ये लावारिस नहीं, humanity अपने ही हैं ‘इन्सानियत’ मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों के लिए डेरा सच्चा सौदा की सराहनीय मुहिम
परिवारिक चिंताओं के चलते मानसिक तनाव से गुज़र रहे लोग कई बार अपनों से बहुत दूर चले जाते हैं, या फिर कई बार मानसिक विक्षप्तता के कारण भी कुछ लोग दुनिया की भीड़ में कहीं खो जाते हैं, जिन्हें अकसर लावारिस या गुमशुदा का नाम दे दिया जाता है। किंतु ऐसे लोगों का परिवार से बिछुड़ना उनके लिए दु:खों का सबब बन जाता है।
चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ मूलभूत सुविधाओं जैसे रोटी, कपड़ा और मकान के अभाव में उनका जीवन जीते-जी नर्क बन जाता है। न खाने-पीने की सुध-बुध, ना रहन-सहन का कोई ठिकाना। पागलों की मानिंद सड़कों पर भटकते ऐसे लोग अमूमन गंदगी से भोजन की तलाश करते दिखाई देते हैं। ऐसे मानसिक विक्षप्त लोगों की सुध लेने के लिए डेरा सच्चा सौदा ने पूजनीय डॉ. एमएसजी के पावन निशा-निर्देशन में एक अनोखी मुहिम ‘इन्सानियत’ चलाई हुई है, जो उनको अपनों-सा प्यार, दुलार, संभाल और परिवार से मेल-मिलाप करवाती है।
डेरा सच्चा सौदा के संगरिया (राजस्थान) ब्लॉक के सेवादार मानसिक रोग से पीड़ित ऐसे लोगों के लिए रोशनी की नई किरण बनकर सामने आए हैं। ये सेवादार पिछले 11 वर्षों में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, ओडिशा, दिल्ली, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश तक करीब 70,000 किलोमीटर का सफर खुद के खर्च पर तय कर बेसहारा मंदबुद्धि व मानसिक रूप से विक्षप्त करीब 200 लोगों की सार-संभाल कर उन्हें अपने परिवारों से मिला चुके हैं। इस नि:स्वार्थ सेवा के लिए सेवादार कई बार प्रशासनिक स्तर पर भी सम्मानित हो चुके हैं।
शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर कमेटी ईकाई ब्लॉक संगरिया के जिम्मेवार लाल चंद इन्सां ने ‘सच्ची शिक्षा’ से खास बातचीत में बताया कि मनुष्य के उद्धार के लिए तीन बातें बहुत आवश्यक हैं। एक तो निष्काम कर्म, दूसरा भक्ति मार्ग, तीसरा आत्मज्ञान। भक्ति करने के लिए मन का स्थिर होना बहुत जरूरी है, लेकिन आधुनिकता के दौर में मन बड़ा चंचल हो चुका है। आत्मज्ञान तो और भी कठिन मार्ग है, लेकिन यदि निष्काम कर्म किया जाए तो उससे न सिर्फ आत्म शांति मिलती है, बल्कि लोगों की जरूरतें भी पूरी होती हैं।
उन्होंने बताया कि पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के आह्वान पर संगरिया ब्लॉक के सेवादार भाइयों ने मई 2014 से इन्सानियत मुहिम के तहत सेवा की शुरूआत की, जिसमें सड़कों, चौराहों, गलियों, रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों पर बेसहारा घूमने वाले मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों की सार-संभाल करने का बीड़ा उठाया है। इसमें सेवादारों की पूरी टीम है, जिसमें 15 मेंबर कमेटी सेवादार प्रबल गोयल इन्सां, सुरजीत खोसा इन्सां, रॉकी गर्ग इन्सां, लवली गर्ग इन्सां, गुरचरण खोसा इन्सां, ब्लॉक प्रेमी सेवक ओमप्रकाश बुडानिया इन्सां, सुरेन्द्र जग्गा इन्सां, महेश गोयल इन्सां, रविंद्र खोसा इन्सां, पवन इन्सां, विजय इन्सां, सुभाष गोदारा इन्सां, विनोद हांडा इन्सां, निंदी सोनी इन्सां, संदीप बाघला इन्सां, मोनू गोयल इन्सां, अमराराम इन्सां, सुखदेव इन्सां सहित संगरिया ब्लॉक की समूची साध-संगत व पुलिस प्रशासन इसमें भरपूर सहयोग करते हैं।
Table of Contents
ऐसे लोगों को शारीरिक ही नहीं, मानसिक रूप से भी मजबूत बनाते हैं सेवादार
अक्सर सड़क किनारे या गलियों में बेसहारा घूमते लोगों को आपने देखा होगा, किंतु डेरा सच्चा सौदा सेवादारों की नज़र ऐसे लोगों को ढूंढती रहती है जो सड़क किनारे या गलियों में बेसुध हालत, फटे-पुराने, मैले-कुचेले कपड़ों में अर्धढके बदन वाले बेसहारा भटक रहे होते हैं। ये सेवादार ऐसे लोगों से बड़े प्यार-इज्जत से पेश आते हैं ताकि उनमें टूट चुकी जीवन की आशा को फिर से एक सकारात्मक ऊर्जा मिल सके। इसके बाद शुरु होता है उनकी सार-संभाल का कार्य, उनको नहलाना, सिर के बालों की कटिंग करना, नाखून काटना जैसे दैनिक कार्य भी सेवादार तन्मयता से करते हैं।
ऐसे लोगों को एक सभ्य समाज के अनुसार पहनने को अच्छे कपड़े व खाने के लिए अच्छा भोजन दिया जाता है। वहीं दूसरी ओर माहिर चिकित्सकों की मदद से उपचार भी साथ-साथ शुरु कर दिया जाता है। सेवादार बताते हैं कि बहुत से ऐसे लोग भी मिलते हैं जिनके शरीर पर इतने गहरे जख्म हो जाते हैं, जिन्हें लोग देखना भी पसंद नहीं करते। उपचार द्वारा ऐसे लोगों को राहत दिलाई जाती है और साथ में काउंसलिंग भी की जाती है ताकि उनके परिवार के बारे में जानकारी जुटाई जा सके। ऐसे लोगों को शारीरिक तौर पर ही नहीं, मानिसक रूप से भी मजबूत बनाने का प्रयास किया जाता है।
शाह सतनाम जीे ग्रीन एस वेलफेयर कमेटी के सेवादार नेशनल अवार्ड से हुए सम्मानित
समाजसेवी संस्था भाईचारा वेलफेयर आॅर्गेनाइजेशन की ओर से हनुमानगढ़ की एसकेडी यूनिवर्सिटी के गुड-डे डिफेंस स्कूल में नेशनल अवार्ड सेरेमनी का आयोजन हुआ, जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा सऊदी अरब बांग्लादेश नेपाल और भूटान की लगभग 185 से ज्यादा संस्थाओं को मानव सेवा से जुड़े विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर कमेटी की संगरिया इकाई को मानसिक रूप से परेशान रोगियों की संभाल करने, इलाज करवाने, उनको घर तक पहुंचाने व उनको उनके अपनों से मिलाने की उत्कृष्ट सेवा करने पर नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में शराबबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम अंकुर छाबड़ा ने शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर कमेटी के सेवादारों को सम्मान चिह्न देते हुए डेरा सच्चा सौदा द्वारा किए जा रहे विभिन्न मानवता भलाई कार्यों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। बता दें कि शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर कमेटी के सेवादारों को इस पुण्य कार्य के लिए तीन बार उपखंड स्तर पर और दो बार राज्य स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है।
शाबाश बेटा! शाबाश! संगरिया इस मामले में नंबर वन है
मंदबुद्धि यानि मानसिक रूप से पीड़ित लोगों की सार-संभाल मेें संगरिया ब्लॉक हमेशा दुनियाभर में अव्वल रहता है। पावन अवतार माह जनवरी के भंडारा कार्यक्रम दौरान पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने इन सेवादारों का हौंसला बढ़ाते हुए फरमाया ‘शाबाश! बेटा शाबाश!! संगरिया इस मामले में नंबर वन है। बहुत सारे मंदबुद्धि लोगों का इलाज करवा कर आपने उनको अपने घरों में भेजा है, सो आपके घरों में खुशियां आएं, मालिक से प्यार बढ़े। जितने भी लोगों ने संभाल की बहुत-बहुत आशीर्वाद।’ इस अवसर पर पूज्य गुरु जी ने इन सेवादारों को शील्ड से नवाजते हुए संगरिया ब्लॉक को नंबर वन का खिताब दिया।
गुमशुदा तथा मंदबुद्धि व्यक्तियों की देखभाल करना बहुत बड़ी सेवा है। ब्लॉक संगरिया के सेवादार इंसानियत की अनूठी मिसाल पेश कर रहे हैं। सेवादारों के इस जज्बे व हौंसले से सैकड़ों लोगों को फायदा मिला है,
जो किसी कारण अपने परिवारों से दूर हो गए थे, यह भी बड़ा गर्व का विषय है कि ये सेवादार अपने खर्च पर हजारों किलोमीटर का सफर कर ऐसे लोगों को अपनों से मिलवाते हैं, लाजवाब सेवा है! सैल्यूट है!
– प्रमोद डेलू, भाजपा जिलाध्यक्ष
हनुमानगढ़ (राजस्थान)।
———————————-
शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर कमेटी के योद्धा मानवता भलाई कार्य निष्ठा पूर्वक करते हैं जिससे समाज को एक नई दिशा मिलती है। जो लोग मानसिक पीड़ा के चलते परिवार से दूर चले जाते हैं या गुमशुदा हो जाते हैं या दुनिया उन्हें पागल समझकर उनसे नजरें फेर लेती है,
ऐसी तरसयोग्य हालत में घूम रहे लोगों का इलाज करवा कर उन्हें घर पहुंचने का कार्य संगरिया के डेरा श्रद्धालुओं द्वारा लगातार किया जा रहा है, इन सेवादारों को हम दिल से सैल्यूट करते हैं।
– राधा कृष्ण कड़वासरा, विकास अधिकारी पंचायत समिति संगरिया।
———————————-
आज के स्वार्थी युग में जहां लोग अपने बुजुर्ग मां-बाप या घर के किसी लाचार सदस्य की सेवा करने को बोझ समझते हैं, ऐसे में संगरिया के सेवादार पीड़ित लोगों की सेवा में अपने जीवन को समर्पित किए हुए हैं।
दिन-रात इंसानियत की सेवा में लगे हुए हैं, विक्षिप्त बीमार और लाचार लोगों की सार-संभाल कर उन्हें घर ही नहीं पहुंचा रहे, अपितु उपचार करवाकर उनके जीवन को खुशहाल बना रहे हैं। सेवा के इस जज्बे को हम सलाम करते हैं।
– प्रमोद सिंह उप निरीक्षक, पुलिस थाना संगरिया।