mental health

मानसिक स्वास्थ्य को बनाएं शक्तिशाली – हमारे जीवन में स्मृति का महत्त्वपूर्ण स्थान है। आज के प्रतिस्पर्धापूर्ण युग में वही आगे बढ़ता है जिसकी स्मरण शक्ति तीव्र है। स्मरण की प्रक्रिया दो प्रकार की होती है जिसे अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक के रूपों में जाना जाता है। अल्पकालिक स्मृतियां अल्प समय की होती हैं जिसे याद रखना आवश्यक नहीं होता, किंतु दीर्घकालिक स्मृति स्थाई प्रकृति वाली होती है। इसके लिए मस्तिष्क की क्षमता को व्यापक बनाना होता है।

कई बार ऐसा देखा गया है कि स्मरण शक्ति कुछ कारणों से कमजोर होने लगती है। इनमें मुख्य कारण निम्नांकित होते हैं-

  • लंबी बीमारी की वजह से अक्सर स्मरण शक्ति कमजोर होने लगती है, क्योंकि इससे मानव मस्तिष्क में विद्युत रासायनिक क्रिया मंद पड़ जाती है।
  • सिर पर घातक चोट लग जाने से भी स्मरण शक्ति की गति धीमी पड़ जाती है।
  • बार-बार निराशा हाथ लगने से भी स्मरण शक्ति की गति धीमी पड़ जाती है।
  • उपरोक्त कारणों से यह आवश्यक नहीं है कि सभी की स्मरण शक्ति कमजोर होने ही लग जाए। हां, कुछ कम या अधिक प्रभाव तो पड़ता ही है।
  • स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए कल्पना का प्रयोग करना आवश्यक होता है। जो बात याद रखने या देखने योग्य हो, उसे देखने-सुनने या पढ़ने के बाद उसका काल्पनिक चित्र मस्तिष्क में खींच लेने से भी वह बात बहुत दिनों तक याद रहती है।
  • किसी विषय-वस्तु को अधिक समय तक याद रखने के लिए उसे संकल्प व इच्छा के साथ याद करें, क्योंकि इच्छा व संकल्प के अभाव में बात याद रखना कठिन हो जाता है। किसी विषय को स्मरण रखने के लिए एकाग्रता भी आवश्यक है।

घरेलू उपाय :

  • मक्खन, घी, जौ, शहद, तिल व सोयाबीन से बने पदार्थों को खाते रहने से स्मरण शक्ति तीव्र बनती है।
  • सौंफ का चूर्ण शहद के साथ खाते रहने से स्मरण शक्ति तीव्र बनती है।
  • खरबूजे के बीजों की बर्फी बनाकर नित्य प्रति दो पीस बर्फी को दूध के साथ खाते रहने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।
  • सर्दी में चार-पांच खजूर प्रतिदिन दूध में डालकर खाते रहने से स्मरण शक्ति तेज होती है। खजूर के स्थान पर छुहारा भी दूध के साथ लिया जा सकता है।
  • अनार के लाल-लाल दानों को नियमित रूप से खाते रहने से स्मरण शक्ति तीव्र हो जाती है।
  • गर्मी के दिनों में पेठे की मिठाई निश्चित मात्रा में रोज खाते रहने से स्मरण शक्ति में कमी नहीं होती।
  • गाय के कच्चे दूध में दो पके केलों को मथ कर नित्यप्रति कुछ दिनों तक लेते रहने पर स्मरण शक्ति में काफी वृद्धि होती है।
  • गुलाब का गुलकंद खाने से भी स्मरण शक्ति को बल मिलता है।
  • मुलहठी की जड़ का चूर्ण गाय के दूध की छाछ में मिलाकर कुछ दिनों तक प्रतिदिन पीते रहने से मस्तिष्क की कमजोरी दूर होकर स्मरण शक्ति बढ़ती है।
  • अनार, पपीता, नींबू, संतरा तथा टमाटर के रस को बराबर-बराबर मात्रा में लेकर प्रतिदिन एक कप मात्र पीते रहने से स्मरण शक्ति तीव्र होती है।
  • गेहूं के जवारे के रस को नियमित रूप से प्रतिदिन पीते रहने से स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है।
  • गाय के दूध में मखाने को उबालकर ठंडा कर लें। उसमें दो पके केले अच्छी तरह से मथकर मिला लें। इसके बाद एक चम्मच शहद मिलाकर नित्यप्रति प्रात: काल खाते रहने से मेधा शक्ति में वृद्धि होती है। -आनंद कुमार अनंत