जिस तरह बैडरूम, ड्राइंगरूम आदि हमारे घर का हिस्सा होते हैं, उसी तरह स्टडी-रूम को भी हमें अपने घर का हिस्सा बनाना चाहिए लेकिन हमारे मध्यमवर्गीय परिवारों में स्टडीरूम का कम ही चलन है।
घरों में चाहे जगह क्यों न हो, फिर भी अलग से स्टडी-रूम बनाने की जरूरत महसूस नहीं की जाती, बल्कि गेस्ट रूम, ड्राइंगरूम आदि को ही प्राथमिकता दी जाती है। दरअसल पढ़ाई का मतलब सिर्फ बच्चों की पढ़ाई से ही लगाया जाता है जिनकी किताबों और स्कूल बैग आदि के लिए एक दो अलमारियां ही काफी होती हैं, बड़ों को तो जैसे कुछ भी पढ़ने की जरूरत नहीं होती, घर में आने वाला अखबार ही उनके पढ़ने के लिए काफी है।
उससे दुनिया-भर की खबरें मिल जाती हैं। फिर भला पढ़ने के लिए एक अलग कमरे की बात कहां से दिमाग में आएगी!
घर में एक स्टडी-रूम हो, इस बात को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। यह घर का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए।
यदि घर में अलग से स्टडी-रूम बनाने की जगह नहीं है तो घर के किसी कमरे के एक कोने में स्टडी यूनिट लगा सकती हैं।
यदि अलग से स्टडी-रूम घर में बनवाने जा रही हों तो ध्यान रखें कि यह ऐसी जगह पर हो जहां सूर्य का उचित प्रकाश पहुंचता हो। जगह ऐसी हो जहां ज्यादा लोगों का आना जाना न रहे। सूरज की रोशनी के साथ-साथ ताजी हवा भी आती – जाती रहे। कमरे में ज्यादा शोरगुल भी न पहुंचे, इसका भी ध्यान रखें। कमरे का वातावरण बिल्कुल शांत होना चाहिए। कमरे में कोई डिस्टर्बेन्स न हो।
कमरा तैयार होने के बाद उसकी फर्निशिंग और साज-सज्जा का प्रश्न उठता है। इसके लिए ध्यान रखें, कमरे में सबसे जरूरी हैं किताबें रखने के लिए रैक, पढ़ने के लिए मेज एवं कुर्सियां। मेज कमरे में इस तरह रखी हो कि रोशनी बाईं ओर से आती हो। यदि ऐसा नहीं हो पा रहा हो तो टेबल लैंप की व्यवस्था करें। अधिकतर लोग दाएं हाथ से लिखते हैं, इसलिए रोशनी दाएं तरफ से आए तो सही रहता है।
कमरे में मेज के साथ बैठने के लिए जो कुर्सी रखें, वह ऐसी होनी चाहिए जिससे कि कमर बिलकुल सीधी रहे। यह पढ़ने की कुर्सी होती है, आराम करने के लिए नहीं होती, इस बात का खास ख्याल रखें। यदि कमरे में पर्याप्त जगह है तो आराम कुर्सियों का अलग से प्रबंध किया जा सकता है। इन पर फुरसत में बैठकर मनपसंद किताबें पढ़ सकते हैं। इन पर आराम मिलेगा लेकिन ये हर समय बैठे रहने के लिए नहीं होतीं। कुछ देर आराम करने के लिए ये बनाई गई हैं।
कुछ और भी बातों का खास ख्याल रखें। सबसे जरूरी तो यही है कि कमरे में पर्याप्त रैक्स होने चाहिए जिसमें किताबें आसानी से रखी और उठाई जा सकें। स्टेशनरी वगैरह के लिए अलग से ड्राअर वगैरह बनवाएं। कमरे में ग्लोब, एटलस, भारत एवं वर्ल्ड के नक्शे होने चाहिए और सभी सामान व्यवस्थित ढंग से रखा होना चाहिए।