दुनिया के सुपर स्पैशलिस्ट ने किया टाईम मशीन में जाकर अत्यंत आधुनिक मशीनों से आॅप्रेशन -सत्संगियों के अनुभव
पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपार रहमत
जीएसएम सेवादार बहन पंचवटी इन्सां उर्फ इंद्रजीत सुपुत्री सचखण्डवासी मा. ओम प्रकाश जी इन्सां, निवासी कल्याण नगर, जिला सरसा से परम पूजनीय हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपने पर हुई अद्भुत रहमत का वर्णन इस प्रकार करती है-
सन् 2010 की बात है, एक दिन मेरी जाड़ में बहुत ज्यादा दर्द होने लगा। दर्द असहनीय था और मुझे डॉक्टरी ट्रीटमेंट से भी बहुत ज्यादा डर लग रहा था, फिर भी डरती हुई मैं डॉक्टर के पास गई। मैं लगातार सुमिरन कर रही थी। जब डॉक्टर ने मेरी जाड़ को सुन्न करने के लिए इंजैक्शन लगाया तो दर्द बिल्कुल ही असहनीय हो गया। डॉक्टर ने मेरी जाड़ की सफाई करके आगे के ईलाज के लिए मुझे दोबारा आने को बोला। दर्द की वजह से मेरा सारा शरीर कांप रहा था और दोबारा आने का सुनकर तो मेरी रूह तक कांप गई थी।
डॉक्टर ने मुझे दर्द की दवाइयाँ भी दी, मगर किसी चीज का कोई असर नहीं हो रहा था और दर्द की वजह से मैं सारी रात सो नहीं पाई और सुमिरन करके अरदास करने लगी कि पिताजी, आप ही मेरा दर्द दूर करो। मुझे किसी डॉक्टर के पास नहीं जाना, मेरे डॉक्टर तो आप जी ही हो। सुमिरन करते-करते सुबह लगभग 4 बजे मुझे नींद आ गई। मैंने सपने में देखा कि डॉक्टर की ड्रेस पहने, पूज्य हजूर पिताजी मेरे पास आ रहे थे। पिताजी ने सफेद रंग का लम्बा कोट और काले जूते पहने हुए थे। वे एक बहुत ही अव्वल दर्जे के डॉक्टर लग रहे थे, इतनी खूबसूरत परसनैलिटी कि जो मैंने आज तक कभी किसी डॉक्टर में नहीं देखी। पिताजी मुझे कहने लगे ‘बेटा! डरो नहीं।
हमारे ईलाज से आपको कोई दर्द नहीं होगा।’ पिताजी की इतनी प्रभावशाली वर्ल्ड फेमस डॉक्टर वाली परसनैलिटी को देखकर मेरा दर्द ही गायब हो गया और मुझे पूरा यकीन हो गया कि अब मुझे पिताजी ठीक कर देंगे, दर्द होने ही नहीं देंगे। जैसे टाईम मशीन में जाते हैं, उस तरह पिताजी ने मुझे दिखाते हुए कहा, ‘ये देखो बेटा, आने वाले टाईम का सुपर हॉस्पिटल।’ जो मैंने वहाँ देखा, वाकई आज तक दुनिया में कहीं ऐसा हॉस्पिटल नहीं है। डेंटल-ईलाज के लिए बहुत ही खूबसूरत कुर्सियाँ थी और अत्याधुनिक यंत्र थे। पिताजी ने मुझे फिर फरमाया, ‘बेटा, तुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है, क्योंकि तेरी एक नाड़ सही तरीके से नहीं काटी गई। यहां बैठो, डरना नहीं।
अब हम ईलाज करेंगे और हम तुझे कोई दर्द नहीं होने देंगे।’ पिताजी ने फरमाया, ‘आने वाले टाईम में इंजैक्शन से सुन्न नहीं करेंगे, एक काली कार्बन प्लेट है, उसे गाल के साथ लगाएंगे और अपने आप सुन्न हो जाया करेगा।’ मैं कुर्सी पर लेट गई और पिताजी ने वही काली कार्बन प्लेट मेरी गाल के साथ लगाई और मेरी जाड़ सुन्न हो गई। इसके बाद मुझे एक कट की आवाज सुनाई दी पर कोई दर्द नहीं हुआ। मैं सुबह उठी तो इतनी हैरान हुई कि न ही मुझे जाड़ की कोई समस्या बची थी व न ही मुझे कोई दर्द हो रहा था।
जब मैं डॉक्टर के दिए टाईम के अनुसार दोबारा गई तो मेरी जाड़ देखकर वह बेहद हैरान था और मुझे कहने लगा, ‘बहन, मुझे कुछ नज़र नहीं आ रहा, ये सारा इलाज तो हुआ पड़ा है, अब मैं क्या करूं!’ सभी चैकअप करने के बाद उसने थोड़ी-सी फिलिंग कर दी। वो कहने लगा, इतना काम आपका कैसे हो गया! ये किसने कर दिया? अब मैं उसे कैसे बताती कि मेरा ईलाज तो दुनिया के सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर ने पहले ही कर दिया है।
मैं मन में कहने लगी कि भाई, जहाँ आपकी साईंस खत्म होती है वहां से तो मेरे दोनों जहान के मालिक सच्चे सतगुरु डॉक्टर की साईंस शुरू होती है। तुम लोग तो न जाने कब देखोगे जो अत्याधुनिक अस्पताल और यंत्र मेरे सतगुरु डॉक्टर ने मुझे टाईम मशीन में ले जाकर दिखाया है। दिखाया ही नहीं, बल्कि उनसे ही मेरा ईलाज कर दिया।
अपने प्यारे सतगुरु की रहमतों को बखान कर पाना तो संभव है ही नहीं, उनका बदला कैसे कोई चुका सकता है। पिताजी आपजी से अरदास करते हैं कि ऐसे ही रहमत हम सब पर बनाए रखना जी।