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बार-बार हॉस्पिटल न जाएं
save असंक्रमित गर्भवती को नियमित जांच के लिए हॉस्पिटल जाने से बचना चाहिए। फोन पर अपने डॉक्टर्स से संपर्क कर जानकारी कर लें। प्रेग्नेंसी के 12वें और 19वें सप्ताह में रक्त की जांच और स्कैन के लिए डॉक्टर विजिट जरूरी है। इसके बाद 32वें सप्ताह में ही जाएं। हॉस्पिटल जाते समय भी पूरी तरह से सुरक्षा का ध्यान रखें। मास्क पहनें। कोशिश करें कि एक ही तीमारदार साथ में जाएं।
सर्दी-खांसी को हल्के में न लें
गर्भवती में सर्दी, जुकाम, बुखार या सांस लेने में तकलीफ की शिकायत को हल्के में न लें। अगर कोरोना वायरस या इससे संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने का संदेह हो तो तत्काल पास के सरकारी हॉस्पिटल में इसकी सूचना दें। अपने मन से कोई भी दवा न दें।
अंकुरित अनाज ज्यादा खाएं
अभी हर पौष्टिक चीजें उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए कोशिश करें अनाज और दालों को अंकुरित कर खाएं। इसमें पौष्टिकता बढ़ जाती है। गुड़-मूंगफली, काले चने, मोंठ आदि ज्यादा खाएं। दूध और हरी सब्जियां व फल मिलता है तो जरूर लें। इसके साथ ही समय पर डाइट लें। खाना एक साथ ज्यादा मात्रा में खाने की जगह थोड़ा-थोड़ा कई बार में खाएं। एक्सरसाइज न करें लेकिन दिनभर में कई बार घर के अंदर या छत पर चहलकदमी जरूर करते रहें। इससे मूड अच्छा होता है। सेहत भी ठीक रहती है। नकारात्मक खबरों या सूचना से बचें। इससे भय होता है। गर्भस्थ शिशु पर भी असर पड़ सकता है। योग-ध्यान नियमित करती रहें।
आशंका होने पर होती है जांच
गर्भवती में कोरोना की आशंका होने पर इसकी जांच की जाती है और इलाज भी होता है। जांच के लिए स्वाब लेकर आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाता है। इस समय अधिक गर्भवतियों को सामान्य प्रसव के लिए प्रयास किया जा रहा है। कुछ ही गर्भवती हैं जिनको कोई परेशानी पहले से है उनको ही सजेरियन डिलीवरी के लिए कहा जाता है। 34 सप्ताह से कम की प्रेग्नेंसी है या हल्की परेशानी जैसे उल्टी और जी घबरा रहा है। इसके लिए हॉस्पिटल न जाएं। अगर तेज दर्द हो रहा है, फिर पैरों में ज्यादा सूजन हो रहा है तो ही सावधानी से हॉस्पिटल जाएं।
तनाव से बचें
कोविड-19 के कारण गर्भवती पर तनाव होना स्वभाविक है लेकिन परेशान होने की जरूरत नहीं है। अधिकतर हॉस्पिटल्स में सामान्य प्रसव की व्यवस्था है। तनाव के कारण गर्भवती और उसके भ्रूण दोनों पर असर होगा। मां का तनाव बच्चे में पहुंच जाता है। प्रीम्चयोर बर्थ, ट्रॉमा, बाद में बच्चे को डिप्रेशन, स्टेÑस और एंग्जायटी, सिजोफ्रेनिया आदि की समस्या हो सकती है। शिशु के बड़े होने पर भी कई परेशानियां हो सकती हैं।
कोरोनाकाल को देखते हुए ध्यान रखें:
- नियमित रूप से हाथ धोएं। कुछ भी खाने या चेहरे को हाथ लगाने से पहले हाथ जरूर धोएं।
- आपको या आसपास किसी अन्य व्यक्ति को छींक या खांसी आए तो टिश्यू का इस्तेमाल करें। इसके बाद हाथ जरूर धोएं।
- कोरोना से ग्रस्त व्यक्ति के किसी भी तरह से संपर्क में न आएं।
- संभव हो तो सार्वजनिक परिवहन जैसे बस या ट्रेन में न जाएं। हो सके तो घर से ही काम करें।
- भीड़भाड़ वाले इलाकों से दूर रहें।
- दोस्तों और रिश्तेदारों से बात करने के लिए मिलने की बजाय फोन का इस्तेमाल करें।
- अगर आपकी तीसरी तिमाही चल रही है तो आपको बिलकुल भी सार्वजनिक जगहों पर नहीं जाना चाहिए। लोगों से कम बात करें और पर्याप्त दूरी बनाकर रखें।
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