दुनियाभर में मनाया थ्री इन वन एम.एस.जी. भंडारा
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मानवता भलाई का 168वां कार्य
अगर किसी प्रेमी जन या सेवादार को दु:ख-तकलीफ से गुजरना पड़ रहा है तो सारी साध-संगत मिलके या अकेले भी उसका आर्थिक व सामाजिक हर तरह से यथासंभव साथ देंगे।
अप्रैल महीने में फसली चक्र जैसे फिर से नए अंदाज में आने को लालायित होता है, वैसे ही डेरा सच्चा सौदा के इतिहास में यह माह बड़ा अहमियत रखता है। डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक पूजनीय बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने सन् 1960 में 18 अप्रैल के दिन चोला बदलकर खुद को पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज के यौवन रूप में प्रकट किया। इसी उपलक्ष्य में साध-संगत ने इस दिवस को दुनियाभर में ‘थ्री इन वन’ एम.एस.जी. भंडारे के रूप में मनाया। पावन भंडारे के दौरान पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां (डॉ. एमएसजी) ने लोगों को नशे और बुराइयां छुड़वाकर मानवता भलाई कार्यों के लिए प्रेरित किया।

फसली सीजन के बावजूद विभिन्न राज्यों हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, बिहार व अन्य जगहों में एमएसजी डेरा सच्चा सौदा व मानवता भलाई केन्द्रों में भारी संख्या में साध-संगत पहुंची हुई थी। ‘आॅनलाइन गुरुकुल’ से पूज्य गुरु जी ने लोगों को नशे, मांसाहार जैसी सामाजिक बुराईयों त्यागने का प्रण करवाया। इस दौरान साध-संगत ने बढ़ती मौसमी गर्मी के मद्देनजर गरीब बस्तियों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए वॉटर फिल्टर लगवाने का भी संकल्प लिया।
नि:स्वार्थ सेवा: 666 लोगों के हृदय की हुई फ्री जांच
पावन थ्री इन वन एमएसजी भंडारे के अवसर पर डेरा सच्चा सौदा की ओर से शाह सतनाम जी स्पेशलिटी हॉस्पिटल सरसा में हृदय रोग चैकअप व निवारण शिविर लगाया गया। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने कैंप का शुभारंभ किया और चिकित्सकों व अन्य स्टॉफ को अपने पावन आशीर्वाद से लाभांवित किया। यह शिविर 666 मरीजों के लिए लाभदायक साबित हुआ, जिसमें 311 पुरुषों व 355 महिलाओं की जांच की गई। कैंप में 50 लोगों की इको जांच, 149 की ईसीजी की गई। चिकित्सकों की ओर से मरीजों की हृदय रोग संबंधी जांच के साथ-साथ लैब संबंधी, इको व ईसीजी जांच नि:शुल्क की गई। इसके अलावा दवाइयाँ भी फ्री दी गई।

































































