Men’s troubles and mental health in hindi: केवल महिलाओं की ही मानसिक परेशानियां नहीं होती, पुरुषों की भी होती हैं, जैसे अपने कैरियर को चुनना और उसमें सफल होना, शादी के बाद पत्नी को खुश रखना, अच्छा पति और पिता साबित होना, भौतिक सुख सुविधाएं परिवार को देना, पत्नी और अपने माता-पिता के बीच सही से सामंजस्य बिठाना, मोटा बैंक बैलेंस होना आफिस में बेहतर प्रदर्शन देना आदि। इसी चिंता में वे भी तनावग्रस्त बने रहते हैं।
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कैरियर का चुनाव
गंभीर प्रवृत्ति के लड़के तो अपने कैरियर का चुनाव भी खूब सोच-विचार कर करते हैं, ताकि अपने भविष्य काल में सही पैसा कमा सकें और सम्मान जनक जिंदगी जी सकें। मस्त स्वभाव वाले ज्यादा गंभीर रूप से कैरियर का चुनाव नहीं कर पाते। जहां दाखिला मिल गया ठीक है। जब अपने कैरियर में अच्छे से नहीं सेट हो पाते तो उनकी चिंता बढ़ जाती है और डर सताने लगता है क्या मुझे अच्छी पत्नी मिलेगी और मेरे साथ खुश रहेगी।
पुरुषों में यह मानसिक परेशानी आम होती है कि अगर पैसा है तो पत्नी और परिवारवालों में इज्जत बनी रहती है। कई बार पुरूष इसी चिंता में ग्रस्त रहने के कारण पत्नी को सही इनकम नहीं बताते और हर समय पैसे की जोड़ तोड़ में लगे रहते हैं। भविष्य में बच्चे ंकी पढ़ाई के लिए। कैसे पैसा एकत्र करें हमेशा मन में विचार करते हैं और भविष्य की तैयारी पहले से कर लेना चाहते हैं।
दोस्त और पड़ोसी हमसे बेहतर कैसे
पुरुषों के मन में यह भी चलता रहता है कि मेरे दोस्त और पड़ोसी हमसे बेहतर कैसे। वह भी उस स्तर तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं। उनके मन में डर रहता है कहीं कमी होने पर पत्नी और बच्चे नाराज न हो जाएं। कई पुरूष इसी डर से कई बार अपनी हैसियत से आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं ताकि उनकी हैसियत उनके जान पहचान वालों से अच्छी प्रकट हो।
परिवार खुश है या नहीं
Men’s Troubles and Mental Health in Hindi: पुरूषों के मन में यह भी एक चिंता रहती है कि उसके माता-पिता, पत्नी, बच्चे यानी की उसका परिवार पूर्ण रूप से खुश है या नहीं। पुरुष हमेशा सोचता है कि क्या उसने एक अच्छा बेटा, एक अच्छा पति, एक अच्छा पिता होने का पूर्ण फर्ज निभाया है या नहीं। एक सकारात्मक व अच्छा पुरुष प्राय: अपने मन में यह धारणा रखता है कि एक खुशहाल परिवार बनाकर रखना है। ऐसे में घर पर आनी वाली हर परेशानी को वह अपने पर लेता है और उसे हल करने की भरपूर प्रयास करता है।
मोटापा उन्हें बोर न बना दे
महिलाओं की तरह आधुनिक पुरूषों में भी यह चिंता का विषय बना रहता है कि कहीं वे मोटे न हो जाएं। बचपन में खुलकर चाकलेट, आइसक्रीम, हलवा पूड़ी खाने वाले जवान होने के बाद अपने व्यक्तित्व के प्रति जागरूक हो जाते हैं। इसलिए आजकल के पुरूष वजन नियंत्रण रखने के लिए परेशान रहते हैं।
शरीर पर अनचाहे बालों का जमावड़ा
आधुनिक पुरुष अपने पेट, पीठ, बाजू, सीने पर अनचाहे बालों से भी परेशान रहते हैं क्योंकि आजकल बालीवुड स्टार और मॉडल्स को बिना बालों के साफ चिकना दिखाया जाता है। अगर उनके शरीर पर ज्यादा बाल हैं तो उन्हें कपड़ों से छिपाने का प्रयास करते हैं। कई बार कई पुरुष अनचाहे बालों के कारण कांपलेक्स में आ जाते हैं। क्योंकि लोग ऐसे पुरूषों को वनमानुष और आदिमानव कहने से भी नहीं कतराते अब पुरूष अपने अनचाहे बालों को पुरुषत्व की शान नहीं समझते। थोड़े बाल तो पुरुषत्व की पहचान होती है। अधिक बाल गंवारपन दर्शाता है। गंजा होने का डर उनको सताता रहता है।
आॅफिस में ऊंचे पद तक पहुंचना
पुरुषों में यह भी एक मानसिक तनाव (mansik tanav) का कारण होता है कि उनका प्रोफाइल कैसा है? उनको प्रमोशन समय पर मिलेगी या नहीं। चाहे वेतन में मोटा लाभ न हो पर डेजिग्नेशन बढ़िया होना चाहिए ताकि वे अपनी पत्नी, परिवार और संबंधियों पर प्रभाव डाल सके। उन्हें नौकरी या व्यवसाय में सफलता मिलनी चाहिए चाहे काम अधिक क्यों न करना पड़े।
– नीतू गुप्ता
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