कार स्कै्रप करने के नियम जानिए, फिटनेस टेस्ट जरूरी
स्क्रैप पॉलिसी के बारे में तो आपने कई बार सुना होगा। ये भी जानते ही होंगे कि इस पॉलिसी में पुरानी कारों को स्क्रैप किया जाएगा। यानी आपकी पुरानी कार को कबाड़ बना दिया जाएगा।
अब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नोएडा में पुरानी गाड़ियों को रिसाईकल करने की पहली यूनिट का शुभारंभ किया है। कार स्क्रैपिंग का काम कैसे किया जाता है, इस बारे में कई लोग नहीं जानते। यानी आपको अपनी कार भी स्क्रैप कराना है, तब क्या करना होगा?
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हम आपको यही बताने वाले हैं। इसे आप स्टेप-बाय-स्टेप समझें-
इस पॉलिसी में 10 साल पुरानी डीजल कार और 15 साल पुरानी पेट्रोल कार को स्क्रैप किए जाने का नियम बनाया गया है। हालांकि, अब कारों का फिटनेस टेस्ट किया जाएगा। कार का इंश्योरेंस करवाने के लिए अब उसका फिटनेस टेस्ट सर्टिफिकेट जरूरी हो जाएगा। इस वजह से सभी कारों का हर साल फिटनेस टेस्ट किया जाएगा। यदि आपकी कार इस फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाती है तब उसे स्क्रैप के लिए भेजा जाएगा।
सरकार ने व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी को वॉलियंटरी व्हीकल मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम नाम दिया है। यदि किसी व्यक्ति की गाड़ी फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाती है तो उसे देश भर में 60-70 रजिस्टर्ड स्क्रैप फैसिलिटी में अपनी गाड़ी जमा करना है। सभी बड़े और मेट्रो शहरों में स्क्रैपिंग सेंटर खोले जा रहे हैं। यदि आपके शहर में ये सेंटर नहीं होगा तब आपको नजदीकी शहर वाले सेंटर में कार ले जानी होगी।
अपने कार से जुड़े सभी डॉक्यूमेंट्स जैसे रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस, इंश्योरेंस, फिटनेस सर्टिफिकेट, एक पहचान पत्र ले लें। इन सभी की फोटोकॉपी भी करवा लें। ये सारे डॉक्यूमेंट्स आपको स्क्रैपिंग सेंटर पर दिखाने होंगे। बेसिक फॉर्मेलिटी के बाद कार का स्क्रैप करने का काम शुरू हो जाएगा। आपके सामने आपकी गाड़ी के सभी पार्ट्स को अलग किया जाएगा।
कार के जरूरी कॉम्पोनेंट/पार्ट्स को अलग किया जाएगा। इन्हें दोबारा काम में लाया जा सकता है। विशेष तौर पर स्टील सबसे बड़ा रॉ मटेरियल है। बैटरी, धातु, आॅयल, कूलेंट को ग्लोबल एनवायरमेंट स्टैंडर्ड के अनुसार नष्ट किए जाएंगे, ताकि इन्हें दोबारा यूज में नहीं लाया जा सके। कार को कोई भी पार्ट आपको नहीं दिया जाएगा। जब कार स्क्रैप हो जाए तब अपने सभी ओरिजनल डॉक्यूमेंट्स वापिस लें। साथ ही इंजन नंबर, चेसिस नंबर की प्लेट भी ले लें।
जिस भी स्क्रैपिंग सेंटर पर आपकी कार स्क्रैप हो जाती है, तब वहां से एक स्क्रैपिंग से जुड़ा डॉक्यूमेंट दिया जाता है। इसे डिपॉजिट सर्टिफिकेट कहते हैं। सर्टिफिकेट में आपकी गाड़ी (मॉडल और रजिस्ट्रेशन नंबर) इतनी तारीख को स्क्रैप कर दी गई है, इस बात की डिटेल होती है। आॅटो कंपनियां इस सर्टिफिकेट पर नई गाड़ी खरीदते समय एक्स-शोरूम प्राइस के 5 प्रतिशत तक का डिस्काउंट देंगी।
कार को स्क्रैप करने के बाद ग्राहक को एक डिस्ट्रक्शन सर्टिफिकेट भी जारी किया जाता है। ये सर्टिफिकेट रीजनल ट्रांसपोर्ट आॅफिस में जाकर जमा करना पड़ता है। जिसके बाद आपकी कार को सड़क पर दौड़ने वाली गाड़ियों की लिस्ट से बाहर कर दिया जाता है, ताकि भविष्य में कोई आपकी गाड़ी के नंबर का मिसयूज नहीं कर सके।