहीं है, जो अपने आराध्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए थैलेसीमिया से पीड़ित छोटे बच्चों के लिए रक्तदान करने घरों से निकल ब्लॅड बैंक पहुंचे हैं।

रक्तदान की गर बात करें तो देशभर में डेरा श्रद्धालुओं ने इस पुण्य कार्य में भागीदारी सुनिश्चित की। खास बात यह भी रही कि देश में सर्वाधिक रक्तदान पंजाब राज्य के सेवादारों ने किया, जहां पर 2619 यूनिट और हरियाणा में 2402 यूनिट रक्तदान किया गया। इसके अलावा दिल्ली में 1479, राजस्थान में 670, उत्तर प्रदेश में 590, चंडीगढ़ में 80, उत्तराखण्ड में 140 यूनिट रक्तदान किया गया। गौरतलब है कि रक्तदान के क्षेत्र में डेरा सच्चा सौदा के नाम 5 विश्व रिकार्ड दर्ज है, जिनमें से 3 गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकार्ड, 1 लिम्का बुक रिकॉर्ड और 1 एशिया बुक रिकार्ड में दर्ज हैं।

डेरा सच्चा सौदा अब तक 154 से ज्यादा रक्तदान शिविर लगाकर 5 लाख 32 हजार 321 यूनिट रक्तदान कर चुका है।
बता दें कि देश में चल रही कोरोना की महामारी के दौरान बड़ी संख्या में ब्लड बैंक रक्त की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में थैलेसीमिया जैसी बीमारी से निपटना भी मुश्किल हो रहा है। इस मुश्किल दौर में डेरा सच्चा सौदा ने मदद का हाथ बढ़ाते हुए देशभर के सभी राज्यों में रक्त की कमी को दूर करने का बीड़ा उठाया। थैलेसीमिया बीमारी से जूझ रहे छोटे बच्चों के लिए बड़े स्तर पर खूनदान की इस मुहिम को ‘एक मुस्कान’ नाम दिया गया।

डेरा सच्चा सौदा पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के नेतृत्व में पिछले कई दशकों से रक्तदान करता आ रहा है और रक्तदान करने में डेरा सच्चा सौदा के नाम कई बड़े विश्व रिकार्ड भी दर्ज हैं। कोरोना महामारी के चलते देश के कई बड़े ब्लड बैंक रक्त की कमी से जूझ रहे हैं, जिसे दूर करने के लिए ब्लड बैंकों की ओर से डेरा सच्चा सौदा को रक्तदान के लिए लिखित मांग पत्र भेजे गए थे। ब्लड बैंकों की ओर से आए मांग पत्रों को देखते हुए मानवीय कार्यों में अग्रणी डेरा सच्चा सौदा ने देशभर में बड़े स्तर पर रक्तदान किया है।

डेरा श्रद्धालु योद्धा से कम नहीं

डेरा सच्चा सौदा के लोग, जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान भी घरों से बाहर आकर रक्तदान किया है, वे किसी योद्धा से कम नहीं है, क्योंकि आज रक्त की कमी है और ऐसे समय पर डेरा अनुयायियों का रक्तदान करना बेहद सराहनीय कार्य है। उसके लिए मैं तहेदिल से उनका धन्यवाद करती हूँ।
-सुषमा गुप्ता, वाइस चेयरपर्सन रेडक्रॉस सोसाइटी हरियाणा।
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थैलेसीमिया पीड़ित और कैंसर पीड़ितों के लिए पूरे जिले सहित प्रदेश में भी खून की कमी है, जिसके चलते डेरा सच्चा सौदा के लोगों ने उनके आग्रह पर यह रक्तदान शिविर लगाया है और अब जो बीमार लोग हैं, जिनको खून की जरूरत है, उन्हें दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा और अब उनके लिए यही ब्लड की व्यवस्था हो जाएगी। डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं द्वारा किया गया कार्य अत्यंत सराहनीय है।
-विकास कुमार, सचिव रेडक्रॉस सोसायटी।
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डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं ने रक्तदान करके बहुत ही नेक कार्य किया है, जिसके लिए बधाई के पात्र हैं।
-दरसितम गोयल, सदस्य चैरिटेबल ट्रस्ट।

झज्जर में 53 यूनिट रक्तदान

ब्लॉक भंगीदास लालू इन्सां ने बताया कि रक्तदान के लिए 100 डेरा अनुयायी पहुंचे थे। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने 53 डेरा प्रेमियों को ही रक्तदान की मंजूरी दी। रक्तदान करने वाले युवाओं ने बताया कि उन्हें मानवता भलाई की प्रेरणा पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां से मिली है। देश में जब भी कोई संकट आया है, डेरा प्रेमी बिना समय गंवाए मानवता कार्य के लिए तैयार रहते हैं। इस मौके पर 25 मैम्बर दारा इन्सां, शहर भंगीदास कुणाल इन्सां, शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सदस्य सुरेन्द्र रोहिला, सोनू गुप्ता, सचिन इन्सां, बिजेन्द्र इन्सां, विक्रम इन्सां, सोमवती इन्सां, बबीता इन्सां, आशा इन्सां, अनिता इन्सां सहित अन्य भी मौजूद रहे।

थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं के द्वारा देशभर में जैसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ ओर उत्तराखंड सहित कई अन्य राज्यों में रक्तदान किया गया है। कोरोना महामारी में रक्तदान के दौरान रक्तदानियों द्वारा सुरक्षा मानकों का पूर्ण पालन किया गया। जिन भी राज्यों व जिलों के ब्लड बैंक में डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं ने रक्तदान किया है, वहां रक्तदानी मास्क पहनने के साथ-साथ सेनेटाइजर भी लेकर आए और एक निश्चित दूरी पर रहते हुए रक्तदान किया।
– प्रबंध समिति, डेरा सच्चा सौदा।

रक्तदान कार्यक्रम में डेरा प्रेमियों का फूलों से स्वागत

जींद जिला रैडकॉस सोसाईटी द्वारा विश्व रैडक्रॉस दिवस पर रक्तदान कार्यक्रम में डेरा प्रेमियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लेते हुये रक्तदान 32 यूनिट रक्तदान किया। रेडक्रास सोसायटी के अध्यक्ष एवं उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया तथा रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव राजकपुर सूरा ने रक्तदान करने वालों का फूलों से स्वागत किया और उनके सम्मान में तालियां बजाई गई। लॉकडाउन में रेडक्रॉस सोसाईटी द्वारा नोडल अधिकारी एवं तहसीलदार डॉ. मनोज अहलावत के नेतृत्व में इन्हीं स्वयं सेवकों की सहायता से जिला में 8570 सूखे राशन के पैकेट तथा 64050 फुड पैकेट गरीब व जरूरतमंद लोगों में बांटे गये।

रक्तदान के जज्बे को पटियाला के राजेंद्र अस्पताल ने किया सलाम्

वे अपने खून से रोज लिखते हैं
थैलेसीमिया पीड़ितों की तकदीर

कोरोना के चलते अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी, जिन्हें रक्त की आवश्यकता भी महसूस हो रही थी। ऊपर से थैलेसीमिया के मरीजों के लिए रक्त की किल्लत इस परेशानी को और बढ़ा रही थी। लॉक डाउन के चलते लोग घरों से निकलना मुनासिफ नहीं समझ रहे थे, ऐसे में किसी से रक्तदान की बात करना बेमानी सी नजर आ रही थी। ऐसी मनोदशा से जूझ रहे पटियाला (पंजाब) के राजेंद्रा अस्पताल प्रबंधन की टेंशन लगातार बढ़ती जा रही थी।

ऐसे विकट समय में भला कौन मदद कर सकता है। तभी ख्याल आया डेरा सच्चा सौदा का, प्रबंधन ने डेरा के जिम्मेवारों को पत्र लिखकर रक्तदान करने की गुहार लगाई। जैसे ही यह पत्र डेरा सच्चा सौदा के जिम्मेवारों के हाथों तक पहुंचा, वैसे ही शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने अपने घरों से बाहर निकलकर अस्पताल तक की दूरी मात्र चंद मिनटों में ही नाप दी। 29 अप्रैल को विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ जिसमें मात्र कुछ घंटों में 72 यूनिट रक्तदान किया गया।

इन सेवादारों ने अस्पताल प्रशासन को भरोसा दिलाया कि इस विकट परिस्थिति में भी रक्तदान करने वालों की कमी नहीं आने देंगे। वायदे अनुसार पटियाला के डेरा प्रेमियों ने एक महीने तक लगातार ब्लड बैंक में पहुंचकर रोजाना 30 से 40 यूनिट रक्तदान किया। डेरा प्रेमियों के सेवादारों के इस जज्बे को देखकर अस्पताल प्रशासन उनका कायल हो उठा।

यही नहीं, समाजसेवी सतीन्द्र कौर वालीया ने भी डेरा सच्चा सौदा की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस महामारी के संकट में इन वालंटियरों द्वारा इतनी बड़ी मात्रा में रक्तदान करना, इंसानियत का सबसे बड़ा पुण्य कार्य है। उन्होंने तो यह भी कहा कि डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु किसी भी संकट के मौके पर पीछे नहीं हटते, उनके इस जज्बे से मैं बहुत प्रभावित हूँ।

वहीं शक्ति यूथ हाऊस क्लब के मैंबर हरदीप हैरी ने डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों पर गर्व जताते हुए कहा कि इनका सेवा जज्बा बेमिसाल है। ब्लड बैंक की इंचार्ज डा. रजनी ने सेवादारों के अनुशासन व सोशल डिस्टैंस की खूब सराहना की।

इस मुश्किल घड़ी में डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों द्वारा आपात स्थिति में रक्तदान करना महान कार्य है। रजिन्द्रा अस्पताल में कोरोना से संबंधित 61 मरीज हैं। इसके अलावा थैलीसीमिया के बच्चों सहित आपात मामलों के लिए रक्त की बहुत आवश्यकता रहती है। लॉकडाउन के कारण डोनरों की कमी आ रही थी, लेकिन डेरा सच्चा सौदा के वालंटियरों ने एक आह्वान पर रोजाना रक्तदान देकर मुश्किल को आसान बना दिया, जिसके लिए वे धन्यवाद के पात्र हैं।
– डा. हरजिंद्र सिंह, प्रिंसीपल राजेंद्रा मैडिकल कालेज पटियाला।
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रजिन्द्रा अस्पताल के प्रशासन द्वारा आग्रह पत्र देने के बाद यहां रक्तदान कैंप लगाया गया और जब तक ब्लॅड बैंक में रक्त की जरूरत रहेगी, डेरा श्रद्धालु रक्तदान देते रहेंगे। कोरोना संकट में किसी भी मरीज की जिंदगी खून से अभाव में जाने नहीं देंगे, क्योंकि पूज्य गुरु जी ने हमें यही प्रेरणा दी है कि दूसरों की सेवा करना ही परम धर्म है।
– हरमिंद्र नोना, 45 मेंबर पंजाब।

बठिंडा, लुधियाना, बरनाला व संगरूर में दिखा गजब उत्साह

डेरा सच्चा सौदा की ओर से विश्व थैलेसीमिया दिवस पर रक्तदान मुहिम को लेकर पंजाब भर के डेरा प्रेमियों में गजब का उत्साह देखने को मिला। बठिंडा, लुधियाना, बरनाला, संगरूर सहित कई जिलों में शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने रक्तदान कर कोरोना के खिलाफ जंग में अपनी आहुति डाली।

बठिंडा में सेवादारों ने 80 यूनिट रक्तदान किया। खास बात यह रही कि रक्तदान से पहले सेवादारों ने पूरे ब्लड बैंक को सैनेटाईज भी किया। सिविल अस्पताल के ब्लॅड बैंक ने 50 यूनिट, जबकि गुप्ता ब्लड बैंक ने 30 यूनिट रक्त का संग्रहण किया। ब्लड बैंक की इंचार्ज डॉ. करिश्मा ने भरोसा जताया कि भविष्य में भी जरूरत पड़ने पर डेरा प्रेमी ऐसे ही रक्तदान करते रहेंगे।

उधर लुधियाना के डेरा श्रद्धालुओं की ओर से डीएमसी अस्पताल, गुरू नानक अस्पताल और चंडीगढ रोड पर स्थित अकाई अस्पताल को 241 यूनिट रक्तदान किया गया। रक्तदान करने वालों में डेरा श्रद्धालुओं में बहनें भी बड़ी संख्या में शामिल हुई। रक्तदान के लिए उमड़े डेरा प्रेमियों को देखकर बीटीओ डॉ. हितेश नारंग ने हाथ जोड़कर धन्यवाद करते हुए ब्लड बैंक में रक्त संग्रहण न होने का हवाला देकर और रक्त लेने से तौबा कर दी।

ब्लॉक बरनाला की धनौला इकाई के वॉलटिंयरों ने 45 यूनिट रक्तदान किया कैंप में पहुंचे जिला उपायुक्त तेज प्रताप सिंह फुल्का ने डेरा श्रद्धालुआें के इस कार्य की भरपूर प्रशंसा की और कहा कि वे डेरा श्रद्धालुओं के जज्बे को सलाम् करते हैं जो इस कठिनाई की घड़ी में भी रक्तदान करने पहुंचे हैं।

कल्याण नगर के 10 सेवादार रोजाना ब्लड बैंक में करते हैं खूनदान

लॉकडाउन के चलते जहां आमजन अपने-अपने घरों में रहने पर मजबूर है। जिसके चलते ब्लॅड बैंकों में रक्त की कमी खटकने लगी है। ऐसे में डेरा सच्चा सौदा के रक्तदाता आगे आ रहे हैं और लगातार जरूरतमंदों की मदद की जा रही है। ब्लॉक कल्याण नगर के सेवादारों ने एक अनूठी पहल शुरू करते हुए निश्चय किया है कि ब्लॉक के 10 सेवादार प्रतिदिन पूज्य बापू मग्घर सिंह जी इंटरनेशनल ब्लड बैंक में जाकर ब्लड डोनेट करेंगे, ताकि ब्लड बैंक में दूर-दराज से आने वाले मरीजों को रक्त उपलब्ध करवाया जा सके।

ब्लॉक के जिम्मेवार 15 मैम्बर जसमेर इन्सां ने बताया कि कल्याण नगर ब्लॉक इकाई के शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के 10-11 सेवादार शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल में स्थित पूज्य बापू मग्घर सिंह जी इंटरनेशनल ब्लड बैंक में जाकर रक्तदान कर रहे हैं। इसी कड़ी में रक्तदान करते हुए कल्याण नगर ब्लॉक के 15 मैम्बर जसमेर इन्सां, प्रवीन इन्सां, यादविन्द्र इन्सां, सेवादार पालाराम, रमनदीप इन्सां, गुरमेल, भुवनेश, रोहित है।

शाह सतनाम जी शिक्षण संस्थान के स्टॉफ सदस्यों ने किया रक्तदान

लॉकडाउन के बीच थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए आई रक्त की कमी को पूरा करने के लिए वर्ल्ड थैलेसीमिया-डे पर शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल सरसा में स्थित पूज्य बापू मग्घर सिंह जी इंटरनेशनल ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें सिरसा व कल्याण नगर ब्लॉक सहित आस-पास के विभिन्न ब्लॉकों व शाह सतनाम जी शिक्षण संस्थान के स्टॉफ सदस्यों ने रक्तदान किया।

रक्तदान शिविर का शुभारंभ शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल के सीनियर फिजिशियन डॉ. गौरव अग्रवाल इन्सां, ब्लड बैंक की इंचार्ज डॉ. प्रदीप अरोड़ा, अस्पताल के मैनेजर गौरव इन्सां व रक्तदाताओं ने ‘धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ का इलाही व पवित्र नारा लगाकर किया। शिविर में 167 यूनिट रक्तदान हुआ। ब्लॅड बैंक में रक्तदान करने के लिए सेवादारों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई थी तथा सोशल डिस्टेंस व अनुशासन देखने योग्य था।

पीजीआई में किया रक्तदान

ट्राई सिटी (चंडीगढ़) के अस्पतालों, खासकर पीजीआई में उपचाराधीन मरीजों के लिए डेरा सच्चा सौदा के सेवादार लगातार रक्तदान मुहैया करवा रहे हैं। साथ ही साथ लॉकडाउन के कारण जरूरतमंद परिवारों को घर-घर जाकर राशन एवं भोजन की व्यवस्था करवाई जा रही है। प्रेमी गुरचरण सिंह, सौरव शर्मा, जसबीर सिंह सहित 18 डेरा प्रेमियों ने पीजीआई मेें रक्तदान किया।

थैलेसीमिया पीड़ित मरीजों को रक्त की बहुत आवश्यकता होती है। रक्तदान करने के दो फायदे हैं। एक तो एक यूनिट रक्त से चार जिंदगिया बचाई जा सकती हैं, तो दूसरी ओर रक्तदान करने से रक्तदानी का शरीर स्वस्थ रहता है और उसमें हार्ट अटैक व नाड़ी ब्लॉकेज की प्रॉब्लम कम होती है।
-डा. गौरव इन्सां, सीनियर फिजिशियन शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल सरसा।

एक मिसाल है सरसा ब्लॉक

गर्मी का दौर शुरू हो चुका है, वहीं कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण बेजुबान जानवरों व पक्षियों के लिए दोहरा संकट खड़ा होता नजर आ रहा है। प्रकृति के अभिन्न अंगों में शुमार इन बेजुबानों व सड़कों पर आवारा के रूप में घूमने वाले पशुओं की होती दुर्दशा को देखकर डेरा प्रेमियों ने एक मुहिम के तहत इनकी संभाल का जिम्मा उठाया है।

सरसा जिले के शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों की टीमें अलसुबह ही अपने-अपने एरिया के गली-मौहल्लों में आवारा घूमने वाले पशुओं की सार-संभाल में जुट जाती हैं। सेवादार शाम के समय भी पशुओं को हरा चारा डालने व उन्हें पानी देने की सेवा करते हैं।

वहीं पक्षियों के लिए चोगा व सकोरे की व्यवस्था की जा रही है। ब्लॉक भंगीदास कस्तूर सोनी इन्सां व जीत लाल बजाज इन्सां ने बताया कि बेजुबान पशु-पक्षियों की सेवा करना ही सबसे बड़ी इन्सानियत है। उन्होंने बताया कि सेवादारों की अलग-अलग टीमों ने शाह सतनाम जी मार्ग, कंगनपुर रोड, रानियां चुंगी, जेजे कॉलोनी, हुड्डा कॉलोनी सेक्टर 20, बरनाला रोड, चत्तरगढ़ पट्टी, अनाज मंडी सहित शहर की विभिन्न कॉलोनियों में जाकर सेवादार पशुओं के सेवा-संभाल करते हुए हरा चारा डाल रहे हैं। इसके अलावा पक्षियों को चोगा (दाना) भी दिया जा रहा है।

यही नहीं, इस कार्य के साथ-साथ सिरसा ब्लॉक के सेवादारों का सूती कपड़े से बने फेस कवर मास्क बांटने का अभियान भी जारी है। सेवादारों ने फ्रेंडस कॉलोनी, कोर्ट कॉलोनी, फ्रूट मंडी, सब्जी मंडी, इन्द्रपुरी मौहल्ला, खन्ना कौलोनी सहित अनेक कॉलोनियों में जाकर 1000 मास्क वितरित किए। डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों के इस कार्य की समस्त शहरवासी व प्रशासनिक अधिकारी काफी सराहना कर रहे है। वहीं कल्याण नगर ब्लॉक के डेरा श्रद्धालुओं ने वार्ड नम्बर 11 में नप कर्मचारियों व वार्ड पार्षद जश्न इन्सां के साथ मिलकर वार्ड में फोगिंग अभियान भी चलाया।

सोशल डिस्टेंस की अनुपालना: शादी में अपनाई अनोखी सादगी

कोरोना से बचाव को लेकर भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए डेरा अनुयाइयों ने अपने निजी कार्यक्रमों में भी सोशल डिस्टेंस की बखूबी पालना की। ऐसा ही एक उदाहरण देखने को मिला राजस्थान के 45 मेंबर सदस्य एवं राजस्थान पुलिस में बतौर ए.एस.आई तैनात दिलीप सिंह बिजारणियां (रावतसर) की बेटी की शादी में।

बिजारणियां परिवार ने अपने बेटी पुष्पा इन्सां की शादी में मेहमानों की भीड़ एकत्रित करने की बजाय अपने सामाजिक दायित्व को समझते हुए सोशल डिस्टेंस का नमूना पेश किया। इस शादी में लड़का-लड़की के अलावा केवल दोनों बच्चों के माता-पिता ही मौजूद रहे। वहीं शादी के नाम पर फिजूल खर्ची की बजाया परिवार ने जरूरतमंदों की मदद में भरपूर सहयोग दिया, जिसकी क्षेत्र में भरपूर प्रशंसा हुई।

बता दें कि लड़की की मां संतोष देवी भी राजस्थान प्रदेश की 45 मेंबर कमेटी की सदस्या है। दिलीप सिंह का कहना है कि पूज्य गुरू संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने हमें हमेशा ही अपने सामाजिक दायित्वों को पालन करना सिखाया है।

कोरोना महामारी के चलते सरकार ने सोशल डिस्टेंस को बरकरार रखने का आदेश दिया है, जिसके चलते ही शादी में मेहमानों को नहीं बुलाया गया। अपितु शादी की रस्म को सादगीपूर्ण सम्पन्न करवाया।

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