विश्व स्वास्थ्य संगठन की कमान अब भारत के हाथ India is now commanded by the World Health Organization
कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। कोई भी देश इस महामारी से अछूता नहीं रहा। लेकिन भारत ने जिस इच्छा शक्ति, धैर्य, संयम से इसका मुकाबला किया है वह दुनिया के सामने एक नजीर बन गया है।
कोरोना से जंग में एक बात प्रबलता से उठी है कि मांसाहार का सेवन करने वाले लोगों के मुकाबले शाकाहारी इन्सान में इस बीमारी से लड़ने की क्षमता ज्यादा है। शायद यही वजह है कि भारत इस महामारी से लड़ने में पूरी दुनिया में अग्रणी बनकर उबरा है।
हाई-प्रोफाइल टैक्नोलॉजी व उच्च स्वास्थ्य सुविधाओं का दम भरने वाले राष्टÑ भी कोरोना के सामने नतमस्तक नजर आ रहे हैं, लेकिन भारतीय पुरातन परंपरा के असूलों ने इस बीमारी के फैलने पर काफी हद रोकने में अहम भूमिका निभाई है, जैसे हाथ मिलाने की बजाय नमस्ते करना, घर में शुद्धता का वास, साफ-सफाई के साथ-साथ दूसरे लोगों से मिलने में यथावत दूरी बनाए रखना आदि संस्कारों को अब दुनिया भर के देश अपनाने में लगे हुए हैं।
पूज्य गुरू संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने अनेकों बार सत्संगों में भारत की महानता का जिक्र करते हुए इसे विश्व गुरू की संज्ञा दी है। पूज्य गुरू जी के ये वचन आज सही मायनों में सिद्ध हो रहे हैं। कोरोना जैसी भयानक महामारी के बीच भी भारत जिस तटस्थता से इसका मुकाबला कर रहा है, उसका जिक्र हर राष्टÑ कर रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी यह स्वीकार किया है कि भारत के लोगों की जीवनशैली और परंपरा ऐसी महामारी से लड़ने में सक्षम है। शुद्ध एवं सात्विक भोजन प्रवृति के चलते भारतीय लोगों की शारीरिक क्षमता कोरोना के संक्रमण को हराने में सक्षम मानी जा रही है। कोरोना महामारी से लड़ने की भारत की क्षमता का लौहा आज विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मान लिया है, यही वजह है कि अब विश्व स्वास्थ्य संगठन की जिम्मेवारी अब भारत के कंधों पर आ टिकी।
22 मई को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन को विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। भारत देश के लिए यह गर्व का विषय कहा जा सकता है, लेकिन यह गौरवांभूति के साथ-साथ चुनौतीपूर्ण भी है, क्योंकि भारत को अब पूरी दुनिया के सामने भविष्य में आने वाले ऐसी आपदाओं या महामारियों से भी उसी धैर्य, दृढ़ता एवं मजबूती के साथ लड़ना होगा, जिसके बलबूते उसने कोरोना को हराने में पूरी ताकत झोंक दी।
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अंदेशा हो तो टेस्ट करवाने से न घबराएं
विश्व स्वास्थ्य संगठन के नजरीये से गर बात करें तो कोविड-19 बीमारी समय के अंतराल के साथ आम बीमारी बन जाएगी। इसको लेकर लोगों को डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। जरूरत है तो केवल सावधानी रखने की। इस बीमारी से बचाव के लिए जो टिप्स बताए गए हैं उनका सही तरीके से पालन करना होगा। जैसे अपने हाथों को बार-बार सैनेटाइज करना, मास्क लगाकर रखना, भीड़ भरे क्षेत्र या एरिया में जाने से बचना, सोशल डिस्टेंस का पालन करना।
इस आदतों को अपनाकर इन्सान को आने वाले समय में कोविड-19 बीमारी के साथ जीने की आदत डालनी होगी। कोविड-19 के प्रमुख लक्षणों में खांसी और बुखार, लेकिन जरूरी नहीं है कि इन लक्षणों का मतलब आपको कोरोना हो गया है। ये सामान्य फ्लू के लक्षण भी हो सकते हैं. लेकिन अगर आपको डर है तो आप क्या कर सकते हैं?
पहला तरीका:
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड हेल्प लाइन नंबर जारी किया है और मेल आईडी भी दी है। जिसपर आप किसी भी वक्त संपर्क कर सकते हैं।
247 टोल फ्री नंबर है -1075, एक और हेल्प लाइन नंबर है – 011 23978046
दूसरा तरीका:
ज्यादातर सरकारी लैब में टेस्ट हो रहे हैं, लेकिन कुछ प्राइवेट लैब को भी इसकी इजाजत दी गई है। हालांकि आप सीधे प्राइवेट लैब में जाकर टेस्ट नहीं करा सकते। आपको इसके लिए किसी डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन की जरूरत होगी, जो आपको लिखकर दे कि आपको कोविड-19 का टेस्ट कराने की जरूरत है।
तीसरा तरीका:
तीसरा तरीका है आरोग्य सेतु ऐप। अगर आपके पास आरोग्य सेतु ऐप है तो इसके जरिए भी आपको मदद मिल सकती है। ऐप में 1075 हेल्प लाइन नंबर भी है। इसके अलावा आप ऐप पर ही कुछ सवालों का जवाब देकर सेल्फ-टेस्टिंग भी कर सकते हैं। ऐप में आपसे कुछ आसान लिखित सवाल पूछे जाएंगे- जैसे क्या आपको इनमें से कोई भी लक्षण हैं? खांसी, बुखार, सांस लेने में दिक्कत या इनमें से कोई भी नहीं, आप क्लिक करके जवाब दे सकते हैं।
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